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उत्तराखंड के इस मंदिर में होती है भारत माता की पूजा, शहीदों को दी जाती है श्रद्धांजलि - Haridwar Bharat Mata Temple

देशभर में विभिन्न देवी-देवताओं के करोड़ों मंदिर हैं. जहां लोग शीष नवाते दिखाई देते हैं. मगर इन सब से अलग देश में एक ऐसा अनूठा मंदिर भी है, जिसमें एक साथ देवी देवताओं, संत, महापुरुषों, देश के शूरवीर और शहीदों के साथ भारत मां की आराधना की जाती है.

उत्तराखंड के इस मंदिर में होती है भारत माता की पूजा.
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Published : Aug 15, 2019, 10:50 AM IST

Updated : Aug 15, 2019, 2:13 PM IST

हरिद्वार: भारत हर हिन्दुस्तानी के दिल में बसता है. जिसकी आन-बान और शान की रक्षा के लिए कई वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी है. भारत आज अपना 73वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. जिसको लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. वहीं आज हम आपको एक ऐसे मंदिर से रूबरू कराने जा रहे हैं, जो धर्मनगरी में भारत माता मंदिर के नाम से जाना जाता है, जहां भारत मां की पूजा होती है. यही नहीं देश-विदेश से आने वाले सैलानी भी यहां मां भारती की पूजा करते हैं.

उत्तराखंड के इस मंदिर में होती है भारत माता की पूजा.

देशभर में विभिन्न देवी-देवताओं के करोड़ों मंदिर हैं. जहां लोग शीष नवाते दिखाई देते हैं. मगर इन सब से अलग देश में एक ऐसा अनूठा मंदिर भी है, जिसमें एक साथ देवी देवताओं, संत, महापुरुषों, देश के शूरवीर और शहीदों के साथ भारत मां की आराधना की जाती है. पूरी दुनिया में अपनी तरह का विशिष्ट पहचान रखने वाला भारत माता का यह मंदिर हरिद्वार में है, इस मंदिर को मदर इंडिया टेंपल भी कहा जाता है. हरिद्वार के सप्त सरोवर क्षेत्र में स्थित इस मंदिर का निर्माण ब्रह्मलीन निवर्तमान शंकराचार्य महामंडलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी ने कराया. करीब 11 साल में मंदिर बनकर तैयार हुआ था. 1983 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस मंदिर का उद्घाटन कर राष्ट्र को समर्पित किया था.

देश-विदेश में बने मंदिर आमतौर पर विभिन्न हिंदू देवी देवताओं को समर्पित हैं, लेकिन विश्व प्रसिद्ध अध्यात्मिक हिंदू तीर्थ नगरी हरिद्वार में एक ऐसा अनूठा मंदिर है. यह मंदिर हमारे महान देश की महान हस्तियों को समर्पित है. वह हस्तियां जो हमारे देश का गौरव हैं और जिसका नाम इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है. ये मंदिर उनके जीवन उनके संघर्ष और उनके योगदान के बारे में भावी पीढ़ी को जानकारी देने वाला विशिष्ट पहचान वाला विश्व का इकलौता मंदिर है. जहां पर भारत माता की पूजा की जाती है मंदिर में स्थापित सभी मूर्तियां बिल्कुल जीवित प्रतीक होती है.

मंदिर की ये है खासियत

भारत माता का मंदिर 8 मंजिला है और करीब 180 फीट ऊंचा है इसकी हर मंजिल अपने आप में खास है और पूरी एक इमारत की तरह इसे बनाया गया है. पहली मंजिल पर भारत माता की प्रतिमा है मंदिर में रेत से भी भारत माता का नक्शा बनाया गया है, जो विभिन्न रंगों की लाइटों से बहुत खूबसूरत नजर आता है. दूसरी मंजिल पर शुर मंदिर है जो कि भारत के शूरवीरो शहीदों को समर्पित है. जिन्होंने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी इस मंजिल पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस लाल बहादुर शास्त्री, गुरु गोविंद सिंह, महाराणा प्रताप, शिवाजी महाराज, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू आदि भारत माता के वीर महापुरुषों की मूर्तियां स्थापित की गई है.

