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छठ पूजाः उत्तराखंड में धूमधाम से मनाया जा रहा पर्व, सूर्य को अर्ध्य देने के लिए उमड़ा आस्था का सैलाब

उत्तराखंड में सूर्य देव की आराधना के महापर्व छठ पूजा धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. तीसरे दिन ढलते हुए सूरज को अर्ध्य दिया गया. इस दौरान व्रती महिलाओं ने सूर्य देव की पूजा-अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की.

छठ पूजा
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Published : Nov 3, 2019, 12:04 AM IST

हरिद्वार/ऋषिकेश/लक्सर/विकासनगर/खटीमा/कालाढूंगीः सूर्य देव की आराधना के महापर्व छठ पूजा पूरे देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. छठ पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. तीसरे दिन ढलते हुए सूरज को अर्ध्य दिया गया. इस दौरान व्रती महिलाओं ने सूर्य देव की पूजा-अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की. वहीं, गंगा घाटों और विभिन्न जगहों पर स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी रही.

उत्तराखंड में धूमधाम से मनाया जा रहा छठ पर्व

हरिद्वार
छठ पूजा के मौके पर हरिद्वार के तमाम गंगा घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ा. इस दौरान डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य देने के लिए देर शाम तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मौजूद रही. हरकी पैड़ी समेत तमाम घाटों पर दोपहर बाद से ही श्रद्धालुओं के जुटने का सिलसिला शुरू हो गया था. छठ के इस पर्व पर बच्चे जहां आतिशबाजी करते नजर आए तो वहीं महिलाएं मां गंगा और सूर्य की पूजा-अर्चना करती दिखीं.

छठ पूजा को काफी कठिन माना जाता है. यह पूजा तीन दिन तक चलती है. दूसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य देने के बाद अगले दिन यानि तीसरे दिन खरना के साथ उगते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है. इसके बाद ही यह पर्व पूरा होता है. इसके बाद 36 घंटे तक चलने वाला व्रत भी पूरा होता है. ऐसे में सुबह उगते सूर्य को अर्ध्य देने के बाद ही श्रद्धालु अपना व्रत खोलकर प्रसाद ग्रहण कर सकेंगे.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड@19: स्थापना दिवस पर रैतिक परेड का होगा आयोजन, दिखेगा पुलिस जवानों का अदम्य साहस

ऋषिकेश
तीर्थनगरी के त्रिवेणी घाट में छठ पर्व के तीसरे दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी घाट पहुंचकर पूजा अर्चना कर रहे हैं. साथ ही त्रिवेणी घाट पर रंगारंग कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है. जहां पर भोजपुरी गीतकार अपनी प्रस्तुति देंगे. लोगों की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद किए हैं.

ऋषिकेश के मुख्य मार्गों को भी डायवर्ट किया गया है. जिससे जाम की स्थिति पैदा ना हो. वहीं, किसी भी अप्रिय घटना से बचाने के लिए त्रिवेणी घाट समेत सभी स्नान घाटों पर जल पुलिस के जवान भी तैनात किए गए हैं.

लक्सर
लक्सर में भी छठ पर्व की रौनक है. पूर्वांचल से आए हुए लोग धूमधाम से छठ पर्व मना रहे हैं. भारी संख्या में महिलाओं ने कठिन निर्जला उपवास रखा है. शुगर मिल परिसर में काफी संख्या में लोगों ने छठ पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाया.

वहीं, व्रती महिलाओं ने बताया कि छठ पर्व में व्रत सुख समृद्धि और संतान की वृद्धि के लिए रखा जाता है. जो भी निःसंतान महिलाएं इस व्रत को रखती हैं, छठ मैया उनकी मनोकामना पूरी करती है.

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विकासनगर

विकासनगर के गंगबावड़ी में छठ पर्व पर आस्था का सैलाब उमड़ा रहा. व्रती महिला निभा देवी ने बताया छठ पूजा का व्रत 3 दिनों का व्रत रखा जाता है. सूर्य को अर्ध्य देने के साथ निर्जला व्रत रखने की परंपरा है.

