हरिद्वारः निवर्तमान शंकराचार्य पद्मभूषण स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी ने मंगलवार को अपने आश्रम राघव कुटीर में देह त्याग दिया है. उनके पार्थिव देह को राघव कुटीर में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है. जहां पर स्वामी सत्यमित्रानंद के आखिरी दर्शन और श्रद्धांजलि देने के लिए काफी संख्या में उनके भक्त पहुंच रहे हैं. इसी कड़ी में बाबा रामदेव भी सत्यमित्रानंद को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके आश्रम पहुंचे और उन्हें पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की.
बता दें कि स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी ने साल 1983 में भारत माता मंदिर की स्थापना की थी. बताया जा रहा है कि निवृत्त शंकराचार्य पद्मभूषण स्वामी सत्यमित्रानंद पिछले कई दिनों से बीमार थे और उनका इलाज चल रहा था. मंगलवार को वे अपनी बीमारी से जंग हार गए. उत्तराखंड सरकार ने स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरी के निधन पर एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया है. सत्यमित्रानंद को बुधवार शाम को भू-समाधि दी जाएगी.
सत्यमित्रानंद को श्रद्धांजलि देने राघव कुटीर पहुंचे बाबा रामदेव का कहना है कि निवर्तमान शंकराचार्य पद्मभूषण स्वामी सत्यमित्रानंद शंकराचार्य साधु समाज के गौरव और वैदिक सनातन धर्म के सबसे बड़े पेड़ थे. जिन्होंने देश ही नहीं पूरी दुनिया में भारतीय सनातन संस्कृति का यश और गौरव को बढ़ाया था. उनके चले जाने से भारतीय सनातन संस्कृति की बड़ी क्षति हुई है. उन्होंने कहा कि सत्यमित्रानंद के अंदर सभी समाज के प्रति आदर भाव के साथ देश के प्रति प्रेम भी था. इसीलिए उन्होंने भारत माता मंदिर की स्थापना की थी. साथ ही कहा कि देवी-देवताओं के मंदिर तो सभी बनाते हैं, लेकिन उन्होंने भारत माता का मंदिर बनाया था
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इमरजेंसी एक काला अध्यायः बाबा रामदेव
बाबा रामदेव ने इमरजेंसी के 44 साल पूरे होने पर इमरजेंसी को एक काला अध्याय बताया है. उन्होंने कहा कि उस दौरान देश में इमरजेंसी लगाकर लोकतंत्र की हत्या की गई थी. इन 44 सालों में भारत का लोकतंत्र काफी परिपक्व हो गया है. जातिवाद, परिवारवाद, तुष्टीकरण और मजहबी उन्माद से भारतीय राजनीति बाहर निकल चुकी है. देश में लोकतंत्र के परिपक्व होने से अब देश में इमरजेंसी की पुनरावृत्ति होने जैसे कोई आसार नहीं हैं.
वहीं, पश्चिम बंगाल के हालात पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि बंगाल में राजनीतिक हालत काफी नाजुक मोड़ पर है. साथ ही उन्होंने इन हालातों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम लिए बिना उन पर तंज कसा. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार राज्य में विधानसभा चुनाव में बंगाल का लोकतंत्र निष्पक्ष बनकर उभरेगा. वहां पर किसी भी तरह से राजनीति के नाम पर गुंडागर्दी नहीं हो पाएगी.
उधर, सत्यमित्रानंद को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों, देश भर के कई राजनेताओं और धर्मआचार्यों ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि देकर उन्हें देश का शीर्ष संत बताया. कल शाम 4 बजे सत्यमित्रानंद को उनके आश्रम के ही परिसर में भू-समाधि दी जाएगी. आश्रम में उनकी भू-समाधि की तैयारियां शुरू हो गई है. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई राजनेता, उद्योगपति और सेलिब्रिटी के शामिल होने की उम्मीद है.