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महाकुंभ में लगाए गए 256 आस्था कलश की हालत खस्ता, सुध लेने वाला कोई नहीं

हरिद्वार में महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं के छोड़े गए कपड़ों को एकत्र कर रीसायकल करने के लिए आस्था कलश लगाया गया था, लेकिन कुंभ के एक साल बीत जाने के बाद भी उनकी सुध नहीं ली जा रही है.

astha kalash
आस्था कलश की हालत खस्ता
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Published : Jun 1, 2022, 3:30 PM IST

Updated : Jun 1, 2022, 3:54 PM IST

हरिद्वारः महाकुंभ के दौरान हरिद्वार के विभिन्न घाटों पर आस्था कलश स्थापित किए गए थे, लेकिन अब उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है. रखरखाव के अभाव में कहीं आस्था कलश टूटे पड़े हैं तो कहीं पर इनमें घास उग आए हैं. इतना ही नहीं, कलश में पड़े कपड़ों पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिससे हरिद्वार की खूबसूरती को दाग लग रहा है.

हरिद्वार में आस्था कलश की बदहाल स्थिति पर जब जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे (Haridwar DM Vinay Shankar Pandey) से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अब यह मामला संज्ञान में आ गया है, जल्द ही इसकी जिम्मेदारी नगर निगम को दी जाएगी. साथ ही उन्होंने एक हफ्ते के भीतर सुधार लाने की बात कही. अब देखना होगा कि मामले में क्या कार्रवाई होती है. क्योंकि, इससे पहले भी ईटीवी भारत इस मुद्दे को उठा चुका है.

आस्था कलश की हालत खस्ता.

ईटीवी भारत ने 'महाकुंभ के बाद आस्था कलश की नहीं ली जा रही सुध, कैसे रीसायकल होंगे कपड़े' हेडलाइन से खबर भी चलाई थी. खबर चलाए जाने के बाद तत्कालीन अपर मेला अधिकारी ललित नारायण मिश्रा ने कहा था कि साफ सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की है. इसके लिए अन्य संस्थाओं की भी मदद ली जाएगी, लेकिन मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

संबंधित खबरें पढ़ेंः महाकुंभ में गंगा के सभी प्रमुख घाटों पर रखे जाएंगे आस्था कलश, आएंगे इस काम

ये था आस्था कलश रखने का उद्देश्यः बता दें कि आस्था कलश को लगाने का मुख्य उद्देश्य हरिद्वार में आए श्रद्धालुओं के छोड़े हुए पुराने कपड़ों को एकत्रित करना था. क्योंकि, ज्यादातर श्रद्धालु स्नान आदि के बाद अपने कपड़ों को छोड़ जाते हैं. ऐसे में गंगा किनारे पड़े कपड़े घाटों की शोभा बिगाड़ देते हैं. साथ ही गंगा में गंदगी का कारण भी बनते हैं. इसे देखते हुए महाकुंभ में यह निर्णय लिया गया कि हरिद्वार के सभी घाटों पर आस्था कलश लगाए जाएंगे. इन कलश में एकत्र हुए सभी कपड़े रीसायकल किए जाएंगे.

वहीं, नमामि गंगे योजना के तहत हरकी पैड़ी समेत सभी प्रमुख घाटों पर करीब 256 बड़े आस्था कलश रखे गए थे. आलम ये है कि अब 256 आस्था कलश ढूंढ़ पाना भी मुश्किल है. जिस हालत में आस्था कलश पड़े नजर आ रहे हैं. इससे यही कहा जा सकता है कि कुंभ मेले के दौरान पैसों की बर्बादी ही की गई है. जिसकी अब कोई सुध नहीं लेने वाला है.

हरिद्वारः महाकुंभ के दौरान हरिद्वार के विभिन्न घाटों पर आस्था कलश स्थापित किए गए थे, लेकिन अब उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है. रखरखाव के अभाव में कहीं आस्था कलश टूटे पड़े हैं तो कहीं पर इनमें घास उग आए हैं. इतना ही नहीं, कलश में पड़े कपड़ों पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिससे हरिद्वार की खूबसूरती को दाग लग रहा है.

हरिद्वार में आस्था कलश की बदहाल स्थिति पर जब जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे (Haridwar DM Vinay Shankar Pandey) से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अब यह मामला संज्ञान में आ गया है, जल्द ही इसकी जिम्मेदारी नगर निगम को दी जाएगी. साथ ही उन्होंने एक हफ्ते के भीतर सुधार लाने की बात कही. अब देखना होगा कि मामले में क्या कार्रवाई होती है. क्योंकि, इससे पहले भी ईटीवी भारत इस मुद्दे को उठा चुका है.

आस्था कलश की हालत खस्ता.

ईटीवी भारत ने 'महाकुंभ के बाद आस्था कलश की नहीं ली जा रही सुध, कैसे रीसायकल होंगे कपड़े' हेडलाइन से खबर भी चलाई थी. खबर चलाए जाने के बाद तत्कालीन अपर मेला अधिकारी ललित नारायण मिश्रा ने कहा था कि साफ सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की है. इसके लिए अन्य संस्थाओं की भी मदद ली जाएगी, लेकिन मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

संबंधित खबरें पढ़ेंः महाकुंभ में गंगा के सभी प्रमुख घाटों पर रखे जाएंगे आस्था कलश, आएंगे इस काम

ये था आस्था कलश रखने का उद्देश्यः बता दें कि आस्था कलश को लगाने का मुख्य उद्देश्य हरिद्वार में आए श्रद्धालुओं के छोड़े हुए पुराने कपड़ों को एकत्रित करना था. क्योंकि, ज्यादातर श्रद्धालु स्नान आदि के बाद अपने कपड़ों को छोड़ जाते हैं. ऐसे में गंगा किनारे पड़े कपड़े घाटों की शोभा बिगाड़ देते हैं. साथ ही गंगा में गंदगी का कारण भी बनते हैं. इसे देखते हुए महाकुंभ में यह निर्णय लिया गया कि हरिद्वार के सभी घाटों पर आस्था कलश लगाए जाएंगे. इन कलश में एकत्र हुए सभी कपड़े रीसायकल किए जाएंगे.

वहीं, नमामि गंगे योजना के तहत हरकी पैड़ी समेत सभी प्रमुख घाटों पर करीब 256 बड़े आस्था कलश रखे गए थे. आलम ये है कि अब 256 आस्था कलश ढूंढ़ पाना भी मुश्किल है. जिस हालत में आस्था कलश पड़े नजर आ रहे हैं. इससे यही कहा जा सकता है कि कुंभ मेले के दौरान पैसों की बर्बादी ही की गई है. जिसकी अब कोई सुध नहीं लेने वाला है.

Last Updated : Jun 1, 2022, 3:54 PM IST
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