पूर्वांचल समाज के अशोक कुमार सिंह ने बताया कार्तिक पक्ष को यह पर्व मनाया जाता है. इस दौरान प्रत्यूषा वर्षा का व्रत रखा जाता है. यह एक प्रकृति का त्योहार है. भगवान राम जब अयोध्या से लौटे थे तो राम और सीता जी ने यह व्रत रखा था.

खटीमा
डूबते हुए सूर्य भगवान को अर्ध्य देने के लिये खटीमा के संजय पार्क में छठ पूजा का भव्य आयोजन किया गया. जहां पर सैकड़ों की संख्या में महिलाओं, बच्चों और विवाहित जोड़ों ने छठ पर्व को मनाते हुए डूबते सूर्य को अर्ध्य अर्पित किया.

कालाढूंगी
कालाढूंगी के कोटाबाग रोड स्थित छठ घाट पर हजारों पूर्वांचली परिवार हर्षोल्लास और आध्यात्मिक छटा में रंग कर छठ पर्व मना रहा है. इस दौरान छठ घाट में महिलाओं ने पूजा-अर्चना कर सूर्य की उपासना की. साथ ही ढोल नगाड़ों के साथ छठ घाटों को अद्भुत तरीके से सजाया गया है.

हरिद्वार/ऋषिकेश/लक्सर/विकासनगर/खटीमा/कालाढूंगीः सूर्य देव की आराधना के महापर्व छठ पूजा पूरे देश भर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. छठ पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. तीसरे दिन ढलते हुए सूरज को अर्ध्य दिया गया. इस दौरान व्रती महिलाओं ने सूर्य देव की पूजा-अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की. वहीं, गंगा घाटों और विभिन्न जगहों पर स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी रही.

उत्तराखंड में धूमधाम से मनाया जा रहा छठ पर्व

हरिद्वार
छठ पूजा के मौके पर हरिद्वार के तमाम गंगा घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ा. इस दौरान डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य देने के लिए देर शाम तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मौजूद रही. हरकी पैड़ी समेत तमाम घाटों पर दोपहर बाद से ही श्रद्धालुओं के जुटने का सिलसिला शुरू हो गया था. छठ के इस पर्व पर बच्चे जहां आतिशबाजी करते नजर आए तो वहीं महिलाएं मां गंगा और सूर्य की पूजा-अर्चना करती दिखीं.

छठ पूजा को काफी कठिन माना जाता है. यह पूजा तीन दिन तक चलती है. दूसरे दिन डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य देने के बाद अगले दिन यानि तीसरे दिन खरना के साथ उगते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है. इसके बाद ही यह पर्व पूरा होता है. इसके बाद 36 घंटे तक चलने वाला व्रत भी पूरा होता है. ऐसे में सुबह उगते सूर्य को अर्ध्य देने के बाद ही श्रद्धालु अपना व्रत खोलकर प्रसाद ग्रहण कर सकेंगे.

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ऋषिकेश
तीर्थनगरी के त्रिवेणी घाट में छठ पर्व के तीसरे दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी घाट पहुंचकर पूजा अर्चना कर रहे हैं. साथ ही त्रिवेणी घाट पर रंगारंग कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है. जहां पर भोजपुरी गीतकार अपनी प्रस्तुति देंगे. लोगों की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद किए हैं.

ऋषिकेश के मुख्य मार्गों को भी डायवर्ट किया गया है. जिससे जाम की स्थिति पैदा ना हो. वहीं, किसी भी अप्रिय घटना से बचाने के लिए त्रिवेणी घाट समेत सभी स्नान घाटों पर जल पुलिस के जवान भी तैनात किए गए हैं.

लक्सर
लक्सर में भी छठ पर्व की रौनक है. पूर्वांचल से आए हुए लोग धूमधाम से छठ पर्व मना रहे हैं. भारी संख्या में महिलाओं ने कठिन निर्जला उपवास रखा है. शुगर मिल परिसर में काफी संख्या में लोगों ने छठ पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाया.

