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हरिद्वार पहुंची केंद्र की 10 सदस्य टीम, 3 दिनों तक भ्रमण करने के बाद सरकार को सौंपेगी अपनी रिपोर्ट

Center team reached Haridwar केंद्र की 10 सदस्यीय टीम आज हरिद्वार पहुंच गई है. 3 दिनों तक भ्रमण करने के बाद सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. वहीं, लक्सर में भारतीय किसान संघ से जुड़े लोगों ने तहसीलदार पर सर्वे सही ना करने का आरोप लगाया है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Aug 8, 2023, 5:44 PM IST

Updated : Aug 16, 2023, 1:46 PM IST

हरिद्वार पहुंची केंद्र की 10 सदस्य टीम

हरिद्वार: जिले में बाढ़ से हुए नुकसान का सटीक आकलन करने के लिए केंद्र की 10 सदस्य टीम आज हरिद्वार पहुंच गई है. एनडीएमए के डायरेक्टर हर्ष गुप्ता की अगुवाई में पहुंची टीम ने जिला कलेक्ट्रेट सभागार में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की और जिला आपदा से हुए नुकसान के असेसमेंट के बारे में जानकारी ली. वहीं, लक्सर में भारतीय किसान संघ से जुड़े किसानों ने गन्ना समिति लक्सर से तहसील परिसर तक पैदल मार्च निकाला और प्रशासन के खिलाफ विरोध जताया. साथ ही तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर मुआवजे की मांग उठाई.

केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त टीम सरकार को सौंपेगी रिपोर्ट: बैठक करने के बाद 10 सदस्य टीम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करने हेत्तमपुर गांव पहुंची. 3 दिनों तक हरिद्वार जिले के कई हिस्सों का भ्रमण करने के बाद केंद्र और राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि हरिद्वार में आई बाढ़ से कई सड़कें पुल और बांध क्षतिग्रस्त हुए हैं. साथ ही किसानों की फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है. तीन दिन तक टीम बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए निरीक्षण करेगी. जिसके बाद एक रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपी जाएगी.

राज्य आपदा के सदस्य भी टीम में शामिल: DM ने बताया कि NDMA की टीम में 10 लोग है. जिनके साथ राज्य आपदा के सदस्य भी हैं, जो आज हरिद्वार में मनसा देवी और आनेकी में पुल का निरीक्षण करेंगे और कल लक्सर और खानपुर का निरीक्षण किया जाएगा. जिलाधिकारी ने बताया कि 189 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है. साथ ही 30-35 हेक्टेयर भूमि का भी नुकसान हुआ है.

हरिद्वार में बारिश ने जमकर मचाई तबाही: कुछ समय पहले पहाड़ों व मैदानी क्षेत्रों में हुई बारिश के कारण लक्सर क्षेत्र में सोलानी नदी का जलस्तर बढ़ने से मोहम्मदपुर बुजुर्ग गांव के पास तटबंध टूट गया था. जिसके कारण लक्सर व खानपुर विधानसभा क्षेत्र में चारों ओर पानी ही पानी भर गया था. जिसके कारण फसलें बर्बाद हो गई हैं. वहीं शहरी क्षेत्रों में घरों का सामान व दुकानों का सामान भी खराब हो गया है. प्रशासन की ओर से नुकसान का आकलन कर लोगों को मुआवजा दिए दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: Watch: उफनते नाले में फंसी कार, लोगों ने रेस्क्यू अभियान चलाकर मौत को हराया, दो छात्राओं को भी बचाया

लक्सर में भारतीय किसान संघ ने किया प्रदर्शन: लक्सर और खानपुर क्षेत्र में बाढ़ से किसानों की फसलें बर्बाद होने के बाद मुआवजे को लेकर तहसील प्रशासन पर सर्वे सही ना करने का आरोप लगाते हुए भारतीय किसान संघ से जुड़े किसानों ने नारेबाजी की है. किसान संघ के प्रदेश संगठन मंत्री सुखराम पाल राणा और कोषाध्यक्ष कुशल पाल ने कहा कि बाढ़ से किसानों का जो नुकसान हुआ है. उसका सही तरीके से लेखपाल आकलन नहीं कर रहे हैं. सही आकलन हो और किसानों को उचित मुआवजा देने के साथ किसानों का बिजली का बिल और केसीसी कार्ड माफ किए जाए.

