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पूरी सरकार और मेला प्रशासन नहीं कर पाया, एक पार्षद ने दूर कर दी किन्नर अखाड़ा की बड़ी समस्या

किन्नर अखाड़े को अपने कैंप के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा था. अखाड़ा प्रमुख लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की दिक्कतों को देखते हुए हरिद्वार बीजेपी पार्षद सुनील अग्रवाल ने अपनी 8 बीघा से ज्यादा जमीन किन्नर अखाड़ा को कुंभ के लिए दे दी है, जिसके बाद किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने सुनील अग्रवाल के ऑफिस पहुंचकर उन्हें धन्यवाद और आशीर्वाद दिया.

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Published : Mar 18, 2021, 2:18 PM IST

Updated : Mar 18, 2021, 2:24 PM IST

हरिद्वार: जिस किन्नर अखाड़े के कारण हरिद्वार कुंभ शुरुआती दौर में देश दुनिया की सुर्खियां बना, उस अखाड़े को अपने कैंप के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. अखाड़ा प्रमुख लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की दिक्कतों को देखते हुए हरिद्वार बीजेपी पार्षद सुनील अग्रवाल ने अपनी 8 बीघा से ज्यादा जमीन किन्नर अखाड़ा को कुंभ के लिए दे दी है, जिसके बाद किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने सुनील अग्रवाल के ऑफिस पहुंचकर उन्हें धन्यवाद और आशीर्वाद दिया.

पार्षद ने दूर कर दी किन्नर अखाड़ा की बड़ी समस्या.

किन्नर अखाड़े की समस्या

किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पार्षद सुनील अग्रवाल गुड्डू के कनखल स्थित कार्यालय पहुंचीं. इस मौके पर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि किन्नर अखाड़े ने उज्जैन और प्रयागराज कुंभ में भी शिरकत की. हरिद्वार में उनका अखाड़ा पहली बार आया है, लेकिन मेला प्रशासन उनकी आवश्यकता नहीं समझ पा रहा है, जिसको लेकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से भी मुलाकात की है, जिन्होंने 20 मार्च को होने वाली मीटिंग में उन्हें सुविधा देने का आश्वासन दिया है.

पढ़ें: कुमाऊं में चरम पर अवैध खनन का खेल, प्रशासन की टीम ने की ताबड़तोड़ कार्रवाई

मेला प्रशासन को रखना चाहिए ध्यान

वहीं, बीजेपी पार्षद सुनील अग्रवाल गुड्डू ने कहा कि किन्नर अखाड़ा पहली बार हरिद्वार कुंभ में शिरकत कर रहा है. उनके पास छावनी के लिए जगह नहीं थी और मेला प्रशासन ने भी उन्हें जगह उपलब्ध नहीं करवाई थी. उनकी परेशानी को देखते हुए उन्होंने अखाड़े को कैंप के लिए 8 बीघा जमीन दी है. उन्होंने कहा कि मेला प्रशासन को भी किन्नर अखाड़ा की सुविधाओं को देखते हुए उनका ध्यान रखना चाहिए. ये संत हरिद्वार शहरवासियों को आशीर्वाद देने आए हैं, ऐसे में मेला प्रशासन और शहरवासियों को भी इनका सम्मान करना चाहिए.

जूना अखाड़े ने क्यों किया अलग?

किन्नर अखाड़े की समस्या को देखते हुए ये सवाल खड़ा हो रहा है कि जूना अखाड़ा क्यों किन्नर अखाड़ा को अलग-थलग कर रहा है जबकि प्रशासन ने हरिद्वार के लतारा पुल स्थित ठीक उसी जगह पर किन्नर अखाड़ा को भी भूमि दी थी जहां पर जूना अखाड़े का कैंप लगना है. लेकिन एकाएक किन्नर अखाड़ा का वहां से दूसरी जगह पर जाना कई सवाल खड़े कर रहा है. कहा तो यह भी जा रहा है कि कई साधु-संतों को इस बात से भी आपत्ति है कि किन्नर अखाड़े में लगातार श्रद्धालुओं की संख्या क्यों बढ़ रही है.

हरिद्वार: जिस किन्नर अखाड़े के कारण हरिद्वार कुंभ शुरुआती दौर में देश दुनिया की सुर्खियां बना, उस अखाड़े को अपने कैंप के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. अखाड़ा प्रमुख लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की दिक्कतों को देखते हुए हरिद्वार बीजेपी पार्षद सुनील अग्रवाल ने अपनी 8 बीघा से ज्यादा जमीन किन्नर अखाड़ा को कुंभ के लिए दे दी है, जिसके बाद किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने सुनील अग्रवाल के ऑफिस पहुंचकर उन्हें धन्यवाद और आशीर्वाद दिया.

पार्षद ने दूर कर दी किन्नर अखाड़ा की बड़ी समस्या.

किन्नर अखाड़े की समस्या

किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पार्षद सुनील अग्रवाल गुड्डू के कनखल स्थित कार्यालय पहुंचीं. इस मौके पर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि किन्नर अखाड़े ने उज्जैन और प्रयागराज कुंभ में भी शिरकत की. हरिद्वार में उनका अखाड़ा पहली बार आया है, लेकिन मेला प्रशासन उनकी आवश्यकता नहीं समझ पा रहा है, जिसको लेकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से भी मुलाकात की है, जिन्होंने 20 मार्च को होने वाली मीटिंग में उन्हें सुविधा देने का आश्वासन दिया है.

पढ़ें: कुमाऊं में चरम पर अवैध खनन का खेल, प्रशासन की टीम ने की ताबड़तोड़ कार्रवाई

मेला प्रशासन को रखना चाहिए ध्यान

वहीं, बीजेपी पार्षद सुनील अग्रवाल गुड्डू ने कहा कि किन्नर अखाड़ा पहली बार हरिद्वार कुंभ में शिरकत कर रहा है. उनके पास छावनी के लिए जगह नहीं थी और मेला प्रशासन ने भी उन्हें जगह उपलब्ध नहीं करवाई थी. उनकी परेशानी को देखते हुए उन्होंने अखाड़े को कैंप के लिए 8 बीघा जमीन दी है. उन्होंने कहा कि मेला प्रशासन को भी किन्नर अखाड़ा की सुविधाओं को देखते हुए उनका ध्यान रखना चाहिए. ये संत हरिद्वार शहरवासियों को आशीर्वाद देने आए हैं, ऐसे में मेला प्रशासन और शहरवासियों को भी इनका सम्मान करना चाहिए.

जूना अखाड़े ने क्यों किया अलग?

किन्नर अखाड़े की समस्या को देखते हुए ये सवाल खड़ा हो रहा है कि जूना अखाड़ा क्यों किन्नर अखाड़ा को अलग-थलग कर रहा है जबकि प्रशासन ने हरिद्वार के लतारा पुल स्थित ठीक उसी जगह पर किन्नर अखाड़ा को भी भूमि दी थी जहां पर जूना अखाड़े का कैंप लगना है. लेकिन एकाएक किन्नर अखाड़ा का वहां से दूसरी जगह पर जाना कई सवाल खड़े कर रहा है. कहा तो यह भी जा रहा है कि कई साधु-संतों को इस बात से भी आपत्ति है कि किन्नर अखाड़े में लगातार श्रद्धालुओं की संख्या क्यों बढ़ रही है.

Last Updated : Mar 18, 2021, 2:24 PM IST
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