रुड़की: हरिद्वार के रुड़की में मां-बेटी से हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में सोमवार को देहरादून से राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना के नेतृत्च में एक टीम रुड़की सिविल अस्पताल पहुंची. टीम ने अस्पताल में मां-बेटी से मुलाकात की. आयोग की अध्यक्ष डॉ गीता खन्ना ने बताया कि मां की मानसिक हालत ठीक नहीं है, ऐसे में बच्ची की परवरिश की चिंता है.
डॉ गीता खन्ना ने बताया कि 6 साल की बच्ची का ना तो किसी आंगनबाड़ी केंद्र में नाम है और ना ही किसी स्कूल में दाखिला कराया गया है. हालांकि, हादसे को बच्ची भूल चुकी है, जोकि उसके भविष्य के लिए अच्छा है. उन्होंने कहा कि बच्ची को अब बाल रोग विशेषज्ञ एवं मनोवैज्ञानिक की सलाह की जरूरत है. इसके लिए आयोग कदम उठा रहा है. वहीं, डीएम से इस संबंध में वार्ता की जा रही है.
उन्होंने बताया कि मां-बेटी अब ठीक हैं, अब उन्हें अस्पताल में रहने की जरूरत नहीं है. इसलिए अब उनके पुनर्वास पर ध्यान दिया जाएगा. बच्ची को जल्द बाल कल्याण समिति (Child Welfare Committee) के समक्ष पेश किया जाएगा, जो आगे का निर्णय लेगा. उन्होंने बताया बच्ची के भविष्य के लिए जो उचित कदम है, वो उठाया जाएगा.
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क्या था मामला: बीते शुक्रवार (24 जून) की रात कलियर क्षेत्र निवासी एक महिला ने रुड़की आने के लिए कार में लिफ्ट ली थी. उसके साथ उसकी छह साल की बेटी भी थी. रास्ते में रुड़की के पास कार सवार आरोपियों ने मां-बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. जिसके बाद बच्ची को गंभीर हालत में रुड़की सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पीड़ित महिला ने पुलिस को एक आरोपी सोनू निवासी कलियर का नाम भी बताया था. जिसके आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि कार में चार आरोपी सवार थे. वहीं, पुलिस ने घटना के छठवें दिन ही गैंगरेप की घटना को अंजाम देने वाले सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है.