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Haridwar: महिला को पीटना पुलिसकर्मियों को पड़ा भारी, कोर्ट के आदेश पर सिडकुल थाना इंचार्ज सहित 10 पर केस दर्ज - बेरहमी से पिटाई

हरिद्वार में महिला को थाने लाकर पहले जाति सूचक शब्द बोलना और फिर बेरहमी से पिटाई करने के मामले को कोर्ट ने गंभीरता से लिया है. मामले में सिडकुल थाना पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. महिला पूर्व में आईजी से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुकी है.

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Published : Feb 21, 2023, 1:03 PM IST

हरिद्वार: एक महिला को थाने लाकर पहले जाति सूचक शब्द बोलना और फिर बेरहमी से पिटाई करने के मामले में सिडकुल थाना पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पूरा मामला घरेलू विवाद से जुड़ा है, जिस पर महिला ने अपने देवर पर पुलिस से सांठगांठ कर मारपीट करने का आरोप है. जिस पर कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर विभाग ने ये कार्रवाई की है.

जानिए क्या है मामला: महिला को थाने में लाकर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए पिटाई करने के मामले में सिडकुल थाने के तत्कालीन प्रभारी और कोर्ट चौकी प्रभारी सहित 10 लोगों के खिलाफ कोर्ट की फटकार के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोप है कि पति-पत्नी के साथ मारपीट के मामले में तत्कालीन एसओ समेत चार पुलिसकर्मियों ने उल्टा महिला को थाने लाकर बुरी तरह पिटाई की थी.

मिली जानकारी के अनुसार, रानी पत्नी जोगेंद्र निवासी ग्राम रोशनाबाद थाना सिडकुल ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उसके देवर अशोक एवं देवरानी स्वाति ने उनके साथ मारपीट की थी और ये मामला कोर्ट में विचाराधीन है. जिसको लेकर वह रंजिश रखते हैं. बीते 26 मई 2020 को पति दुकान बंद कर घर लौट रहे थे. रविदास मंदिर के पास पहले से देवर ने कई लोगों के साथ घेर लिया और चाकू से सिर पर वार किया था, जिससे उसके पति का कान कट गया था. इसके बाद लाठी-डंडों से मारपीट कर घायल कर हत्या की धमकी देते हुए आरोपी भाग निकले. उसी दिन रात में 12 बजे अशोक, नरेंद्र, संजीव, रानी, स्वाति, अंजली, मिनाक्षी एवं अशोक के किरायेदारों ने दुकान में आग लगाकर करीब दो लाख रुपये का सामान जला दिया.
पढ़ें-Uttarakhand Police: मेहमानों का आदर सत्कार करना सीखेगी पुलिस, क्षेत्रीय और विदेशी भाषाओं का भी दिया जाएगा ज्ञान

मजबूर होकर महिला ने कोर्ट का खटखटाया दरवाजा: उसी दिन दूसरी देवरानी ममता और जेठानी सुरेशना के साथ बैठी थी. तभी किरायेदारों के साथ आकर घसीट कर मारपीट की. आरोप है कि पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी. देवर अशोक की पुलिस में पैठ होने के कारण थाना प्रभारी प्रशांत बहुगुणा, चौकी इंचार्ज दिलवर सिंह, चेतक कर्मी रमेश चौहान ने महिला को थाने लाकर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया. महिला सिपाही को बुलाकर बुरी तरह से पिटवाया. जिससे उसे गंभीर चोटें आई. उसे 108 एंबुलेंस से अस्पताल में भर्ती कराया गया.

मामले में थाना और फिर आईजी से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत की गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. जिसके बाद कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अब कोर्ट के आदेश पर सिडकुल थाने में अशोक, स्वाति, नरेंद्र, मीनाक्षी निवासीगण ग्राम रोशनाबाद, संजीव निवासी ग्राम नगला इमरती सिविल लाइन रुड़की, रानी, अंजली निवासी ग्राम खंजरपुर रुड़की और तत्कालीन एसओ प्रशांत बहुगुणा, कोर्ट चौकी प्रभारी दिलवर सिंह, कांस्टेबल रमेश चौहान, महिला सिपाही शोभा के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट सहित संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

हरिद्वार: एक महिला को थाने लाकर पहले जाति सूचक शब्द बोलना और फिर बेरहमी से पिटाई करने के मामले में सिडकुल थाना पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पूरा मामला घरेलू विवाद से जुड़ा है, जिस पर महिला ने अपने देवर पर पुलिस से सांठगांठ कर मारपीट करने का आरोप है. जिस पर कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर विभाग ने ये कार्रवाई की है.

जानिए क्या है मामला: महिला को थाने में लाकर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए पिटाई करने के मामले में सिडकुल थाने के तत्कालीन प्रभारी और कोर्ट चौकी प्रभारी सहित 10 लोगों के खिलाफ कोर्ट की फटकार के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोप है कि पति-पत्नी के साथ मारपीट के मामले में तत्कालीन एसओ समेत चार पुलिसकर्मियों ने उल्टा महिला को थाने लाकर बुरी तरह पिटाई की थी.

मिली जानकारी के अनुसार, रानी पत्नी जोगेंद्र निवासी ग्राम रोशनाबाद थाना सिडकुल ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उसके देवर अशोक एवं देवरानी स्वाति ने उनके साथ मारपीट की थी और ये मामला कोर्ट में विचाराधीन है. जिसको लेकर वह रंजिश रखते हैं. बीते 26 मई 2020 को पति दुकान बंद कर घर लौट रहे थे. रविदास मंदिर के पास पहले से देवर ने कई लोगों के साथ घेर लिया और चाकू से सिर पर वार किया था, जिससे उसके पति का कान कट गया था. इसके बाद लाठी-डंडों से मारपीट कर घायल कर हत्या की धमकी देते हुए आरोपी भाग निकले. उसी दिन रात में 12 बजे अशोक, नरेंद्र, संजीव, रानी, स्वाति, अंजली, मिनाक्षी एवं अशोक के किरायेदारों ने दुकान में आग लगाकर करीब दो लाख रुपये का सामान जला दिया.
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मजबूर होकर महिला ने कोर्ट का खटखटाया दरवाजा: उसी दिन दूसरी देवरानी ममता और जेठानी सुरेशना के साथ बैठी थी. तभी किरायेदारों के साथ आकर घसीट कर मारपीट की. आरोप है कि पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी. देवर अशोक की पुलिस में पैठ होने के कारण थाना प्रभारी प्रशांत बहुगुणा, चौकी इंचार्ज दिलवर सिंह, चेतक कर्मी रमेश चौहान ने महिला को थाने लाकर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया. महिला सिपाही को बुलाकर बुरी तरह से पिटवाया. जिससे उसे गंभीर चोटें आई. उसे 108 एंबुलेंस से अस्पताल में भर्ती कराया गया.

मामले में थाना और फिर आईजी से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत की गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. जिसके बाद कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अब कोर्ट के आदेश पर सिडकुल थाने में अशोक, स्वाति, नरेंद्र, मीनाक्षी निवासीगण ग्राम रोशनाबाद, संजीव निवासी ग्राम नगला इमरती सिविल लाइन रुड़की, रानी, अंजली निवासी ग्राम खंजरपुर रुड़की और तत्कालीन एसओ प्रशांत बहुगुणा, कोर्ट चौकी प्रभारी दिलवर सिंह, कांस्टेबल रमेश चौहान, महिला सिपाही शोभा के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट सहित संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

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