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Daksh Prajapati Temple: CM धामी ने पत्नी के साथ दक्ष प्रजापति मंदिर में की पूजा-अर्चना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी पत्नी के साथ मंगलवार शाम कनखल के प्राचीन दक्षेश्वर महादेव मंदिर और भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हुए हवन-पूजन किया.

Daksh Prajapati Temple
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
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Published : Mar 7, 2023, 10:15 PM IST

हरिद्वार: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी पत्नी के साथ मंगलवार शाम कनखल के प्राचीन दक्षेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे. जहां उन्होंने महालक्ष्मी के जन्म दिवस के अवसर पर जलाभिषेक के साथ हवन-पूजन भी किया. करीब 3 घंटे चले इस पूजा को महंत रवींद्र पुरी ने पूरे विधि विधान के साथ संपन्न कराया.

  • आज होली के शुभ अवसर पर हरिद्वार स्थित दक्ष प्रजापति मंदिर में पूजा-अर्चना कर समस्त प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की। pic.twitter.com/L3xySokrwt

    — Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) March 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर का प्राचीन इतिहास है. इसे भगवान शंकर की ससुराल भी कहा जाता है यही कारण है कि इस क्षेत्र की महत्ता देश ही नहीं पूरी दुनिया में विख्यात है. कहा जाता है कि इस स्थान पर की गई कोई भी पूजा विफल साबित नहीं होती. यही कारण है कि सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बड़े ही गोपनीय ढंग से दक्ष प्रजापति मंदिर अपनी पत्नी के साथ पहुंचे और करीब 3 घंटे पूरे विधि विधान के साथ पहले भगवान शंकर का रुद्राभिषेक किया और उसके बाद हवन किया.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दक्ष प्रजापति के मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने प्रार्थना की है कि प्रदेश में पूरी तरह से सुख शांति बने रहे. होली के रंगों की तरह सभी के जीवन में खुशियों के रंग मिले और प्रदेश का हर नागरिक प्रदेश-देश की उन्नति के लिए आगे बढ़कर काम करें.

ये भी पढ़ें: Kumaoni Holi: CM आवास में जमी कुमाऊंनी महफिल, जमकर थिरके नेताजी, होल्यारों ने भी मचाया गदर

इस दौरान महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि आज महालक्ष्मी का जन्मदिन है. समुद्र मंथन के दौरान जो 14 रत्न निकले थे, उसमें से एक महालक्ष्मी भी थीं. जो बाद में भगवान विष्णु की पत्नी भी कहलाई. पूरे विश्व के शरणार्थियों के लिए होली का एक ऐसा पर्व है, जिस पर भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए नृसिंह भगवान का अवतार लिया. इस दिन जो भी साधना की जाती है, उस साधना का पुण्य फल प्राप्त होता है. यही कारण है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी पत्नी के साथ पूजा अर्चना करने दक्षनगरी पहुंचे.

हरिद्वार: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी पत्नी के साथ मंगलवार शाम कनखल के प्राचीन दक्षेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे. जहां उन्होंने महालक्ष्मी के जन्म दिवस के अवसर पर जलाभिषेक के साथ हवन-पूजन भी किया. करीब 3 घंटे चले इस पूजा को महंत रवींद्र पुरी ने पूरे विधि विधान के साथ संपन्न कराया.

  • आज होली के शुभ अवसर पर हरिद्वार स्थित दक्ष प्रजापति मंदिर में पूजा-अर्चना कर समस्त प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की। pic.twitter.com/L3xySokrwt

    — Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) March 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर का प्राचीन इतिहास है. इसे भगवान शंकर की ससुराल भी कहा जाता है यही कारण है कि इस क्षेत्र की महत्ता देश ही नहीं पूरी दुनिया में विख्यात है. कहा जाता है कि इस स्थान पर की गई कोई भी पूजा विफल साबित नहीं होती. यही कारण है कि सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बड़े ही गोपनीय ढंग से दक्ष प्रजापति मंदिर अपनी पत्नी के साथ पहुंचे और करीब 3 घंटे पूरे विधि विधान के साथ पहले भगवान शंकर का रुद्राभिषेक किया और उसके बाद हवन किया.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दक्ष प्रजापति के मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने प्रार्थना की है कि प्रदेश में पूरी तरह से सुख शांति बने रहे. होली के रंगों की तरह सभी के जीवन में खुशियों के रंग मिले और प्रदेश का हर नागरिक प्रदेश-देश की उन्नति के लिए आगे बढ़कर काम करें.

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इस दौरान महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि आज महालक्ष्मी का जन्मदिन है. समुद्र मंथन के दौरान जो 14 रत्न निकले थे, उसमें से एक महालक्ष्मी भी थीं. जो बाद में भगवान विष्णु की पत्नी भी कहलाई. पूरे विश्व के शरणार्थियों के लिए होली का एक ऐसा पर्व है, जिस पर भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए नृसिंह भगवान का अवतार लिया. इस दिन जो भी साधना की जाती है, उस साधना का पुण्य फल प्राप्त होता है. यही कारण है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी पत्नी के साथ पूजा अर्चना करने दक्षनगरी पहुंचे.

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