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स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार की हकीकत दिखाता ये सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

50 गांव की लगभग 94 हजार की आबादी खानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर निर्भर है, ये स्वास्थ्य केंद्र आज अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है.

khanpur community health center
स्वास्थ्य सुविधाओं का ठीकरा फोड़ता ये सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र.
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Published : Dec 8, 2019, 9:04 PM IST

लक्सर: आज के दौर में रोटी, कपड़ा और मकान के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाएं भी उतनी ही जरूरी हैं. लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं का जिम्मा संभाल रहे सीएम साहब शायद प्रदेश की जनता की ये जरूरत पूरी करने में नाकाम साबित हो रहे हैं. ये हम नहीं कह रहे बल्कि खानपुर स्थित सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुद बयां कर रहा है. स्वास्थ्य सुविधाओं के बड़े-बड़े दावे करने वाली सरकार हो या सरकार के नुमाइंदे, सबके दावों की पोल इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में खुलती साफ दिख रही है.

50 गांव की लगभग 94 हजार की आबादी के इलाज के लिए खानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोल तो दिया गया. लेकिन, एक डॉक्टर को तैनात कर उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग लोगों के स्वास्थ्य के साथ केवल खिलवाड़ करता हुआ दिख रहा है. डॉक्टरों की कमी और केंद्र के बदहाल हालत मरीजों की बीमारी कम करने की जगह उनके दर्द को और बढ़ा रहा है. इस स्वास्थ्य केंद्र में दरवाजे गले हुए हैं, मरीजों का आरोप है कि दवाइयों की पर्ची तो काट दी जाती है, लेकिन समय से कभी भी दवाई नहीं मिलती. यहां तक इमरजेंसी सेवा के लिए एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं है.

स्वास्थ्य सुविधाओं का ठीकरा फोड़ता ये सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र.

लोगों ने बताया कि खानपुर सीएचसी में कोई डॉक्टर और सुविधा नहीं है. खानपुर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोल तो दिया गया है, लेकिन ये स्वास्थ्य केंद्र सुविधाओं से पूरी तरह वंचित है. यहां पैथोलॉजी की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है, लेकिन डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं. सीएचसी में केवल एक डॉक्टर हैं जो कभी-कभी ही अस्पताल में मिलते हैं.

ये भी पढ़ें: हरदा बोले- त्रिवेंद्र सिंह रावत को मान लिया गुरु, बताई ये बड़ी वजह

सामुदायिक केंद्र में मौजूद एक आशा ने बताया कि खानपुर सीएचसी में एम्बुलेंस जैसी इमरजेंसी सेवा की भी कोई व्यवस्था नहीं है, यहां केवल 108 के अलावा मरीजों के लिए और कोई व्यवस्था नहीं है. 108 भी कभी-कभी ही सुविधा मुहैया करा पाती है. ज्यादातर मरीजों को इमरजेंसी में अपनी निजी गाड़ी का इस्तेमाल करना पड़ता है.

जब इस बावत टीम ने खानपुर की चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर कोमल से बात की तो उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खानपुर में खामियों को स्वीकार करते हुए कहा कि वास्तव में मरीजों को परेशानी हो रही है. इस अस्पताल में जो भी कमियां हैं, उनका जल्दी ही निराकरण कर दिया जाएगा.

अब देखने वाली बात ये होगी कि इस सामुदायिक केंद्र में सरकार कब तक सभी सुविधा मुहैया कराकर जनता के दर्द को कम करती है.

लक्सर: आज के दौर में रोटी, कपड़ा और मकान के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाएं भी उतनी ही जरूरी हैं. लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं का जिम्मा संभाल रहे सीएम साहब शायद प्रदेश की जनता की ये जरूरत पूरी करने में नाकाम साबित हो रहे हैं. ये हम नहीं कह रहे बल्कि खानपुर स्थित सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुद बयां कर रहा है. स्वास्थ्य सुविधाओं के बड़े-बड़े दावे करने वाली सरकार हो या सरकार के नुमाइंदे, सबके दावों की पोल इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में खुलती साफ दिख रही है.

50 गांव की लगभग 94 हजार की आबादी के इलाज के लिए खानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोल तो दिया गया. लेकिन, एक डॉक्टर को तैनात कर उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग लोगों के स्वास्थ्य के साथ केवल खिलवाड़ करता हुआ दिख रहा है. डॉक्टरों की कमी और केंद्र के बदहाल हालत मरीजों की बीमारी कम करने की जगह उनके दर्द को और बढ़ा रहा है. इस स्वास्थ्य केंद्र में दरवाजे गले हुए हैं, मरीजों का आरोप है कि दवाइयों की पर्ची तो काट दी जाती है, लेकिन समय से कभी भी दवाई नहीं मिलती. यहां तक इमरजेंसी सेवा के लिए एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं है.

स्वास्थ्य सुविधाओं का ठीकरा फोड़ता ये सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र.

लोगों ने बताया कि खानपुर सीएचसी में कोई डॉक्टर और सुविधा नहीं है. खानपुर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोल तो दिया गया है, लेकिन ये स्वास्थ्य केंद्र सुविधाओं से पूरी तरह वंचित है. यहां पैथोलॉजी की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है, लेकिन डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं. सीएचसी में केवल एक डॉक्टर हैं जो कभी-कभी ही अस्पताल में मिलते हैं.