वहीं, व्रती महिलाओं ने बताया कि छठ पर्व में व्रत सुख समृद्धि और संतान की वृद्धि के लिए रखा जाता है. जो भी निःसंतान महिलाएं इस व्रत को रखती हैं, छठ मैया उनकी मनोकामना पूरी करती है.

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विकासनगर

विकासनगर के गंगबावड़ी में छठ पर्व पर आस्था का सैलाब उमड़ा रहा. व्रती महिला निभा देवी ने बताया छठ पूजा का व्रत 3 दिनों का व्रत रखा जाता है. सूर्य को अर्ध्य देने के साथ निर्जला व्रत रखने की परंपरा है.

पूर्वांचल समाज के अशोक कुमार सिंह ने बताया कार्तिक पक्ष को यह पर्व मनाया जाता है. इस दौरान प्रत्यूषा वर्षा का व्रत रखा जाता है. यह एक प्रकृति का त्योहार है. भगवान राम जब अयोध्या से लौटे थे तो राम और सीता जी ने यह व्रत रखा था.

खटीमा
डूबते हुए सूर्य भगवान को अर्ध्य देने के लिये खटीमा के संजय पार्क में छठ पूजा का भव्य आयोजन किया गया. जहां पर सैकड़ों की संख्या में महिलाओं, बच्चों और विवाहित जोड़ों ने छठ पर्व को मनाते हुए डूबते सूर्य को अर्ध्य अर्पित किया.

कालाढूंगी
कालाढूंगी के कोटाबाग रोड स्थित छठ घाट पर हजारों पूर्वांचली परिवार हर्षोल्लास और आध्यात्मिक छटा में रंग कर छठ पर्व मना रहा है. इस दौरान छठ घाट में महिलाओं ने पूजा-अर्चना कर सूर्य की उपासना की. साथ ही ढोल नगाड़ों के साथ छठ घाटों को अद्भुत तरीके से सजाया गया है.

Intro:कालाढुंगी मैं धूमधाम से मनाया जा रहा है छठ पूजा का त्यौहार।
सूर्य की उपासना और लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के तीसरे दिन शनिवार को भगवान सूर्य को अर्ध्य दिया गया। रविवार की सुबह सूर्य को अर्ध्य देने के बाद ही छठ व्रतियों जल ग्रहहण करेंगी।Body:कालाढुंगी मैं धूमधाम से मनाया जा रहा है छठी मैय्या का त्योहार, पूर्वांचल के इस प्रसिद्ध पर्व पर कालाढूंगी के छठ घाटों छठ घाट में भारी भीड़ देखने को मिली। इस दौरान छठी मैया की पूजा अर्चना में लीन महिलाएं अपने परिवारजनों के साथ बड़े ही हर्षोल्लास के साथ छठ घाट पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देने पहुंची। यह नजारा बिल्कुल ही अद्भुत और निर्मल था जब महिलाएं भगवान सूर्य को अर्ध्य देकर अस्ताचलगामी सूर्य की उपासना कर रही थी। कालाढूंगी स्थित कोटाबाग रोड छठ घाट पर हजारों पूर्वांचली परिवार हर्ष उल्लास और आध्यात्मिक छटा में रंग कर इस त्योहार को मना रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ। कालाढूंगी में पूर्वांचल समाज के लोग कॉलोनी के पास बने छठ घाट में महिलाओं ने पूजा अर्चना कर सूर्य की उपासना की। इस दौरान ढोल नगाड़ों के साथ साथ छठ घाटों को अद्भुत तरीके से सजाया गया था।Conclusion:रविवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ व्रती महिलाएं जल ग्रहण करेंगी और उसके बाद प्रसाद ग्रहण किया जाएगा। माना जाता है कि पति की लंबी उम्र और संतान प्राप्ति जैसे मनमांगे वर प्राप्ति के लिए 36 घण्टे छठी मैया का निर्जल व्रत किया जाता है।
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