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गजबः मैनेजर ने कंपनी की तकनीक ही बेच डाली, आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज - हरिद्वार में मैनेजर के खिलाफ मुकदमा

हरिद्वार में धोखाधड़ी का ऐसा मामला सामने आया है. जिसे सुन सभी हैरान है. यहां एक असिस्टेंट जनरल मैनेजर ने कंपनी की तकनीक ही बेच डाली. साथ ही नौकरी को भी लात मार दी. अब आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. उधर, एचआरडीए (HRDA) ने हरिद्वार का रिलायंस स्टोर सील कर दिया है.

Haridwar fraud case
हरिद्वार में धोखाधड़ी
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Published : Apr 21, 2022, 9:45 PM IST

हरिद्वारः जिस कंपनी में नौकरी दी और औद्योगिक क्षेत्र में पहचान दी, उसी कर्मचारी ने अपनी ही कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी को अंजाम दे दिया. जी हां, यह धोखाधड़ी का मामला हरिद्वार से सामने आया है. जहां विदेश से मंगाई गई रेलवे के डिस्क ब्रेक बनाने की तकनीक को एक शातिर कर्मचारी ने न केवल दूसरी कंपनी को बेच डाला, बल्कि कंपनी के कुछ कर्मचारियों को साथ लेकर नौकरी भी छोड़ गया. वहीं, कंपनी की तहरीर पर सिडकुल पुलिस ने आरोपी कर्मचारी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है.

सिडकुल थाना पुलिस के मुताबिक, रोहित श्रीवास्तव ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई है. जिसमें उन्होंने बताया है कि वो अवध रेल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (Avadh Rail Infrastructure Limited) प्लाट नंबर 10 सेक्टर 3 आईआईई सिडकुल के निदेशक हैं. उनकी कंपनी अवध रेल भारतीय रेलवे को ब्रेकिंग सिस्टम यानी डिस्क ब्रेक को तैयार कर सप्लाई करती है. बीते 15 मार्च 2018 को उनकी कंपनी का फ्रांस की कंपनी आईबीआरई के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का एमओयू हस्ताक्षरित हुआ था. जिसके तहत डिस्क ब्रेक कंपनी की ओर से तैयार की जाती है.

ये भी पढ़ेंः ऑस्ट्रेलिया में रह रहे भास्कर को पता भी नहीं चला, पाइन एंड पीक कंपनी ने बना दिया डायरेक्टर!

रोहित श्रीवास्तव ने बताया कि अत्यधिक गोपनीय और फ्रांस की कंपनी के साथ हुए एमओयू (MoU) के अनुसार पूरे भारत में उक्त ब्रेक डिस्क को निर्मित किए जाने का अधिकार केवल उनकी कंपनी अवध रेल को है. जिसका उल्लंघन किए जाने पर कंपनी के खिलाफ कोई भी कानूनी कार्रवाई फ्रांस की कंपनी की ओर की जा सकती है.

उन्होने बताया कि कंपनी ने 25 जून 2018 को बहादूर सिंह निवासी कंचन नगर बीडीए रोड, खजूरी कलां हुजुर (भोपाल) को असिस्टेंट जनरल मैनेजर के पद पर गोपनीयता की शर्तों के आधार पर नियुक्त किया था. उनका कहना है कि आरोपी ने असिस्टेंट जनरल मैनेजर के पद पर रहते हुए फ्रांस की कंपनी से दी गई टेक्नोलॉजी को बिना अनुमति के समस्त गोपनीय व तथ्य नोएडा की एक प्रतिदंद्वी कंपनी को दे दी. साथ ही अब वो कंपनी डिस्क ब्रेक बनाने की तैयारी में हैं. जिसका निर्देशन खुद बहादुर सिह, प्रेम प्रकाश व सचेंद्र सिंह कर रहे हैं.

रोहित श्रीवास्तव का कहना है कि फ्रांस की कंपनी ने टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के साथ-साथ सैंपल के रूप में दो लाख रुपए की ‌डिस्क ब्रेक दी थी. पुलिस ने इस मामले में बहादुर सिंह, प्रेम प्रकाश निवासी ग्राम व पोस्ट मालदा, जिला बलरामपुर यूपी और सचेंद्र सिंह निवासी महेश चंद्र निवासी हाथरस, यूपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. जांच के आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी.

HRDA ने रिलायंस स्टोर किया सीलः प्रदेश में नई सरकार बनते ही हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण (Haridwar Roorkee Development Authority) एक्शन मोड में नजर आ रहा है. रोजाना अवैध रूप से बने मकानों, कॉलोनियों और कॉम्प्लेक्स पर कारवाई की जा रही है. इसी कड़ी में एचआरडीए की टीम में पॉश कॉलोनी शिवालिक नगर क्षेत्र में बने रिलायंस की एक बहुमंजिला स्टोर को सील कर दिया. अधिकारियों का कहना है कि यह पूरा कॉम्प्लेक्स अवैध रूप से बनाया गया है.

ये भी पढ़ेंः प्रॉपर्टी बेचने के नाम पर साढ़े 10 करोड़ की धोखाधड़ी, SSP और DGP से न्याय की गुहार

बता दें कि पॉश कॉलोनी शिवालिक नगर के मुख्य बाजार में कुछ समय पूर्व आशीष रस्तोगी एवं गौरव रस्तोगी की ओर से G-17 शिवालिक नगर में अवैध रूप से रिलायंस स्टोर खोला गया था. जिसे आज एचआरडीए ने सील (Haridwar Reliance Store Sealed) कर दिया है. उक्त स्थल में निर्माणाधीन दुकानों को पूर्व में एचआरडीए ने 15 जनवरी 2022 को सील किया था.

