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रुड़की में राकेश टिकैत की हुई फजीहत, किसानों ने जमकर सुनाई खरी खोटी

रुड़की के इकबालपुर शुगर मिल (Roorkee Iqbalpur Sugar Mill) में राकेश टिकैत (Farmer leader Rakesh Tikait in Roorkee) और स्थानीय किसानों के बीच जमकर कहासुनी (Argument between Rakesh Tikait and farmers in Roorkee) हुई. मामला इतना बढ़ गया कि मौके पर पुलिस को बुलाना पड़ा. पुलिस ने बमुश्किल मामला शांत करवाया. राकेश टिकैत यहां किसानों के गन्ने के बकाया भुगतान और किसानों के प्रदर्शन को समर्थन देने पहुंचे थे.

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Published : Aug 8, 2022, 6:57 PM IST

Updated : Aug 8, 2022, 7:21 PM IST

Argument between Rakesh Tikait and local farmers in Iqbalpur Sugar Mill, Roorkee
रुड़की इकबालपुर शुगर मिल में राकेश टिकैत और किसानों के बीच हुई कहासुनी

रुड़की: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Farmer leader Rakesh Tikait in Roorkee) आज रुड़की के इकबालपुर शुगर मिल(Roorkee Iqbalpur Sugar Mill ) पर पहुंचे. जहां उन्होंने धरने पर बैठे हरियाणा और उत्तराखंड के किसानों का समर्थन किया. धरना प्रदर्शन के दौरान राकेश टिकैत मिल प्रबंधक के साथ वार्ता कर रहे थे, इसी दौरान कुछ स्थानीय किसानों ने राकेश टिकैत से कहा कि आप हरियाणा के किसानों के मुद्दे को लेकर बात कर रहे हैं, जबकि स्थानीय किसानों के बारे में उन्होंने कोई आवाज नहीं उठाई है.

इस दौरान राकेश टिकैत और हरियाणा के किसानों के साथ स्थानीय किसानों में जमकर बहस हुई और तीखी नोकझोंक भी हुई. धरनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया. जिसके बाद मौके पर भारी पुलिस बल को बुलाना पड़ा. पुलिस ने बमुश्किल मामला शांत करवाया.

रुड़की में राकेश टिकैत की हुई फजीहत.

बता दें सोमवार को भारतीय किसान यूनियन टिकैत के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत रुड़की के इकबालपुर शुगर मिल पर किसानों के धरने में पहुंचे थे. इस दौरान राकेश टिकैत ने कहा किसानों का मुख्य मुद्दा गन्ना भुगतान है. इकबालपुर शुगर मिल पर हरियाणा के किसानों का पिछले पांच साल से 30 करोड़ से अधिक का बकाया गन्ना भुगतान है, जबकि सरकार कह रही है कि किसानों का गन्ना भुगतान 14 दिन के अदंर किया जाएगा, लेकिन किसानों का भुगतान आज तक नहीं हो पाया है.

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वहीं, इस दौरान धरनास्थल पर कुछ स्थानीय किसान भी पहुंचे. जिन्होंने राकेश टिकैत पर आरोप लगाया कि वह स्थानीय किसानों की समस्याओं को छोड़कर हरियाणा के किसानों की पैरवी कर रहे हैं. इस दौरान धरनास्थल पर किसानों में आपस में तीखी नोक-झोंक हुई. जिसे बमुश्किल पुलिसबल ने शांत करवाया.

भाकियू टिकैत के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा हरियाणा व उत्तराखंड के किसानों का पांच से छह साल के गन्ना भुगतान रुका हुआ है. जिसको लेकर मिल परिसर में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया गया है. कुछ लोगों के द्वारा अपने स्वार्थ के लिए इस धरने को प्रभावित करने का काम किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि मिल प्रबंधक के द्वरा इस तरह के लोगों को भेजा गया है.

पढे़ं- श्रीकांत त्यागी केस पर बोले CM धामी, यूपी पुलिस के साथ है संपर्क, जरूरत पड़ने पर करेंगे कड़ी कार्रवाई

इस पूरे प्रकरण पर स्थानीय किसान प्रदीप त्यागी ने कहा हरियाणा के किसानों का मिल द्वारा गन्ना लिया गया था. जिसका कुछ बकाया मिल प्रबंधन पर रह गया है. उन्होंने कहा किसानों का वह गन्ना रिजेक्ट था, लेकिन फिर भी मिल प्रबंधन द्वारा किसानों के कहने पर गन्ना खरीदा गया. मिल प्रबंधन ने किसानों को ये आश्वासन दिया है कि इस बार सीजन शुरू होने पर किसानों का बकाया भुगतान कराया जाएगा.

