हरिद्वार: हर साल गंगा अवतरण के महापर्व गंगा दशहरा के अवसर पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु धर्मनगरी हरिद्वार पहुंचते हैं, लेकिन इस साल श्रद्धालुओं की आस्था की डुबकी पर पुलिस का पहरा लग गया है.
अगर आप भी गंगा दशहरा के अवसर पर धर्म नगरी हरिद्वार में स्नान करने आ रहे हैं तो आपको धर्मनगरी हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का यह बयान अवश्य सुनना चाहिए जिसे साधु-संतों ने तुगलकी करार दे दिया है.
हरिद्वार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मेजय खंडूड़ी का कहना है कि भीड़ को नियंत्रित करने के हरकी पैड़ी पर विशेष फोर्स की तैनाती की गई है जो वहां स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को एक-दो डुबकी के बाद वहां से हटा देगी. देखा जाए तो कहीं न कहीं साफ तौर पर यह श्रद्धालुओं की आस्था पर पुलिस की पहरेदारी का मामला है.
यह भी पढ़ेंः टिहरी झील में रोमांच के लिए पहुंच रहे पर्यटक, वाटर स्पोर्ट्स का उठा रहे लुत्फ
एसएसपी जन्मेजय खंडूड़ी के इस बयान पर हमने गंगा स्नान और इसके महत्व को लेकर हरिद्वार के प्रसिद्ध संत महामंडलेश्वर कपिल मुनि से बात की तो उन्होंने इसे तुगलकी बयान करार दे दिया. महामंडलेश्वर कपिल मुनि का कहना है कि एसएसपी जन्मेजय खंडूरी का यह बयान तुगलकी है क्योंकि इंसान कोई पक्षी तो है नहीं कि एक डुबकी लगाएगा और उड़ जाएगा.
शास्त्रों के अनुसार गंगा स्नान के दौरान कम से कम 3, 5 या 11 डुबकी लगाना आवश्यक होता है. इस तरह की व्यवस्था मंदिर में दर्शन के लिए तो ठीक है लेकिन गंगा स्नान में श्रद्धालुओं को स्नान के साथ ही पूजा-अर्चना का पूरा समय दिया जाना चाहिए.