मां मनसा देवी पहाड़ी का किया भौतिक निरीक्षण: हर्ष गुप्ता संयुक्त सचिव राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत सरकार के नेतृत्व में अंतर मंत्रालय केन्द्रीय टीम ने मंगलवार को रोशनाबाद-बिहारीगढ़ मार्ग पर स्थिति आन्ने नामक स्थान पर धंसे बॉक्स सेतु, नवोदय नगर के अंतिम छोर पर बह रही बरसाती नदी से हो रहे भूमि कटाव और मां मनसा देवी पहाड़ी पर अतिवृष्टि के कारण हो रहे भूस्खलन का भौतिक निरीक्षण किया और इस संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली.बाद में केन्द्रीय टीम ने नवोदय नगर के अंतिम छोर पर बह रही बरसाती नदी का गहन निरीक्षण किया, जहां टीम के सदस्यों ने देखा कि बरसाती नदी द्वारा बार-बार अपना स्थान बदलने की वजह से काफी भूमि का कटाव हो रहा है. अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल इसका अस्थाई प्रोटेक्शन कार्य किया गया है, जिसके कटाव को रोकने के लिये कंक्रीट का स्ट्रक्चर तैयार करना पड़ेगा.

जुलाई में हुई साल की सबसे ज्यादा बारिश:जिलाधिकारी ने बताया कि विगत 06 जुलाई को जनपद में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी हुआ था, लेकिन सबसे ज्यादा बारिश 11 जुलाई को दर्ज की गई. इसी बीच गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी लेबल को दो-तीन बार पार कर चुका है. उन्होंने कहा कि विगत वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष जुलाई में अधिक वर्षा हुई है, जिसकी वजह से जगह-जगह जल भराव की स्थिति पैदा हुई. इसके अलावा पर्वतीय जनपदों में अत्यधिक वर्षा हुई है, जिसका प्रभाव हरिद्वार पर पड़ा है. जनपद के शहरी व ग्रामीण इलाकों में 398 क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति पैदा हुई, जिनमें से हरिद्वार नगर निगम के ही 48 क्षेत्रों में जलभराव हुआ.

ये भी पढ़ें: हल्द्वानी में भारी बारिश फिर मचा सकती है तबाही, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री ने प्रशासन को किया अलर्ट

हरिद्वार पहुंची केंद्र की 10 सदस्य टीम

हरिद्वार: जिले में बाढ़ से हुए नुकसान का सटीक आकलन करने के लिए केंद्र की 10 सदस्य टीम आज हरिद्वार पहुंच गई है. एनडीएमए के डायरेक्टर हर्ष गुप्ता की अगुवाई में पहुंची टीम ने जिला कलेक्ट्रेट सभागार में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की और जिला आपदा से हुए नुकसान के असेसमेंट के बारे में जानकारी ली. वहीं, लक्सर में भारतीय किसान संघ से जुड़े किसानों ने गन्ना समिति लक्सर से तहसील परिसर तक पैदल मार्च निकाला और प्रशासन के खिलाफ विरोध जताया. साथ ही तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर मुआवजे की मांग उठाई.

केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त टीम सरकार को सौंपेगी रिपोर्ट: बैठक करने के बाद 10 सदस्य टीम बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करने हेत्तमपुर गांव पहुंची. 3 दिनों तक हरिद्वार जिले के कई हिस्सों का भ्रमण करने के बाद केंद्र और राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि हरिद्वार में आई बाढ़ से कई सड़कें पुल और बांध क्षतिग्रस्त हुए हैं. साथ ही किसानों की फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है. तीन दिन तक टीम बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए निरीक्षण करेगी. जिसके बाद एक रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपी जाएगी.

राज्य आपदा के सदस्य भी टीम में शामिल: DM ने बताया कि NDMA की टीम में 10 लोग है. जिनके साथ राज्य आपदा के सदस्य भी हैं, जो आज हरिद्वार में मनसा देवी और आनेकी में पुल का निरीक्षण करेंगे और कल लक्सर और खानपुर का निरीक्षण किया जाएगा. जिलाधिकारी ने बताया कि 189 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है. साथ ही 30-35 हेक्टेयर भूमि का भी नुकसान हुआ है.

