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Farmer Protest: किसानों ने बनाया आरपार की लड़ाई का मूड, 14 मार्च को देहरादून में करेंगे सरकार का घेराव

किसानों के तमाम मुद्दों को लेकर भारतीय किसान यूनियन क्रांति ने सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने का मन बना लिया है. किसानों की तरफ से ऐलान किया है कि यदि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो वो 14 मार्च को देहरादून की सड़कों पर उतरकर धामी सरकार का घेराव करेंगे.

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Published : Mar 10, 2023, 4:49 PM IST

14 मार्च को किसानों का देहरादून में प्रदर्शन

लक्सर: गन्ने का मूल्य बढ़ाने और बिजली व पानी का बिल माफ कराने की मांग को लेकर इस बार किसान सरकार से आरपार की लड़ाई के मूड में हैं. किसान यूनियन ने तय किया है कि 14 मार्च को वो धामी सरकार का घेराव करेंगे और जब तक सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करेंगी, वो मैदान में डटे रहेंगे. इन्हीं सब मुद्दों को लेकर लक्सर में किसान यूनियन ने प्रेसवार्ता की और मीडिया के सामने अपनी बात रखी.

भारतीय किसान यूनियन क्रांति के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सुरेंद्र मनिनवाल ने कहा कि प्रदेश की सरकार सुन नहीं रही है. उसे न कुछ सुनाई देता और न कुछ दिखाई देता. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भले ही गन्ना मूल्य में वृद्धि न की हो, लेकिन वहां के किसानों के बिजली के बिलों को माफ कर दिया और ट्यूबवेल के कनेक्शन भी मुफ्त कर दिए हैं. यूपी सरकार ने खाद और बीज पर भी सब्सिडी बढ़ाई है. इतना ही नहीं वाहनों की खरीद के मामलों पर भी किसानों को छूट दी जा रही हैं.
पढ़ें- Sugarcane Price नहीं बढ़ने से लक्सर के किसान निराश, सरकार से कही ये बात

सुरेंद्र मनिनवाल का कहना है कि जिस तरह से उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को राहत देने का काम किया है, उसी तरह उत्तराखंड की धामी सरकार को भी तुरंत किसानों के बिजली बिलों को माफ करना चाहिए. किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन फ्री देना चाहिए.

सुरेंद्र मनिनवाल ने साफ किया है कि यदि धामी सरकार किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं देती, तो वह 14 मार्च को बड़ी तादाद में देहरादून पहुंच कर सरकार का घेराव करेंगे. इसके लिए उन्हें चाहे सरकार की लाठी ही क्यों न खानी पड़े. जरूरत पड़ने पर वो जेल जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे.

यूनियन के जिला अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि किसानों की मांगों को लेकर रणनीति बन चुकी है और वह लगातार क्षेत्र में जनसंपर्क कर रहे हैं. अकेले हरिद्वार से ही हजारों की तादाद में किसान 14 मार्च को देहरादून पहुंच कर सरकार के घेराव करने का काम करेंगे, फिर चाहे सरकार उन पर मुकदमा दर्ज करे या जेल भेजे पीछे नही हटेंगे. बता दें कि वर्तमान में सरकार अगेती प्रजाति के गन्ने की 355 और पछेती प्रजाति का 345 रुपए रेट दे रही है. पिछले साल भी यही रेट था, जिसे किसान बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.

14 मार्च को किसानों का देहरादून में प्रदर्शन

लक्सर: गन्ने का मूल्य बढ़ाने और बिजली व पानी का बिल माफ कराने की मांग को लेकर इस बार किसान सरकार से आरपार की लड़ाई के मूड में हैं. किसान यूनियन ने तय किया है कि 14 मार्च को वो धामी सरकार का घेराव करेंगे और जब तक सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करेंगी, वो मैदान में डटे रहेंगे. इन्हीं सब मुद्दों को लेकर लक्सर में किसान यूनियन ने प्रेसवार्ता की और मीडिया के सामने अपनी बात रखी.

भारतीय किसान यूनियन क्रांति के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सुरेंद्र मनिनवाल ने कहा कि प्रदेश की सरकार सुन नहीं रही है. उसे न कुछ सुनाई देता और न कुछ दिखाई देता. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भले ही गन्ना मूल्य में वृद्धि न की हो, लेकिन वहां के किसानों के बिजली के बिलों को माफ कर दिया और ट्यूबवेल के कनेक्शन भी मुफ्त कर दिए हैं. यूपी सरकार ने खाद और बीज पर भी सब्सिडी बढ़ाई है. इतना ही नहीं वाहनों की खरीद के मामलों पर भी किसानों को छूट दी जा रही हैं.
पढ़ें- Sugarcane Price नहीं बढ़ने से लक्सर के किसान निराश, सरकार से कही ये बात

सुरेंद्र मनिनवाल का कहना है कि जिस तरह से उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को राहत देने का काम किया है, उसी तरह उत्तराखंड की धामी सरकार को भी तुरंत किसानों के बिजली बिलों को माफ करना चाहिए. किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन फ्री देना चाहिए.

सुरेंद्र मनिनवाल ने साफ किया है कि यदि धामी सरकार किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं देती, तो वह 14 मार्च को बड़ी तादाद में देहरादून पहुंच कर सरकार का घेराव करेंगे. इसके लिए उन्हें चाहे सरकार की लाठी ही क्यों न खानी पड़े. जरूरत पड़ने पर वो जेल जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे.

यूनियन के जिला अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि किसानों की मांगों को लेकर रणनीति बन चुकी है और वह लगातार क्षेत्र में जनसंपर्क कर रहे हैं. अकेले हरिद्वार से ही हजारों की तादाद में किसान 14 मार्च को देहरादून पहुंच कर सरकार के घेराव करने का काम करेंगे, फिर चाहे सरकार उन पर मुकदमा दर्ज करे या जेल भेजे पीछे नही हटेंगे. बता दें कि वर्तमान में सरकार अगेती प्रजाति के गन्ने की 355 और पछेती प्रजाति का 345 रुपए रेट दे रही है. पिछले साल भी यही रेट था, जिसे किसान बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.

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