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पौड़ी बस हादसा: सूझबूझ से बची कंडक्टर की जान, कई घरों के बुझ गए चिराग

पहाड़ पर तेज रफ्तार से चल रही बस इस तरह बेकाबू हुई कि बस में बैठे किसी बाराती को कुछ समझने का मौका ही नहीं मिला. लेकिन बस के दरवाजे पर बैठा कंडक्टर शायद स्थिति को भांप गया और दरवाजा खोलकर बस से कूद गया और इस तरह कंडक्टर ने अपनी जान बचा ली. बस हादसे में 33 लोगों की मौत हो गई है.

haridwar
पौड़ी बस हादसा
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Published : Oct 6, 2022, 7:26 AM IST

Updated : Oct 6, 2022, 7:36 AM IST

हरिद्वार: कहते हैं मौत सिर्फ उसको लेकर जाती है, जिसका वक्त पूरा हो गया है. अगर किसी कि जिंदगी बाकी है, तो उसका मौत भी कुछ नहीं बिगाड़ सकती. ऐसा ही कुछ बारात की बस लेकर जा रहे बस के कंडक्टर के साथ हुआ. बता दें कि लालढांग से पौड़ी जिले के लिए बारात से भरी बस दोपहर में 12 बजे निकली थी. बस में सवार बारातियों को यह अंदेशा नहीं था कि यह उनकी आखिरी यात्रा हो सकती है. जिसके सात घंटे बाद ही सड़क हादसा हो गया.

कंडक्टर ने ऐसे बचाई जान: बस में सवार वापस लौटे लोगों ने बताया कि बस के कंडक्टर खिड़की पर बैठा हुआ था. उसे बस के अनियंत्रित होने का पता हादसे से चंद सेकेंड पहले ही चल गया. वह तुरंत ही खिड़की से कूद गया. कंडक्टर की इसी सूझबूझ ने उसकी जान बचा ली. लेकिन कुछ लोगों को यह भी सोचने का मौका नहीं मिला कि बस में आखिर हुआ क्या है? हालांकि, घायल कंडक्टर का अभी उपचार चल रहा है.

मृतकों का आंकड़ा 33 पहुंचा: पौड़ी बस हादसे (Pauri bus accident) में मृतकों की संख्या बढ़कर 33 (33 people died in Pauri) हो गई है. वहीं, गंभीर रूप से घायल 17 लोगों का अभी भी उपचार चल रहा है. घायल हुए 20 लोगों में से तीन ने कोटद्वार बेस हॉस्पिटल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया है.

पौड़ी में हुए दर्दनाक बस हादसे में बारात की खुशियां मातम में बदल गई. इस दुर्घटना में जहां किसी का पूरा परिवार ही काल के गाल में समा गया तो किसी के घर का चिराग ही बुझ गया. अपने परिवार के साथ बारात में खुशी खुशी गए गाजीवाला के सतीश की पत्नी और बच्चे के साथ भाई की भी हादसे में दर्दनाक मौत हो गई. परिवार में केवल बुजुर्ग माता-पिता और हादसे में जान गंवाने वाले उनके छोटे भाई की पत्नी और एक बच्चा ही रह गये हैं.
पढ़ें- Pauri Bus Accident: मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 33, स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने घायलों का जाना हाल

इसमें सबसे ज्यादा बदकिस्मत शायद वे लोग हैं, जिन्होंने अपने कई सगे संबंधियों को हमेशा के लिए खो दिया, तो कई ऐसे हैं जिनके घर का चिराग भी इस हादसे में बुझ गया. लालढांग के संदीप की बारात में गाजीवाला से सतीश नाथ (35 वर्ष) अपनी पत्नी वर्षा (32) और आठ साल के बेटे दक्ष के अलावा भाई अनिल (29 वर्ष) के साथ बस में सवार थे. खाई में बस के गिरने के बाद सभी की मौत हो गई. परिवार में मृतक के बुजुर्ग माता-पिता और छोटे भाई अनिल की पत्नी और एक बच्चा ही शेष बचा है. बीमार बुजुर्ग माता पिता के बुढ़ापे की लाठी दोनों बेटे इस दुनिया को अलविदा कह गए हैं.