हरिद्वार में बारिश ने जमकर मचाई तबाही: कुछ समय पहले पहाड़ों व मैदानी क्षेत्रों में हुई बारिश के कारण लक्सर क्षेत्र में सोलानी नदी का जलस्तर बढ़ने से मोहम्मदपुर बुजुर्ग गांव के पास तटबंध टूट गया था. जिसके कारण लक्सर व खानपुर विधानसभा क्षेत्र में चारों ओर पानी ही पानी भर गया था. जिसके कारण फसलें बर्बाद हो गई हैं. वहीं शहरी क्षेत्रों में घरों का सामान व दुकानों का सामान भी खराब हो गया है. प्रशासन की ओर से नुकसान का आकलन कर लोगों को मुआवजा दिए दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: Watch: उफनते नाले में फंसी कार, लोगों ने रेस्क्यू अभियान चलाकर मौत को हराया, दो छात्राओं को भी बचाया

लक्सर में भारतीय किसान संघ ने किया प्रदर्शन: लक्सर और खानपुर क्षेत्र में बाढ़ से किसानों की फसलें बर्बाद होने के बाद मुआवजे को लेकर तहसील प्रशासन पर सर्वे सही ना करने का आरोप लगाते हुए भारतीय किसान संघ से जुड़े किसानों ने नारेबाजी की है. किसान संघ के प्रदेश संगठन मंत्री सुखराम पाल राणा और कोषाध्यक्ष कुशल पाल ने कहा कि बाढ़ से किसानों का जो नुकसान हुआ है. उसका सही तरीके से लेखपाल आकलन नहीं कर रहे हैं. सही आकलन हो और किसानों को उचित मुआवजा देने के साथ किसानों का बिजली का बिल और केसीसी कार्ड माफ किए जाए.

मां मनसा देवी पहाड़ी का किया भौतिक निरीक्षण: हर्ष गुप्ता संयुक्त सचिव राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भारत सरकार के नेतृत्व में अंतर मंत्रालय केन्द्रीय टीम ने मंगलवार को रोशनाबाद-बिहारीगढ़ मार्ग पर स्थिति आन्ने नामक स्थान पर धंसे बॉक्स सेतु, नवोदय नगर के अंतिम छोर पर बह रही बरसाती नदी से हो रहे भूमि कटाव और मां मनसा देवी पहाड़ी पर अतिवृष्टि के कारण हो रहे भूस्खलन का भौतिक निरीक्षण किया और इस संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली.बाद में केन्द्रीय टीम ने नवोदय नगर के अंतिम छोर पर बह रही बरसाती नदी का गहन निरीक्षण किया, जहां टीम के सदस्यों ने देखा कि बरसाती नदी द्वारा बार-बार अपना स्थान बदलने की वजह से काफी भूमि का कटाव हो रहा है. अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल इसका अस्थाई प्रोटेक्शन कार्य किया गया है, जिसके कटाव को रोकने के लिये कंक्रीट का स्ट्रक्चर तैयार करना पड़ेगा.

जुलाई में हुई साल की सबसे ज्यादा बारिश:जिलाधिकारी ने बताया कि विगत 06 जुलाई को जनपद में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी हुआ था, लेकिन सबसे ज्यादा बारिश 11 जुलाई को दर्ज की गई. इसी बीच गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी लेबल को दो-तीन बार पार कर चुका है. उन्होंने कहा कि विगत वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष जुलाई में अधिक वर्षा हुई है, जिसकी वजह से जगह-जगह जल भराव की स्थिति पैदा हुई. इसके अलावा पर्वतीय जनपदों में अत्यधिक वर्षा हुई है, जिसका प्रभाव हरिद्वार पर पड़ा है. जनपद के शहरी व ग्रामीण इलाकों में 398 क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति पैदा हुई, जिनमें से हरिद्वार नगर निगम के ही 48 क्षेत्रों में जलभराव हुआ.

ये भी पढ़ें: हल्द्वानी में भारी बारिश फिर मचा सकती है तबाही, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री ने प्रशासन को किया अलर्ट

Last Updated : Aug 16, 2023, 1:46 PM IST
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