हरिद्वार: कनखल थाने क्षेत्र के बैरागी कैंप में स्थित आश्रम के संत पुण्यानंद महाराज द्वारा अपनी कथा के दौरान ब्राह्मणों को अपशब्द कहने से शहर के सैकड़ों ब्राह्मण समाज के लोग नाराज हो गए. ब्राह्मणों ने संत के बैरागी कैम्प स्थित आश्रम को घेर लिया. विरोध प्रदर्शन करते हुए संत का पुतला दहन किया.
संत के मुंह से निकले अभद्र वचन: इस मौके पर प्रदर्शन करने वाले युवा बेहद आक्रोशित थे. उनका कहना था कि उक्त संत जब भी हरिद्वार आएंगे ब्राह्मण समाज के लोग उनका भरपूर विरोध करेंगे. हालांकि संत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की सूचना पाकर मौके पर पुलिस पहुंच गई. पुलिस ने युवाओं को आश्रम के अंदर जाने से रोका. प्रदर्शन समाप्त करने के बाद युवाओं ने शहर में तथाकथित संत के विरोध में रैली निकाली.
ब्राह्मणों ने पुण्यानंद का पुतला फूंका: हरिद्वार के बैरागी कैंप में स्थित आश्रम के तथाकथित संत पुण्यानंद द्वारा कथा की गई. आरोप है कि कथा के दौरान ब्राह्मणों को लेकर अभद्र टिप्पणी की गई. पुण्यानंद की हरकत के बारे में जब ब्राह्मण समाज के लोगों को पता चला तो उनमें खासा रोष व्याप्त हो गया. हरिद्वार के सैकड़ों ब्राह्मण समाज के लोगों ने पुण्यानंद के बैरागी कैंप स्थित आश्रम के बाहर जमावड़ा कर लिया. धरना प्रदर्शन करते हुए पुण्यानंद का पुतला दहन किया.
कनखल थाने में पुण्यानंद के खिलाफ तहरीर: इस मौके पर श्री अखंड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक का कहना था कि ब्राह्मणों के विषय में अभद्र टिप्पणी करने वाले पुण्यानंद के खिलाफ श्री अखंड परशुराम अखाड़े ने कनखल थाने में तहरीर दी है. अगर प्रशासन अपना काम नहीं करता है तो वे कोर्ट के माध्यम से लड़ाई लड़ेंगे. जब भी पुण्यानंद हरिद्वार आएंगे उनका जोरदार विरोध किया जाएगा. इस मौके पर डॉ राजेंद्र पाराशर ने कहा कि ब्राह्मणों पर अभद्र टिप्पणी करने वाले ऐसे तथाकथित संत का बहिष्कार किया जाना चाहिए.
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कौन हैं पुण्यानंद? प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वामी पुण्यानंद पहले निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर थे. लेकिन किसी कारणवश निरंजनी अखाड़े ने उन्हें कई साल पहले ही अपने अखाड़े से बर्खास्त कर दिया था. जिसके बाद वह कथाओं के माध्यम से धर्म का प्रचार प्रसार करने का दावा करते हैं. स्वामी पुण्यानंद मूल रूप से नेपाल के रहने वाले हैं और हरिद्वार में उनका बैरागी कैंप में आश्रम बना हुआ है.