तीसरी मंजिल पर मातृ मंदिर है जो कि भारत के मातृशक्ति को समर्पित है. इस मंदिर में मीराबाई सावित्री मैत्री विदुषी महिलाओं की मूर्तियां स्थापित की गई है. चौथी मंजिल महान भारतीय संत महापुरुषों को समर्पित है इस मंजिल में गौतम बुद्ध, तुलसीदास, कबीर दास, रहीम और श्री साईं बाबा की मूर्तियां लगाई गई है. पांचवीं मंजिल विभिन्न धर्मों की झांकियां इतिहास एवं भारत के विभिन्न भागों की सुंदरता को प्रदर्शित करती हैं, इस मंजिल में दीवारों पर आकर्षित चित्रकारी की गई है.

छठी मंजिल पर बने शक्ति मंदिर में आदिशक्ति की प्रतिमा मां दुर्गा, पार्वती, राधा, मां काली, सरस्वती की मूर्तियां लगाई गई है. सातवीं मंजिल पर भगवान विष्णु के दस अवतारों को देखा जा सकता है. भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर में उनके मत्स्य कूर्म, नरसिंह भगवान, परशुराम रामकृष्ण बुध की सुंदर झांकियां दर्शायी गई है. आठवीं मंजिल प्राकृतिक प्रेम और आध्यात्मिक व्यक्ति दोनों के लिए एक उपहार के समान है, क्योंकि यहां भगवान शिव का सुंदर मंदिर बनाया गया है.


राष्ट्रीय पर्व पर लगता है लोगों का तांता

भारत माता मंदिर को बनाने की परिकल्पना निवर्तमान शंकराचार्य जी के द्वारा की गई थी. क्योंकि शंकराचार्य सत्यमित्रानंद समन्वय के बड़े समर्थक थे और अपनी इसी सोच को उन्होंने भारत माता के रूप में दुनिया के सामने रखकर समन्वय बनाने पर जोर दिया था. उनकी कल्पना थी और यह संकल्प भी था कि वह एक ऐसा मंदिर बनाएंगे. जहां देवी देवताओं के साथ संत महापुरुषों शूरवीरो शहीदों के साथ मातृशक्ति को भी सम्मान दे सकें और दुनिया देवी देवताओं के साथ-साथ इन सभी हस्तियों के सामने भी माथा टेक कर इनके योगदान के लिए नमन करें.

भारत माता मंदिर के ट्रस्टी आई डी शास्त्री का कहना है कि भारत माता मंदिर देश और विदेश में इकलौता ऐसा मंदिर है. जहां पर भारत माता की पूजा होती है और यह पूज्य संत सत्यमित्रानंद की परिकल्पना ही थी कि आज भारत माता का हरिद्वार में मंदिर बना है और देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु यहां पर देश भक्ति के रंग में रंगे दिखाई देते हैं. उनका कहना है कि 11 साल तक इस मंदिर का निर्माण होता रहा और 1983 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा इसका उद्घाटन किया गया था.

हरिद्वार आने वाले तीर्थयात्री और पर्यटक सभी भारत माता मंदिर के दर्शन करने जरूर जाते हैं सैलानियों का कहना है कि यह एक अनोखा मंदिर है. जहां पर भारत माता की पूजा की जाती है शाहजहांपुर से आए यात्री इस मंदिर को देखकर अभिभूत नजर आए उनका कहना है कि उन्होंने शहीद अशफाक उल्ला खान और अनेक वीर महापुरुषों की मूर्तियां देखी और उनके बारे में कई जानकारी मिली जो हमको पहली बार पता चला है और इस तरह के मंदिर देश के हर शहर में बनने चाहिए. पर्यटक का कहना है कि यहां आकर मन प्रसन्न हो जता है, क्योंकि भारत माता मंदिर में सभी देवी-देवताओं के मंदिरों के साथ भारत- माता का मंदिर भी है. इस मंदिर में आकर अलग ही अनुभूति का अहसास होता है.

