ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में रजिस्टर्ड एचआईवी मरीजों का ट्रीटमेंट नि:शुल्क किया जाएगा. इस इलाज में मरीजों को लैब इन्वेस्टिगेशन व दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं साथ ही उपचार के दौरान उनमें उत्पन्न होने वाली दूसरी बीमारियों का परीक्षण व दवा भी इसमें शामिल होती हैं.
एम्स ऋषिकेश में एचआईवी वायरस से ग्रसित मरीजों की पूरी जांच और उपचार के लिए एंटी रिट्रोवायरल थैरेपी सेंटर (एआरटी सेंटर) का विधिवत शुभारंभ किया गया. एम्स में खुले सेंटर में गढ़वाल मंडल के विभिन्न जिलों के पंजीकृत एड्स मरीजों को सरकार द्वारा फ्री इलाज मिल सकेगा.
इस अवसर पर एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बताया कि एचआईवी से 2019 में विश्वभर में लगभग 6 लाख 90 हजार लोगों की मौत हुई हैं. इस बीमारी का कोई शर्तिया इलाज नहीं है, लिहाजा सिर्फ जन जागरुकता से ही इसे रोका जा सकता है. निदेशक ने बताया कि सरकार के नए दिशा-निर्देश के अनुसार इस बीमारी से ग्रसित हर व्यक्ति का उपचार जरूरी है, चाहे वह बीमारी की किसी भी अवस्था में हो.
पढ़ें- 13 दिसंबर को होगा ABVP का 21वां प्रांत अधिवेशन, पौड़ी में जारी किया पोस्टर
एम्स निदेशक ने बताया कि संस्थान में एमबीबीएस, टेक्निशियन व नर्सिंग के पाठ्यक्रम में इस बीमारी को आवश्यक सुधार के साथ शामिल किया जाएगा और समय-समय पर एम्स की सोशियल आउटरीच सेल द्वारा विभिन्न हाईरिस्क ग्रुप्स को इस बीमारी के बारे में जागरूक किया जाएगा.
एम्स ऋषिकेश में उत्तराखंड राज्य का चौथा एआरटी सेंटर स्थापित किया गया है. इससे पूर्व देहरादून, हल्द्वानी व पिथौरागढ़ में एंटी रिट्रोवायरल थैरेपी सेंटर स्थापित किए जा चुके हैं. इसके बाद अगला एआरटी सेंटर हिमालयन अस्पताल में प्रस्तावित है.