हरिद्वारः बैरागी कैंप में अतिक्रमण को लेकर बैरागी अखाड़ों में आक्रोश है. अखाड़ों की मानें तो कुंभ मेले में सभी साधु-संत बैरागी अखाड़े में ही अपना टेंट और तंबू लगाते हैं, लेकिन साल 2010 के महाकुंभ के बाद बैरागी कैंप में काफी अवैध अतिक्रमण किया गया है. जिसे हटाने की मांग लगातार बैरागी अखाड़े कर रहे हैं. वहीं, अब मामले को लेकर एक कमेटी बनाई जाएगी. जो बैरागी कैंप की मॉनिटरिंग करेगी. साथ ही ड्रोन कैमरे से वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी.
दरअसल, महाकुंभ मेला खत्म होने के बाद बैरागी कैंप में अवैध अतिक्रमण न हो और जितने भी अवैध अतिक्रमण किए गए हैं, उसे हटाने की मांग की जा रही है. तीनों अखाड़े निर्मोही, निर्वाणी और दिगम्बर के साधु-संतों ने राज्य सरकार से बैरागी कैंप में अवैध अतिक्रमण हटाने की मांग की है. साथ ही 12 साल तक इस भूमि की देखभाल करने को कहा है. वहीं, साधु-संतों ने कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल के सामने भी अपनी मांगों को रखा है.
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बैरागी संतों का कहना है कि हर 12 साल बाद हरिद्वार में महाकुंभ मेले का आयोजन होता है. सालों से गंगा किनारे बैरागी कैंप में ही उनके शिविर लगते आए हैं, लेकिन इस क्षेत्र में अतिक्रमण होने से जमीन का क्षेत्रफल कम होता जा रहा है. इसलिए उनकी सरकार और मेला प्रशासन से मांग है कि यहां अतिक्रमण रोकने लिए कोई ठोस नीति बनाई जाए.
वहीं, बैरागी संतों की इस मांग को जायज बताते हुए आईजी संजय गुंज्याल ने कहा कि बैरागी कैंप क्षेत्र की ड्रोन कैमरे से वीडियोग्राफी कराई जाएगी. इस रिकॉर्ड को सरकार को भी भेजा जाएगा. इसके अलावा एक कमेटी का गठन भी किया जाएगा. जिसमें मेला और जिला प्रशासन समेत तीनों बैरागी अखाड़ों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. कमेटी का प्रयास रहेगा कि किसी भी हालत में बैरागी कैंप में अतिक्रमण न हो.