जिसको भवन स्वामी ने अवैध तरीके से सील को क्षतिग्रस्त कर उसमें रिलायंस स्टोर खुलवा दिया था. सील को क्षतिग्रस्त करने पर एचआरडीए की ओर से प्राथमिकी दर्ज करवाने की कार्रवाई भी की गई. एचआरडीए (HRDA) की ओर से अवैध निर्माण निर्माणों को चिन्हित करके प्रभावी कार्रवाई जारी है.

हरिद्वारः जिस कंपनी में नौकरी दी और औद्योगिक क्षेत्र में पहचान दी, उसी कर्मचारी ने अपनी ही कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी को अंजाम दे दिया. जी हां, यह धोखाधड़ी का मामला हरिद्वार से सामने आया है. जहां विदेश से मंगाई गई रेलवे के डिस्क ब्रेक बनाने की तकनीक को एक शातिर कर्मचारी ने न केवल दूसरी कंपनी को बेच डाला, बल्कि कंपनी के कुछ कर्मचारियों को साथ लेकर नौकरी भी छोड़ गया. वहीं, कंपनी की तहरीर पर सिडकुल पुलिस ने आरोपी कर्मचारी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है.

सिडकुल थाना पुलिस के मुताबिक, रोहित श्रीवास्तव ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई है. जिसमें उन्होंने बताया है कि वो अवध रेल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (Avadh Rail Infrastructure Limited) प्लाट नंबर 10 सेक्टर 3 आईआईई सिडकुल के निदेशक हैं. उनकी कंपनी अवध रेल भारतीय रेलवे को ब्रेकिंग सिस्टम यानी डिस्क ब्रेक को तैयार कर सप्लाई करती है. बीते 15 मार्च 2018 को उनकी कंपनी का फ्रांस की कंपनी आईबीआरई के साथ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर का एमओयू हस्ताक्षरित हुआ था. जिसके तहत डिस्क ब्रेक कंपनी की ओर से तैयार की जाती है.

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रोहित श्रीवास्तव ने बताया कि अत्यधिक गोपनीय और फ्रांस की कंपनी के साथ हुए एमओयू (MoU) के अनुसार पूरे भारत में उक्त ब्रेक डिस्क को निर्मित किए जाने का अधिकार केवल उनकी कंपनी अवध रेल को है. जिसका उल्लंघन किए जाने पर कंपनी के खिलाफ कोई भी कानूनी कार्रवाई फ्रांस की कंपनी की ओर की जा सकती है.

उन्होने बताया कि कंपनी ने 25 जून 2018 को बहादूर सिंह निवासी कंचन नगर बीडीए रोड, खजूरी कलां हुजुर (भोपाल) को असिस्टेंट जनरल मैनेजर के पद पर गोपनीयता की शर्तों के आधार पर नियुक्त किया था. उनका कहना है कि आरोपी ने असिस्टेंट जनरल मैनेजर के पद पर रहते हुए फ्रांस की कंपनी से दी गई टेक्नोलॉजी को बिना अनुमति के समस्त गोपनीय व तथ्य नोएडा की एक प्रतिदंद्वी कंपनी को दे दी. साथ ही अब वो कंपनी डिस्क ब्रेक बनाने की तैयारी में हैं. जिसका निर्देशन खुद बहादुर सिह, प्रेम प्रकाश व सचेंद्र सिंह कर रहे हैं.

रोहित श्रीवास्तव का कहना है कि फ्रांस की कंपनी ने टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के साथ-साथ सैंपल के रूप में दो लाख रुपए की ‌डिस्क ब्रेक दी थी. पुलिस ने इस मामले में बहादुर सिंह, प्रेम प्रकाश निवासी ग्राम व पोस्ट मालदा, जिला बलरामपुर यूपी और सचेंद्र सिंह निवासी महेश चंद्र निवासी हाथरस, यूपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. जांच के आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी.

HRDA ने रिलायंस स्टोर किया सीलः प्रदेश में नई सरकार बनते ही हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण (Haridwar Roorkee Development Authority) एक्शन मोड में नजर आ रहा है. रोजाना अवैध रूप से बने मकानों, कॉलोनियों और कॉम्प्लेक्स पर कारवाई की जा रही है. इसी कड़ी में एचआरडीए की टीम में पॉश कॉलोनी शिवालिक नगर क्षेत्र में बने रिलायंस की एक बहुमंजिला स्टोर को सील कर दिया. अधिकारियों का कहना है कि यह पूरा कॉम्प्लेक्स अवैध रूप से बनाया गया है.

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जिसको भवन स्वामी ने अवैध तरीके से सील को क्षतिग्रस्त कर उसमें रिलायंस स्टोर खुलवा दिया था. सील को क्षतिग्रस्त करने पर एचआरडीए की ओर से प्राथमिकी दर्ज करवाने की कार्रवाई भी की गई. एचआरडीए (HRDA) की ओर से अवैध निर्माण निर्माणों को चिन्हित करके प्रभावी कार्रवाई जारी है.

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