हरिद्वार: भारत हर हिन्दुस्तानी के दिल में बसता है. जिसकी आन-बान और शान की रक्षा के लिए कई वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी है. भारत आज अपना 73वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. जिसको लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. वहीं आज हम आपको एक ऐसे मंदिर से रूबरू कराने जा रहे हैं, जो धर्मनगरी में भारत माता मंदिर के नाम से जाना जाता है, जहां भारत मां की पूजा होती है. यही नहीं देश-विदेश से आने वाले सैलानी भी यहां मां भारती की पूजा करते हैं.

उत्तराखंड के इस मंदिर में होती है भारत माता की पूजा.

देशभर में विभिन्न देवी-देवताओं के करोड़ों मंदिर हैं. जहां लोग शीष नवाते दिखाई देते हैं. मगर इन सब से अलग देश में एक ऐसा अनूठा मंदिर भी है, जिसमें एक साथ देवी देवताओं, संत, महापुरुषों, देश के शूरवीर और शहीदों के साथ भारत मां की आराधना की जाती है. पूरी दुनिया में अपनी तरह का विशिष्ट पहचान रखने वाला भारत माता का यह मंदिर हरिद्वार में है, इस मंदिर को मदर इंडिया टेंपल भी कहा जाता है. हरिद्वार के सप्त सरोवर क्षेत्र में स्थित इस मंदिर का निर्माण ब्रह्मलीन निवर्तमान शंकराचार्य महामंडलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी ने कराया. करीब 11 साल में मंदिर बनकर तैयार हुआ था. 1983 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस मंदिर का उद्घाटन कर राष्ट्र को समर्पित किया था.

देश-विदेश में बने मंदिर आमतौर पर विभिन्न हिंदू देवी देवताओं को समर्पित हैं, लेकिन विश्व प्रसिद्ध अध्यात्मिक हिंदू तीर्थ नगरी हरिद्वार में एक ऐसा अनूठा मंदिर है. यह मंदिर हमारे महान देश की महान हस्तियों को समर्पित है. वह हस्तियां जो हमारे देश का गौरव हैं और जिसका नाम इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है. ये मंदिर उनके जीवन उनके संघर्ष और उनके योगदान के बारे में भावी पीढ़ी को जानकारी देने वाला विशिष्ट पहचान वाला विश्व का इकलौता मंदिर है. जहां पर भारत माता की पूजा की जाती है मंदिर में स्थापित सभी मूर्तियां बिल्कुल जीवित प्रतीक होती है.

मंदिर की ये है खासियत

भारत माता का मंदिर 8 मंजिला है और करीब 180 फीट ऊंचा है इसकी हर मंजिल अपने आप में खास है और पूरी एक इमारत की तरह इसे बनाया गया है. पहली मंजिल पर भारत माता की प्रतिमा है मंदिर में रेत से भी भारत माता का नक्शा बनाया गया है, जो विभिन्न रंगों की लाइटों से बहुत खूबसूरत नजर आता है. दूसरी मंजिल पर शुर मंदिर है जो कि भारत के शूरवीरो शहीदों को समर्पित है. जिन्होंने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी इस मंजिल पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस लाल बहादुर शास्त्री, गुरु गोविंद सिंह, महाराणा प्रताप, शिवाजी महाराज, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू आदि भारत माता के वीर महापुरुषों की मूर्तियां स्थापित की गई है.

तीसरी मंजिल पर मातृ मंदिर है जो कि भारत के मातृशक्ति को समर्पित है. इस मंदिर में मीराबाई सावित्री मैत्री विदुषी महिलाओं की मूर्तियां स्थापित की गई है. चौथी मंजिल महान भारतीय संत महापुरुषों को समर्पित है इस मंजिल में गौतम बुद्ध, तुलसीदास, कबीर दास, रहीम और श्री साईं बाबा की मूर्तियां लगाई गई है. पांचवीं मंजिल विभिन्न धर्मों की झांकियां इतिहास एवं भारत के विभिन्न भागों की सुंदरता को प्रदर्शित करती हैं, इस मंजिल में दीवारों पर आकर्षित चित्रकारी की गई है.

