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हरिद्वार: एक से 14 तक लगेगा आत्मनिर्भर मेला, स्वदेशी सामान की ही होगी बिक्री

आत्मनिर्भर भारत बनाने के उद्देश्य से हरिद्वार जिला प्रशासन की ओर से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में 1 से 14 नवंबर तक कोरोना के नियमों का पालन करते हुए आत्मनिर्भर मेला आयोजित किया जाना है.

atamnirbhar mela
आत्मनिर्भर मेला
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Published : Oct 30, 2020, 4:57 PM IST

हरिद्वार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना एक आत्मनिर्भर भारत बनाने का है. उसी सपने को साकार करने के लिए हरिद्वार जिला प्रशासन की ओर से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में 1 से 14 नवंबर तक कोरोना के नियमों का पालन करते हुए आत्मनिर्भर मेला आयोजित किया जाना है.

एक से 14 तक लगेगा आत्मनिर्भर मेला.
जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने बताया कि इस मेले में केवल स्वदेशी सामान की ही बिक्री होगी. विदेशों से आयातित कोई भी सामान इस मेले नहीं बिकेगा. इस मेले के लिए जो भी स्टाॅल बनाए जाएगे, वे निःशुल्क आवंटित किए जाएगे. इसके लिए किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस मेले के आयोजन का उनका मुख्य उद्देश्य निचले तबके की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है. साथ ही उनके कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए सहारा देना है. ताकि वे स्वयं आत्मनिर्भर बनने के साथ ही जिला, प्रदेश और देश के विकास में अपना योगदान दे सकें.

पढ़ें: चमोली: अनुपस्थित रहने पर BDO और दो कर्मचारियों का वेतन रोका

जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने इन मेलों में बिक्री के लिए रखे जाने वाले सामानों के संबंध में बताया कि दीपावली को देखते हुए दीए, खादी का सामान, मोमबत्ती, डेकोरेशन का सामान, झालर-लाइट, स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाया गया सामान, खानपान का सामान, पटाखों आदि की बिक्री की जा सकती है. पटाखों के स्टाॅलों के संबंध में डीएम ने कहा कि कोरोना के नियमों का पालन करते हुए इन मेला स्थानों को पटाखों की बिक्री के लिए चिह्नित कर सकते हैं. जिनमें केवल स्वदेशी पटाखों की ही बिक्री होगी.

हरिद्वार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना एक आत्मनिर्भर भारत बनाने का है. उसी सपने को साकार करने के लिए हरिद्वार जिला प्रशासन की ओर से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में 1 से 14 नवंबर तक कोरोना के नियमों का पालन करते हुए आत्मनिर्भर मेला आयोजित किया जाना है.

एक से 14 तक लगेगा आत्मनिर्भर मेला.
जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने बताया कि इस मेले में केवल स्वदेशी सामान की ही बिक्री होगी. विदेशों से आयातित कोई भी सामान इस मेले नहीं बिकेगा. इस मेले के लिए जो भी स्टाॅल बनाए जाएगे, वे निःशुल्क आवंटित किए जाएगे. इसके लिए किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस मेले के आयोजन का उनका मुख्य उद्देश्य निचले तबके की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है. साथ ही उनके कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए सहारा देना है. ताकि वे स्वयं आत्मनिर्भर बनने के साथ ही जिला, प्रदेश और देश के विकास में अपना योगदान दे सकें.

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जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने इन मेलों में बिक्री के लिए रखे जाने वाले सामानों के संबंध में बताया कि दीपावली को देखते हुए दीए, खादी का सामान, मोमबत्ती, डेकोरेशन का सामान, झालर-लाइट, स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाया गया सामान, खानपान का सामान, पटाखों आदि की बिक्री की जा सकती है. पटाखों के स्टाॅलों के संबंध में डीएम ने कहा कि कोरोना के नियमों का पालन करते हुए इन मेला स्थानों को पटाखों की बिक्री के लिए चिह्नित कर सकते हैं. जिनमें केवल स्वदेशी पटाखों की ही बिक्री होगी.

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