हरिद्वार: एक अप्रैल से धर्मनगरी हरिद्वार में आयोजित होने वाले महाकुंभ के द्वार सबसे के लिए खोल दिए गए हैं. ऐसे में कोरोना का खतरा पहले से ज्यादा बढ़ गया है. सबसे ज्यादा चिंता कोरोना के नए स्ट्रेन को लेकर भी है. यहीं कारण है कि केद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में राज्य सरकार को कुंभ में रैपिड टेस्ट की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया है. इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार को एक पत्र भी लिखा है.
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सत्ता संभालते ही ऐलान किया था कि कोई भी श्रद्धालु बिना रोकटोक के हरिद्वार कुंभ में आ सकता है. उस पर किसी तरह की पाबंदी नहीं होगी. हालांकि कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की कोरोना गाइडलाइन का पूरा पालन करना होगा. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि शाही स्नान पर करीब 30 लाख से ज्यादा लोग हरिद्वार आ सकते हैं. जिसे काबू करना कुंभ मेला प्रशासन-पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा. केंद्र सरकार भी कुंभ में कोरोना को लेकर अपनी चिंता व्यक्त कर चुका है.
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केंद्रिय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जो पत्र उत्तराखंड सरकार को मिला है. उस पर कुंभ मेला आईजी संजय गुंज्याल ने कहा कि सरकार ने कोविड को लेकर जो गाइडलाइन जारी की है. उसका सख्ती से पालन कराया जाएगा. हालांकि गंगा घाटों और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह के पालन कराने में कुछ व्यवहारिक मुश्किलें जरूर आएगी, जिसके लिए योजना बनाई गई है.
कुंभ मेला आईजी के मुताबिक हरिद्वार शहर के एंट्री प्वाइंट पर मास्क का वितरण किया जाएगा. इसके अलावा जो लोग नियमों का उल्लंघन करते हुए पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी. साथ ही लोगों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के लिए जागरुक भी किया जाएगा.
वहीं, मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रैपिड टेस्ट की संख्या बढ़ाने को लेकर जो पत्र भेजा है. उसको लेकर हरिद्वार जिला प्रशासन से बात की जा रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत भी हरिद्वार आए तो उन्होंने कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने के निर्देश दिए है. उन्होंने कोरोना को लेकर पूरी तरह के सावधानी बरतने के लिए कहा था. मेला प्रशासन भी इस ओर पूरी तरह से ध्यान दे रहा है.