छठी मंजिल पर बने शक्ति मंदिर में आदिशक्ति की प्रतिमा मां दुर्गा, पार्वती, राधा, मां काली, सरस्वती की मूर्तियां लगाई गई है. सातवीं मंजिल पर भगवान विष्णु के दस अवतारों को देखा जा सकता है. भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर में उनके मत्स्य कूर्म, नरसिंह भगवान, परशुराम रामकृष्ण बुध की सुंदर झांकियां दर्शायी गई है. आठवीं मंजिल प्राकृतिक प्रेम और आध्यात्मिक व्यक्ति दोनों के लिए एक उपहार के समान है, क्योंकि यहां भगवान शिव का सुंदर मंदिर बनाया गया है.


राष्ट्रीय पर्व पर लगता है लोगों का तांता

भारत माता मंदिर को बनाने की परिकल्पना निवर्तमान शंकराचार्य जी के द्वारा की गई थी. क्योंकि शंकराचार्य सत्यमित्रानंद समन्वय के बड़े समर्थक थे और अपनी इसी सोच को उन्होंने भारत माता के रूप में दुनिया के सामने रखकर समन्वय बनाने पर जोर दिया था. उनकी कल्पना थी और यह संकल्प भी था कि वह एक ऐसा मंदिर बनाएंगे. जहां देवी देवताओं के साथ संत महापुरुषों शूरवीरो शहीदों के साथ मातृशक्ति को भी सम्मान दे सकें और दुनिया देवी देवताओं के साथ-साथ इन सभी हस्तियों के सामने भी माथा टेक कर इनके योगदान के लिए नमन करें.

भारत माता मंदिर के ट्रस्टी आई डी शास्त्री का कहना है कि भारत माता मंदिर देश और विदेश में इकलौता ऐसा मंदिर है. जहां पर भारत माता की पूजा होती है और यह पूज्य संत सत्यमित्रानंद की परिकल्पना ही थी कि आज भारत माता का हरिद्वार में मंदिर बना है और देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु यहां पर देश भक्ति के रंग में रंगे दिखाई देते हैं. उनका कहना है कि 11 साल तक इस मंदिर का निर्माण होता रहा और 1983 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा इसका उद्घाटन किया गया था.

हरिद्वार आने वाले तीर्थयात्री और पर्यटक सभी भारत माता मंदिर के दर्शन करने जरूर जाते हैं सैलानियों का कहना है कि यह एक अनोखा मंदिर है. जहां पर भारत माता की पूजा की जाती है शाहजहांपुर से आए यात्री इस मंदिर को देखकर अभिभूत नजर आए उनका कहना है कि उन्होंने शहीद अशफाक उल्ला खान और अनेक वीर महापुरुषों की मूर्तियां देखी और उनके बारे में कई जानकारी मिली जो हमको पहली बार पता चला है और इस तरह के मंदिर देश के हर शहर में बनने चाहिए. पर्यटक का कहना है कि यहां आकर मन प्रसन्न हो जता है, क्योंकि भारत माता मंदिर में सभी देवी-देवताओं के मंदिरों के साथ भारत- माता का मंदिर भी है. इस मंदिर में आकर अलग ही अनुभूति का अहसास होता है.

