रुड़की: बीजेपी विधायक प्रदीप बत्रा के मास्क नहीं पहनने वाले बयान पर सियासत शुरू हो गई है. बत्रा के बयान के बाद बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता मयंक गुप्ता ने जहां सफाई देते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री जी की ओर से मास्क पहनना अनिवार्य नहीं है ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है. वहीं, विपक्षी दल कांग्रेस ने बत्रा के खिलाफ सिविल लाइन कोतवाली में तहरीर देकर कानूनी कार्रवाई की मांग की है. हालांकि, अपनी और पार्टी की फजीहत होते देख बत्रा ने सफाई भी दी है. अब उन्होंने सभी से मास्क पहनने की अपील की है.
बता दें, बीजेपी विधायक प्रदीप बत्रा ने 15 अगस्त को आयोजित एक कार्यक्रम में बयान दिया कि मुख्यमंत्री ने ये घोषणा की है कि अब मास्क पहनना अनिवार्य नहीं है. अगर कोई चालान करता है तो वो गलत होगा. प्रदीप बत्रा का ये बयान सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. प्रदीप बत्रा के इस बयान से प्रदेश में सियासत गरमा गई है. आनन-फानन में बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता मयंक गुप्ता को मीडिया में आकर सफाई देनी पड़ी कि मुख्यमंत्री की ओर से ऐसा कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है.
मयंक गुप्ता ने कहा है कि विधायक प्रदीप बत्रा के इस बयान के पीछे क्या मंशा रही है ? यह तो उनको नहीं पता, लेकिन उत्तराखंड और रुड़की की जनता से उनका निवेदन है कि मास्क पहनना अनिवार्य है. इसीलिए मुख्यमंत्री ने मास्क नहीं पहनने वालों का चालान कुछ दिन पहले ही दोगुना किया है.
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इस बीच कांग्रेस को भी बैठे-बिठाए बीजेपी को घेरने का मुद्दा मिल गया है. कांग्रेस नेता बिट्टू शर्मा ने कहा कि विधायक का ये बयान बड़ा ही गैर जिम्मेदाराना है. दुनिया इस समय कोरोना महामारी से पीड़ित है और विधायक ऐसा बयान दे रहे हैं, जो गलत है. इसीलिए उन्होंने विधायक प्रदीप बत्रा के खिलाफ सिविल लाइन कोतवाली में तहरीर देकर कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
इस पूरे मामले पर विधायक प्रदीप बत्रा ने सफाई भी दी है. उन्होंने कहा है कि इस तरह से राजनीति करना बिल्कुल सही नहीं है. अपने ऊपर कार्रवाई की तलवार लटकती देख उन्होंने कहा है कि मास्क पहनना अनिवार्य है. उन्होंने यह भी कहा है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह कहा गया है कि अगर किसी को सांस की समस्या है, तो वह मास्क उतार सकता है. हालांकि, उन्होंने सभी से मास्क पहनने की अपील भी की है.