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अतिया साबरी के पति और सुसर समेत तीन के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज

अतिया साबरी के भाई को नौकरी से निकलवाने के लिए ये सब किया गया था.

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Published : Sep 13, 2020, 8:50 PM IST

Atiya Sabri
अतिया साबरी

लक्सर: जल विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता के स्थाई निवास को लेकर फर्जी प्रमाण-पत्र बनाने के मामले में पुलिस ने सुल्तानपुर के पूर्व ग्राम प्रधान समेत तीन आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है. मामला तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाली अतिया साबरी से जुड़ा है.

साबरी के भाई रिजवान के अनुसार उनके भाई मौहम्मद अफजाल जल विद्युत निगम उत्तराखंड में अधिशासी अभियंता के पद पर कार्यरत हैं. आरोपित वाजिद व उसके पिता सईद अहमद निवासी ग्राम जसोदरपुर ने पूर्व ग्राम प्रधान उमर आदिल के साथ मिलकर 18 फरवरी 2014 को एक फर्जी प्रमाण-पत्र तैयार किया. इसमें उन्हें व उनके परिवार को सुल्तानपुर के बजाय सहारनपुर उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी दर्शाया गया. इसके बाद उनके भाई मौहम्मद अफजाल पर फर्जी प्रमाणपत्र से नौकरी प्राप्त करने का आरोप लगाते हुए झूठी शिकायत की गई, लेकिन जांच में मामला गलत पाया गया.

पढ़ें- स्वामी शिवानंद ने कुंभ के लिए अखाड़ों को दी जा रही भूमि पर जताई आपत्ति

उन्होंने आरटीआई से जानकारी की तो ग्राम प्रधान से ऐसा कोई प्रमाण-पत्र जारी करने से इनकार कर दिया. रिजवान ने पूर्व प्रधान उमर आदिल, वाजिद व सईद अहमद पर धोखाधडी कर ग्राम प्रधान के फर्जी हस्ताक्षर व स्टांप का इस्तेमाल कर फर्जी प्रमाण-पत्र तैयार करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की. एसपी देहात ने कोतवाली पुलिस को कार्रवाई के आदेश दिए. कोतवाल हेमेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि तहरीर के आधार पर पूर्व प्रधान समेत तीनों आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है.

लक्सर: जल विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता के स्थाई निवास को लेकर फर्जी प्रमाण-पत्र बनाने के मामले में पुलिस ने सुल्तानपुर के पूर्व ग्राम प्रधान समेत तीन आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है. मामला तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने वाली अतिया साबरी से जुड़ा है.

साबरी के भाई रिजवान के अनुसार उनके भाई मौहम्मद अफजाल जल विद्युत निगम उत्तराखंड में अधिशासी अभियंता के पद पर कार्यरत हैं. आरोपित वाजिद व उसके पिता सईद अहमद निवासी ग्राम जसोदरपुर ने पूर्व ग्राम प्रधान उमर आदिल के साथ मिलकर 18 फरवरी 2014 को एक फर्जी प्रमाण-पत्र तैयार किया. इसमें उन्हें व उनके परिवार को सुल्तानपुर के बजाय सहारनपुर उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी दर्शाया गया. इसके बाद उनके भाई मौहम्मद अफजाल पर फर्जी प्रमाणपत्र से नौकरी प्राप्त करने का आरोप लगाते हुए झूठी शिकायत की गई, लेकिन जांच में मामला गलत पाया गया.

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उन्होंने आरटीआई से जानकारी की तो ग्राम प्रधान से ऐसा कोई प्रमाण-पत्र जारी करने से इनकार कर दिया. रिजवान ने पूर्व प्रधान उमर आदिल, वाजिद व सईद अहमद पर धोखाधडी कर ग्राम प्रधान के फर्जी हस्ताक्षर व स्टांप का इस्तेमाल कर फर्जी प्रमाण-पत्र तैयार करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की. एसपी देहात ने कोतवाली पुलिस को कार्रवाई के आदेश दिए. कोतवाल हेमेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि तहरीर के आधार पर पूर्व प्रधान समेत तीनों आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है.

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