Intro:फीड लाइव व्यू से भेजी गई है

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भारत मां की रक्षा के लिए देश के सैनिक अपना बलिदान देने से भी पीछे नहीं हटते हैं और भारत मां की रक्षा की खातिर अपने प्राणों की आहुति दे देते हैं भारत माँ हर हिंदुस्तानी के दिल में बसती है तभी तो भारत मां को हिंदुस्तानियों ने भगवान से भी ऊपर दर्जा दिया है आज हम आपको भारत माता का इकलौता मंदिर दिखाइए जहां पर भारत मां की पूजा की जाती है और देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालु मां भारती की पूजा करते हैं और देश की रक्षा का वचन लेते हैं देखें ईटीवी भारत पर हमारी खास रिपोर्ट

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Body:देशभर में विभिन्न देवी-देवताओं के लाखों-करोड़ों मंदिर है जहां लोग इनकी पूजा पाठ करते हैं मगर इन सब से अलग देश में एक ऐसा अनूठा मंदिर भी है जिसमें एक साथ देवी देवताओं संत महापुरुषों देश के शूरवीर और शहीदो मातृशक्ति के साथ भारत मां की आराधना की जाती है पूरी दुनिया में अपनी तरह का विशिष्ट पहचान रखने वाला भारत माता का यह मंदिर हरिद्वार में है इस मंदिर को मदर इंडिया टेंपल भी कहा जाता है हरिद्वार के सप्त सरोवर क्षेत्र में स्थित इस मंदिर का निर्माण ब्रह्मलीन निवर्तमान शंकराचार्य महामंडलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी ने कराया था करीब 11 साल में बनकर तैयार हुआ या मंदिर और साल 1983 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने इस मंदिर का उद्घाटन कर इस मंदिर को राष्ट्र को समर्पित किया था

देश विदेश में बने मंदिर आमतौर पर विभिन्न हिंदू देवी देवताओं को समर्पित है लेकिन विश्व प्रसिद्ध अध्यात्मिक हिंदू तीर्थ नगरी हरिद्वार में एक ऐसा अनूठा मंदिर है जो देश के सांस्कृतिक आध्यात्मिक और सामाजिक जीवन में अपना अमूल्य योगदान देने वाले महापुरुषों अध्यात्मिक हस्तियों शूरवीरओं देश के लिए जान कुर्बान करने वाले शहीदों और विदुषी मातृ शक्तियों को समर्पित है यह मंदिर हमारे महान देश की महान हस्तियों को समर्पित है वह हस्तीया जो हमारे देश का गौरव है और जिसका नाम इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है उनके जीवन उनके संघर्ष और उनके योगदान के बारे में भावी पीढ़ी को जानकारी देने वाला विशिष्ट पहचान वाला विश्व का इकलौता मंदिर है जहां पर भारत माता की पूजा की जाती है मंदिर में स्थापित सभी मूर्तियां बिल्कुल जीवित प्रतीक होती है

ग्राफीक-- भारत माता का मंदिर 8 मंजिला है और करीब 180 फीट ऊंचा है इसकी हर मंजिल अपने आप में खास है और पूरी एक इमारत की तरह इसे बनाया गया है

पहली मंजिल पर भारत माता की प्रतिमा है मंदिर में रेत से भी भारत माता का नक्शा बनाया गया है जो विभिन्न रंगों की लाइटों से बहुत खूबसूरत नजर आता है

दूसरी मंजिल पर शुर मंदिर है जो कि भारत के शूरवीरो शहीदों को समर्पित है जिन्होंने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी इस मंजिल पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी नेताजी सुभाष चंद्र बोस लाल बहादुर शास्त्री गुरु गोविंद सिंह महाराणा प्रताप शिवाजी महाराज झांसी की रानी लक्ष्मीबाई भगत सिंह सुखदेव राजगुरू आदि भारत माता के वीर महापुरुषों की मूर्तियां स्थापित की गई है

तीसरी मंजिल पर मातृ मंदिर है जो कि भारत के मातृशक्ति को समर्पित है इस मंदिर में मीराबाई सावित्री मैत्री विदुषी महिलाओं की मूर्तियां स्थापित की गई है

चौथी मंजिल महान भारतीय संत महापुरुषों को समर्पित है इस मंजिल में गौतम बुद्ध तुलसीदास कबीर दास रहीम और श्री साईं बाबा की मूर्तियां लगाई गई है

पांचवी मंजिल विभिन्न धर्मों की झांकियां इतिहास एवं भारत के विभिन्न भागों की सुंदरता को प्रदर्शित करती है इस मंजिल में दीवारों पर आकर्षित चित्रकारी की गई है

