ETV Bharat / state

CAB: हरिद्वार के हिंदू शरणार्थी परिवार ने जताई खुशी, रुंधे गले से कहा- अब मिलेगा सम्मानजनक जीवन

नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) से देश के विविध हिस्सों में रह रहे हिंदू शरणार्थी परिवारों में खुशी है. हरिद्वार में वर्ष 2012 से रह रहे एक हिंदू शरणार्थी परिवार ने इसे संजीवनी बताई है.

CAB
हिंदू शरणार्थी
author img

By

Published : Dec 11, 2019, 7:04 PM IST

हरिद्वार: नागरिकता संशोधन विधेयक का भले ही विपक्ष विरोध कर रहा हो, लेकिन हरिद्वार में रह रहे हिंदू शरणार्थी परिवार को इस कानून से काफी उम्मीदें दिखाई पड़ रही हैं. भारत की नागरिकता के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे इस परिवार को अब भारतीय नागरिकों की तरह सम्मानजनक जीवन जीने की उम्मीद जगी है. पाकिस्तान के सिंध प्रांत स्थित खैरा इलाके के मूल निवासी लक्ष्मण सिंह अपने बच्चों के साथ वर्ष 2012 में भारत आए थे. उसके बाद वह हरिद्वार आ गए. लक्ष्मण अपनी पत्नी व पांच बच्चों के साथ हरिद्वार के गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय परिसर में रहते हैं.

उनका बड़ा बेटा इंटर में, छोटा नवी में पढ़ता है. साथ ही तीन बेटियां भी स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रही हैं. लक्ष्मण सिंह उर्दू अखबार के लिए कार्य कर अपना गुजारा करते हैं. इस कानून के आने से लक्ष्मण सिंह का कहना है कि यह कानून उनके लिए संजीवनी का कार्य करेगा.

सीएबी से हिंदू शरणार्थी खुश

यह भी पढ़ेंः जनसुनवाई कार्यक्रम में हंगामा, पूर्ति निरीक्षक पर लगी आरोपों की झड़ी

लक्ष्मण सिंह की पत्नी रेशी देवी कहती हैं कि जब वे यहां आए थे तो बहुत ही गरीबी देखी और बहुत ही बुरे दिनों से अपना गुजारा किया है, लेकिन अब कुछ उम्मीद जगी है. लक्ष्मण सिंह का बेटा नरेंद्र भरे गले से बताता है कि उसके साथ यहां भेदभाव किया जाता था. स्कूल में उनको एडमिशन नहीं मिलता था. लोग उन्हें पाकिस्तानी कहते थे. लेकिन अब उन्हें इस कानून के आ जाने से उम्मीद जगी है.

हरिद्वार: नागरिकता संशोधन विधेयक का भले ही विपक्ष विरोध कर रहा हो, लेकिन हरिद्वार में रह रहे हिंदू शरणार्थी परिवार को इस कानून से काफी उम्मीदें दिखाई पड़ रही हैं. भारत की नागरिकता के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे इस परिवार को अब भारतीय नागरिकों की तरह सम्मानजनक जीवन जीने की उम्मीद जगी है. पाकिस्तान के सिंध प्रांत स्थित खैरा इलाके के मूल निवासी लक्ष्मण सिंह अपने बच्चों के साथ वर्ष 2012 में भारत आए थे. उसके बाद वह हरिद्वार आ गए. लक्ष्मण अपनी पत्नी व पांच बच्चों के साथ हरिद्वार के गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय परिसर में रहते हैं.

उनका बड़ा बेटा इंटर में, छोटा नवी में पढ़ता है. साथ ही तीन बेटियां भी स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रही हैं. लक्ष्मण सिंह उर्दू अखबार के लिए कार्य कर अपना गुजारा करते हैं. इस कानून के आने से लक्ष्मण सिंह का कहना है कि यह कानून उनके लिए संजीवनी का कार्य करेगा.

सीएबी से हिंदू शरणार्थी खुश

यह भी पढ़ेंः जनसुनवाई कार्यक्रम में हंगामा, पूर्ति निरीक्षक पर लगी आरोपों की झड़ी

लक्ष्मण सिंह की पत्नी रेशी देवी कहती हैं कि जब वे यहां आए थे तो बहुत ही गरीबी देखी और बहुत ही बुरे दिनों से अपना गुजारा किया है, लेकिन अब कुछ उम्मीद जगी है. लक्ष्मण सिंह का बेटा नरेंद्र भरे गले से बताता है कि उसके साथ यहां भेदभाव किया जाता था. स्कूल में उनको एडमिशन नहीं मिलता था. लोग उन्हें पाकिस्तानी कहते थे. लेकिन अब उन्हें इस कानून के आ जाने से उम्मीद जगी है.

Intro:एंकर :-नागरिक संशोधन विधेयक का भले ही विपक्ष विरोध कर रहा हो लेकिन हरिद्वार मैं आकर रह रहे हिंदू शरणार्थी परिवार को इस कानून से काफी उम्मीदें दिखाई पड़ रही हैं भारत की नागरिकता के लिए लंबे समय से इंतजार कर रहा है यह परिवार इस परिवार को अब भारतीय नागरिकों की तरह सम्मानजनक जीवन यापन करने की उम्मीद जगी हैपाकिस्तान के सिंध प्रांत स्थित खैरा इलाके के मूल निवासी लक्ष्मण सिंह अपने बच्चों के साथ वर्ष 2012 में भारत आए थे उसके बाद वह यहां से हरिद्वार आ गए लक्ष्मण अपनी पत्नी व्  5 बच्चों के साथ हरिद्वार की गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय परिसर में रहते हैं उनका बड़ा बेटा इंटर छोटा नवी में पड़ता है तीन बेटियां भी स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रही हैं  लक्ष्मण सिंह उर्दू अखबार के लिए कार्य कर अपना गुजारा करते हैं.Body:VO १-इस कानून के आने से लक्ष्मण सिंह का कहना है कि यह हमारे लिए संजीवनी का कार्य करेगा लक्ष्मण सिंह की पत्नी रेशी देवी  कहती हैं कि जब हम यहां आए थे हमने बहुत ही गरीबी के और बहुत ही बुरे दिनों से अपना गुजारा किया है लेकिन अब कुछ उम्मीद जगी है  लक्ष्मण सिंह का बेटा नरेंद्र शर्मा भरे गले से बताता है कि उसके साथ  भेदभाव भरा यहां पर बर्ताव किया जाता था स्कूल में उनको एडमिशन नहीं मिलता था व् लोग उन्हें पाकिस्तानी के आया कहते  थे लेकिन अब उन्हें इस कानून के आ जाने से उम्मीद जगी है।Conclusion:बाइट-लक्ष्मण शर्मा 
बाइट-रेशी देवी (पत्नी ) 
बाइट-नरेंदर शर्मा (बेटा )
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.