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सामुदायिक केंद्र में मौजूद एक आशा ने बताया कि खानपुर सीएचसी में एम्बुलेंस जैसी इमरजेंसी सेवा की भी कोई व्यवस्था नहीं है, यहां केवल 108 के अलावा मरीजों के लिए और कोई व्यवस्था नहीं है. 108 भी कभी-कभी ही सुविधा मुहैया करा पाती है. ज्यादातर मरीजों को इमरजेंसी में अपनी निजी गाड़ी का इस्तेमाल करना पड़ता है.

जब इस बावत टीम ने खानपुर की चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर कोमल से बात की तो उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खानपुर में खामियों को स्वीकार करते हुए कहा कि वास्तव में मरीजों को परेशानी हो रही है. इस अस्पताल में जो भी कमियां हैं, उनका जल्दी ही निराकरण कर दिया जाएगा.

अब देखने वाली बात ये होगी कि इस सामुदायिक केंद्र में सरकार कब तक सभी सुविधा मुहैया कराकर जनता के दर्द को कम करती है.

Intro:संवाददाता कृष्णकांत शर्मा लक्सर
लोकेशन लक्सर उत्तराखंड
सलग-- सरकारी अस्पताल में खामियां
एंकर -लक्सर के खानपुर में सरकार द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोला गया है जिसमें डॉक्टरों की कमी के साथ और भी बहुत सारी खामियां भरी पड़ी है दरवाजे गले हैं दवाइयां समय से नहीं मिलती मरीज डॉक्टर के बगैर परेशान रहते हैं इमरजेंसी सेवा के लिए एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं है कुछ समय पहले खानपुर विधायक द्वारा एंबुलेंस दी गई थी जिसका इस्तेमाल वर्तमान डॉक्टर अपने लिये इस्तेमाल कर रही है वर्तमान डाक्टर भी खामियों को सही मांन रही है

Body:
वीओ 1 जब हमारी ईटीवी भारत की टीम ने खानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया और लोगो से बात की तो पता चला कि खानपुर सीएचसी में ना हीं तो डॉक्टर हैं और ना ही कोई सुविधा कहने को तो खानपुर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोल दिया गया है लेकिन यह स्वास्थ्य केंद्र सुविधाओं से पूरी तरह वंचित है वैसे तो यहां पैथोलॉजी की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है लेकिन उस में बैठने वाले डॉक्टर उपलब्ध नहीं होते सीएचसी में केवल एक डॉक्टर है जो कभी-कभी ही अस्पताल में मिलते हैं मरीजों को दवाई लेने के लिए कई कई दिनों तक चक्कर लगाने पड़ते हैं जब कभी डॉक्टर से मुलाकात होती है तो लिखे गए टेस्ट एक्स-रे दवाइयां नहीं मिल पाते जिसके लिए लक्सर सीएचसी या निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है जिससे मरीजों को भारी परेशानियां उठानी पड़ रही हैं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर के कार्यालयों के ताले बंद पड़े रहते हैं शौचालय तक के ताले बंद पड़े हैं मौके पर खड़ी एक आशा ने बताया कि खानपुर सीएचसी में एम्बुलेंस जैसी इमरजेंसी सेवा की भी कोई व्यवस्था नहीं है यहां केवल 108 के अलावा मरीजों के लिए और कोई व्यवस्था नहीं है 108 भी कभी-कभी ही सुविधा मुहैया करा पाती है ज्यादातर मरीजों को इमरजेंसी में अपनी निजी गाड़ी का इस्तेमाल करना पड़ता है जिससे खानपुर जैसे क्षेत्र के गरीब लोगों को काफी परेशानी होती है और कई बार सुविधा ना मिल पाने के कारण बहुत बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है

Byet-- मरीज का बेटा
Byet-- आशा कार्यकत्री

वी ओ 2-- जब हमने खानपुर की चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर कोमल से बात की तो उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में जो भी कमियां हैं उनका जल्दी ही निराकरण कर दिया जाएगा डॉ कोमल ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खानपुर में खामियों को स्वीकार करते हुए माना कि वास्तव में मरीजों को परेशानी हो रही है हम इन खामियों को अतिशीघ्र दूर कर देंगे
Byet-- डॉक्टर कोमल चिकित्सा अधीक्षक खानपुर

Conclusion:

वीओ-; एक तरफ तो उत्तराखंड सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का वादा करती है वही खानपुर जैसे पिछड़े क्षेत्र में डॉक्टरों की कमी दवाइयों की कमी संसाधनों की कमी से साफ जाहिर होता है कि उत्तराखंड सरकार की स्वास्थ्य सेवाएं सिर्फ एक ढकोसला है और कुछ नहीं खानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 50 गांव कि करीब 94000 हजार की आबादी के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी है वही खानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में केवल एक डॉक्टर को तैनात कर उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने लोगों के स्वास्थ्य के साथ केवल खिलवाड़ किया हुआ है
यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि कब तक खानपुर क्षेत्र की जनता को पूर्ण रूप से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाती है
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