वहीं, बारात में गए संगीत (36 वर्ष) और छोटे भाई अनिल की पत्नी गुड़िया (29) की मौत हुई है. संगीत का भाई अनिल बाहर नौकरी करता है. इस घटना में गुड़िया की दो वर्षीय बेटी दिव्यांशी किस्मत से बच गई.

हरिद्वार: कहते हैं मौत सिर्फ उसको लेकर जाती है, जिसका वक्त पूरा हो गया है. अगर किसी कि जिंदगी बाकी है, तो उसका मौत भी कुछ नहीं बिगाड़ सकती. ऐसा ही कुछ बारात की बस लेकर जा रहे बस के कंडक्टर के साथ हुआ. बता दें कि लालढांग से पौड़ी जिले के लिए बारात से भरी बस दोपहर में 12 बजे निकली थी. बस में सवार बारातियों को यह अंदेशा नहीं था कि यह उनकी आखिरी यात्रा हो सकती है. जिसके सात घंटे बाद ही सड़क हादसा हो गया.

कंडक्टर ने ऐसे बचाई जान: बस में सवार वापस लौटे लोगों ने बताया कि बस के कंडक्टर खिड़की पर बैठा हुआ था. उसे बस के अनियंत्रित होने का पता हादसे से चंद सेकेंड पहले ही चल गया. वह तुरंत ही खिड़की से कूद गया. कंडक्टर की इसी सूझबूझ ने उसकी जान बचा ली. लेकिन कुछ लोगों को यह भी सोचने का मौका नहीं मिला कि बस में आखिर हुआ क्या है? हालांकि, घायल कंडक्टर का अभी उपचार चल रहा है.

मृतकों का आंकड़ा 33 पहुंचा: पौड़ी बस हादसे (Pauri bus accident) में मृतकों की संख्या बढ़कर 33 (33 people died in Pauri) हो गई है. वहीं, गंभीर रूप से घायल 17 लोगों का अभी भी उपचार चल रहा है. घायल हुए 20 लोगों में से तीन ने कोटद्वार बेस हॉस्पिटल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया है.

पौड़ी में हुए दर्दनाक बस हादसे में बारात की खुशियां मातम में बदल गई. इस दुर्घटना में जहां किसी का पूरा परिवार ही काल के गाल में समा गया तो किसी के घर का चिराग ही बुझ गया. अपने परिवार के साथ बारात में खुशी खुशी गए गाजीवाला के सतीश की पत्नी और बच्चे के साथ भाई की भी हादसे में दर्दनाक मौत हो गई. परिवार में केवल बुजुर्ग माता-पिता और हादसे में जान गंवाने वाले उनके छोटे भाई की पत्नी और एक बच्चा ही रह गये हैं.
पढ़ें- Pauri Bus Accident: मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 33, स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने घायलों का जाना हाल

इसमें सबसे ज्यादा बदकिस्मत शायद वे लोग हैं, जिन्होंने अपने कई सगे संबंधियों को हमेशा के लिए खो दिया, तो कई ऐसे हैं जिनके घर का चिराग भी इस हादसे में बुझ गया. लालढांग के संदीप की बारात में गाजीवाला से सतीश नाथ (35 वर्ष) अपनी पत्नी वर्षा (32) और आठ साल के बेटे दक्ष के अलावा भाई अनिल (29 वर्ष) के साथ बस में सवार थे. खाई में बस के गिरने के बाद सभी की मौत हो गई. परिवार में मृतक के बुजुर्ग माता-पिता और छोटे भाई अनिल की पत्नी और एक बच्चा ही शेष बचा है. बीमार बुजुर्ग माता पिता के बुढ़ापे की लाठी दोनों बेटे इस दुनिया को अलविदा कह गए हैं.

वहीं, बारात में गए संगीत (36 वर्ष) और छोटे भाई अनिल की पत्नी गुड़िया (29) की मौत हुई है. संगीत का भाई अनिल बाहर नौकरी करता है. इस घटना में गुड़िया की दो वर्षीय बेटी दिव्यांशी किस्मत से बच गई.

Last Updated : Oct 6, 2022, 7:36 AM IST
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