छठी मंजिल पर बने शक्ति मंदिर में आदिशक्ति की प्रतिमा मां दुर्गा पार्वती राधा काली सरस्वती की मूर्तियां लगाई गई है

सातवीं मंजिल पर भगवान विष्णु के दस अवतारों को देखा जा सकता है भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर में उनके मत्स्य कूर्म वाराह नरसिंहा वामन परशुराम रामकृष्ण बुध और कल्कि अवतारों की सुंदर झांकियां दर्शायी गई है

आठवीं मंजिल प्राकृतिक प्रेम और आध्यात्मिक व्यक्ति दोनों के लिए एक उपहार के समान है क्योंकि यहां भगवान शिव का सुंदर मंदिर बनाया गया है

भारत माता मंदिर को बनाने की परिकल्पना निवर्तमान शंकराचार्य जी के द्वारा की गई थी क्योंकि शंकराचार्य सत्यमित्रानंद समन्वय के बड़े समर्थक थे और अपनी इसी सोच को उन्होंने भारत माता के रूप में दुनिया के सामने रखकर समन्वय बनाने पर जोर दिया था उनकी कल्पना थी और यह संकल्प भी था कि वह एक ऐसा मंदिर बनाएंगे जहा देवी देवताओं के साथ संत महापुरुषों शूरवीरो शहीदों के साथ मातृशक्ति को भी सम्मान दे सके और दुनिया देवी देवताओं के साथ-साथ इन सभी हस्तियों के सामने भी माथा टेक कर इनके योगदान के लिए नमन करें भारत माता मंदिर के ट्रस्टी आई डी शास्त्री का कहना है कि भारत माता मंदिर देश और विदेश में इकलौता ऐसा मंदिर है जहां पर भारत माता की पूजा होती है और यह पूज्य संत सत्यमित्रानंद की परिकल्पना ही थी कि आज भारत माता का हरिद्वार में मंदिर बना है और देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु यहां पर देश भक्ति के रंग में रंग जाते हैं उनका कहना है कि 11 साल तक इस मंदिर का निर्माण चला और 1983 में उस वक्त की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा इसका उद्घाटन किया गया

बाइट--आई डी शास्त्री-- ट्रस्टी भारत माता मंदिर

हरिद्वार आने वाले तीर्थयात्री और पर्यटक सभी भारत माता मंदिर के दर्शन करने जरूर आते हैं यात्रीको कहना है कि यह एक अनोखा मंदिर है जहां पर भारत माता की पूजा की जाती है शाहजहांपुर से आए यात्री इस मंदिर को देखकर अभिभूत नजर आए उनका कहना है कि उन्होंने शहीद अशफाकुल्लाह खान और अनेक वीर महापुरुषों की मूर्तियां देखी और उनके बारे में कई जानकारी मिली जो हमको पहली बार पता चली है इस तरह के मंदिर देश के हर शहर में बनने चाहिए पर्यटक का कहना है कि यहां आकर मन प्रसन्न हो गया क्योंकि भारत माता मंदिर में सभी देवी-देवताओं के मंदिरों के साथ भारत माता का मंदिर भी है और इस मंदिर में आकर अलग ही अनुभूति का अहसास होता है

बाइट--कीर्ति--यात्री
बाइट--शिवांगी--यात्री
बाइट-- अजय राम विश्नोई---यात्री


Conclusion:भारत माता का नाम स्मरण करने से ही हर भारतीयों के मन में देशभक्ति की भावना जग जाती है तभी तो भारत मां की आजादी के लिए कई सुर वीरों ने हंसते-हंसते अपने प्राणों की आहुति दे दी थी इस मंदिर में आने वाले देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु यहां आकर अलग ही अनुभूति प्राप्त करते हैं और भारत मां के जयकारों के साथ भारत मां की रक्षा का वचन भी लेते हैं

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Last Updated : Aug 15, 2019, 2:13 PM IST
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