उन्होंने कहा राकेश टिकैत द्वारा इस मामले में राजनीति की जा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि टिकैत आज हरियाणा के किसानों की लड़ाई लड़ने तो उत्तराखंड पहुंच गए, लेकिन यहां के किसानों को हाईवे का मुआवजा अभी तक नहीं मिला, इस पर उन्होंने अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. उन्होंने कहा यहां का किसान पूरी तरह से मिल प्रबंधन के साथ है. हरियाणा के किसानों से ज्यादा उत्तराखंड के किसानों का बकाया है, लेकिन किसानों का यह कहना है कि अगर मिल चलेगी तो किसानों का बकाया भुगतान भी मिलेगा. उन्होंने कहा अगर इनके द्वारा मिल को बंद कराने का प्रयास किया गया तो क्षेत्र के किसान इसका पुरजोर विरोध करेगा.

रुड़की: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Farmer leader Rakesh Tikait in Roorkee) आज रुड़की के इकबालपुर शुगर मिल(Roorkee Iqbalpur Sugar Mill ) पर पहुंचे. जहां उन्होंने धरने पर बैठे हरियाणा और उत्तराखंड के किसानों का समर्थन किया. धरना प्रदर्शन के दौरान राकेश टिकैत मिल प्रबंधक के साथ वार्ता कर रहे थे, इसी दौरान कुछ स्थानीय किसानों ने राकेश टिकैत से कहा कि आप हरियाणा के किसानों के मुद्दे को लेकर बात कर रहे हैं, जबकि स्थानीय किसानों के बारे में उन्होंने कोई आवाज नहीं उठाई है.

इस दौरान राकेश टिकैत और हरियाणा के किसानों के साथ स्थानीय किसानों में जमकर बहस हुई और तीखी नोकझोंक भी हुई. धरनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया. जिसके बाद मौके पर भारी पुलिस बल को बुलाना पड़ा. पुलिस ने बमुश्किल मामला शांत करवाया.

रुड़की में राकेश टिकैत की हुई फजीहत.

बता दें सोमवार को भारतीय किसान यूनियन टिकैत के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत रुड़की के इकबालपुर शुगर मिल पर किसानों के धरने में पहुंचे थे. इस दौरान राकेश टिकैत ने कहा किसानों का मुख्य मुद्दा गन्ना भुगतान है. इकबालपुर शुगर मिल पर हरियाणा के किसानों का पिछले पांच साल से 30 करोड़ से अधिक का बकाया गन्ना भुगतान है, जबकि सरकार कह रही है कि किसानों का गन्ना भुगतान 14 दिन के अदंर किया जाएगा, लेकिन किसानों का भुगतान आज तक नहीं हो पाया है.

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वहीं, इस दौरान धरनास्थल पर कुछ स्थानीय किसान भी पहुंचे. जिन्होंने राकेश टिकैत पर आरोप लगाया कि वह स्थानीय किसानों की समस्याओं को छोड़कर हरियाणा के किसानों की पैरवी कर रहे हैं. इस दौरान धरनास्थल पर किसानों में आपस में तीखी नोक-झोंक हुई. जिसे बमुश्किल पुलिसबल ने शांत करवाया.

भाकियू टिकैत के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा हरियाणा व उत्तराखंड के किसानों का पांच से छह साल के गन्ना भुगतान रुका हुआ है. जिसको लेकर मिल परिसर में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया गया है. कुछ लोगों के द्वारा अपने स्वार्थ के लिए इस धरने को प्रभावित करने का काम किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि मिल प्रबंधक के द्वरा इस तरह के लोगों को भेजा गया है.

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इस पूरे प्रकरण पर स्थानीय किसान प्रदीप त्यागी ने कहा हरियाणा के किसानों का मिल द्वारा गन्ना लिया गया था. जिसका कुछ बकाया मिल प्रबंधन पर रह गया है. उन्होंने कहा किसानों का वह गन्ना रिजेक्ट था, लेकिन फिर भी मिल प्रबंधन द्वारा किसानों के कहने पर गन्ना खरीदा गया. मिल प्रबंधन ने किसानों को ये आश्वासन दिया है कि इस बार सीजन शुरू होने पर किसानों का बकाया भुगतान कराया जाएगा.

उन्होंने कहा राकेश टिकैत द्वारा इस मामले में राजनीति की जा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि टिकैत आज हरियाणा के किसानों की लड़ाई लड़ने तो उत्तराखंड पहुंच गए, लेकिन यहां के किसानों को हाईवे का मुआवजा अभी तक नहीं मिला, इस पर उन्होंने अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. उन्होंने कहा यहां का किसान पूरी तरह से मिल प्रबंधन के साथ है. हरियाणा के किसानों से ज्यादा उत्तराखंड के किसानों का बकाया है, लेकिन किसानों का यह कहना है कि अगर मिल चलेगी तो किसानों का बकाया भुगतान भी मिलेगा. उन्होंने कहा अगर इनके द्वारा मिल को बंद कराने का प्रयास किया गया तो क्षेत्र के किसान इसका पुरजोर विरोध करेगा.

Last Updated : Aug 8, 2022, 7:21 PM IST
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