रुड़की: कोरोना महामारी की वजह से आम-जनजीवन काफी प्रभावित हुआ है. देश में कोरोना के ग्राफ को रोकने के लिए सरकार ने पहले देशभर में लॉकडाउन किया. फिर कोरोना कर्फ्यू लगाया गया. इस दौरान स्कूल भी बंद कर दिए गए. ताकि बच्चों में कोरोना का संक्रमण न फैलने पाए और बच्चे अपने घरों में सुरक्षित रहें. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्कूल कॉलेज तो बंद हो गए, लेकिन बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए ऑनलाइन क्लासेज शुरू हो गईं. अब देखा जा रहा है कि लगातार ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों की आंखों पर बुरा असर पड़ा है. हालांकि अब स्कूल खुल चुके हैं.
कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले बच्चों की आंखों पर चश्मा लगने तक की नौबत आन खड़ी हुई है. अस्पताल में भी आंखों के मरीजों में बच्चों की तादाद ज्यादा है. अब स्कूल खुल चुके हैं, लेकिन लंबे अरसे तक ऑनलाइन पढ़ाई करने के बाद बच्चों को नजर की तकलीफ होना सामने आ रही है.
बता दें कि, रुड़की के सिविल अस्पताल में कोरोना काल के चलते आंखों की परेशानी को लेकर ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले बच्चों की संख्या बढ़ने लगी है. कुछ समय पहले तक आंखों की परेशानी को लेकर सिविल अस्पताल में बच्चे काफी कम संख्या में पहुंचते थे. लेकिन अब उनकी यह संख्या काफी हद तक बढ़ गई है.
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बता दें कि, कोरोना काल को लेकर पिछले करीब डेढ़ साल से बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं. इसका असर अब उनकी आंखों पर दिखाई देने लगा है. कोरोना काल के चलते बच्चे ज्यादातर समय मोबाइल फोन और लैपटॉप पर ही बिता रहे थे. इस कारण उन्हें अन्य दिक्कतों के साथ आंखों में भी परेशानी होनी शुरू हो गई है. इसी कारण सिविल अस्पताल में आंखों की परेशानी को लेकर बच्चों की संख्या भी काफी बढ़ी हुई है. डॉक्टर के अनुसार आंखों के मरीजों में ज्यादा तादाद बच्चों की है. अस्पताल के डॉक्टर भी मानते हैं कि ऑनलाइन पढ़ाई का असर बच्चों की आंखों पर पड़ा है.