हरिद्वारः धर्मनगरी हरिद्वार में पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है. यहां चोरी होने के बाद मुकदमा दर्ज नहीं किया जा रहा है, लेकिन जब चोर और माल पकड़ा जाता है, तब पुलिस पुराने मुकदमे भी दर्ज कर देती है. ऐसा ही एक मामला ज्वालापुर में सामने आया है. जहां फरवरी में बाइक चोरी हुई थी, अब जाकर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. बताया जा रहा है कि पुलिस अपनी वाहवाही बटोरने के लिए घटना के खुलासे से कुछ दिन पहले ही मुकदमा दर्ज कर रही है.
दरअसल, पुलिस की लचर कार्यशैली के चलते हरिद्वार में लगातार अपराध बढ़ (crime in haridwar) रहा है. आलम ये है कि वाहन चोरों ने हरिद्वार के तमाम थाना क्षेत्रों में आतंक मचाया हुआ है. पुलिस मुकदमे तब दर्ज करती है, जब आरोपी वाहनों के साथ पकड़ में आ जाते हैं. ऐसा सिर्फ इसलिए होता है ताकि पुलिस की छवि जनता और आला अधिकारियों के बीच बेहतर बनी रहे. कोतवाली ज्वालापुर पुलिस ने शनिवार को वाहन चोरी के ऐसे ही दो मुकदमे दर्ज किए हैं.
पुलिस के अनुसार, नंदन सिंह अधिकारी ने पुलिस में एक शिकायत देकर बताया कि बीती 7 सितंबर को करीब तीन बजे उसकी बाइक अल्मोड़ा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के पास से चोरी कर ली गई. वहीं, अक्षय कुमार निवासी न्यू आदर्श नगर रुड़की ने शिकायत देकर बताया कि उसकी स्कूटी को 12 फरवरी 2022 को कटहरा बाजार से चोरी (Haridwar Vehicle Theft) हो गया था. जिसके बाद उसने अपनी स्कूटी की तलाश की. स्कूटी न मिलने पर उसने पुलिस को इस मामले में शिकायत दी. बताया जा रहा है कि मामले में मुकदमा दर्ज नहीं किया गया.
अक्सर पुलिस ऐसे वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम देने वालों को गिरफ्तार करने के बाद ही मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई करने लगी है, लेकिन पुलिस के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि आखिर महीनों से चोरी वाहनों की अब तक मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया गया है. जब शिकायत की थी तो मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया गया. कोतवाल आरके सकलानी ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर चोरों की तलाश की जा रही है.
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ठेकेदार पर लेबर सप्लाई करने के नाम पर 18 लाख रुपए की धोखाधड़ी का आरोपः सिडकुल में तमाम कंपनियों में दक्ष लेबर सप्लाई करने की जिम्मेदारी ठेकेदार के पास रहती है.कंपनी अपने ठेकेदार पर पूरा विश्वास भी करती है, लेकिन सिडकुल की एक कंपनी में लेबर सप्लाई करने वाले ठेकेदार ने 18 लाख से ज्यादा की धोखाधड़ी कर दी. जिसकी शिकायत कंपनी ने पहले सिडकुल थाने में दी, लेकिन जब वहां भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो अधिकारी सीधे एसएसपी के पास जा पहुंचे. एसएसपी के सख्त आदेश पर पुलिस ने आरोपी ठेकेदार के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है.
जानकारी के मुताबिक, हिमांशु निगम कारखाना प्रबंधक मैक्नरों कन्ज्यूमर प्रोडक्टस प्राईवेट लिमिटेड, सेक्टर 1 बी सिडकुल ने पुलिस में शिकायत दी है. जिसमें उन्होंने बताया कि फैक्ट्री में लेबर सप्लाई और सिक्योरिटी का ठेका रवि कुमार निवासी नवोदय नगर को दिया था. आरोप है कि वर्करों के बिलों का भुगतान कंपनी की तरफ से जुलाई महीने में फर्म को पूरा पैसा जारी कर दिया था, लेकिन ठेकेदार ने उस पैसे को जीएसटी विभाग में जमा नहीं किया है. बल्कि, वो पैसा अपने निजी प्रयोग में लाया गया था.
इस संबंध में थाना सिडकुल में शिकायत देने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके बाद कंपनी के अधिकारी अपनी गुहार लेकर हरिद्वार एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत (Haridwar SSP Yogendra Singh Rawat) के कार्यालय पहुंचे. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी ने सिडकुल थाना पुलिस को फटकार लगाते हुए तत्काल आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं. एसएसपी की फटकार के बाद हरकत में आई पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज (Case Filed Against Contractor) कर लिया है.