लक्सर: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के हिम्मतपुर बेला गांव और उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के चखेरी गांव के बीच सीमा पर भूमि विवाद को 23 जनवरी की दोपहर 12 बजे तक हल करने के आदेश दिए हैं. इसके लिए दोनों जिलों के जिलाधिकारियों को संबंधित एसडीएम के नेतृत्व में टीमें गठित कर मौके पर पैमाइश के साथ पिलर लगवाने का काम करना है. हाईकोर्ट के आदेश पर बिजनौर जिला प्रशासन ने टीम गठित करके पैमाइश का आदेश भी जारी कर दिया है. यह विवाद उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से चला आ रहा है.
क्या है मामला? जानकारी के मुताबिक, बिजनौर जिला के हिम्मतपुर बेला गांव और लक्सर तहसील के गांव चखेरी के किसानों के बीच बीती 23 सालों से भूमि के स्वामित्व का विवाद चल रहा है. कई बार हुई पैमाइश के बाद भी कोई हल नहीं निकल पाया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरप्रीत सिंह बनाम यूनियन ऑफ इंडिया समेत अन्य के बीच सुनवाई के बाद हरिद्वार डीएम और बिजनौर डीएम को एक आदेश दिया था. जिसमें कोर्ट का आदेश था कि दोनों जिलों के जिलाधिकारी संबंधित तहसीलों के एसडीएम के नेतृत्व में टीम बनाकर दोनों राज्यों की सीमा पर बसे गांवों का सीमा विवाद सुलझाएं.
23 जनवरी दोपहर 12 बजे तक सुलझाना होगा विवाद: अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस विवाद को सुलझाने के लिए 23 जनवरी को दोपहर 12 बजे तक का समय निर्धारित किया है. कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई खत्म होने के बाद दोनों राज्यों के बीच यदि जरूरत हो तो पिलर भी लगाए जाएं. सीमा निर्धारित करते वक्त अगर याचिकाकर्ता का अवैध कब्जा पाया जाता है तो उसे भी हटाने का काम करें. गुरप्रीत सिंह की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि दोनों प्रदेशों की सीमा विवाद के कारण उत्तराखंड सरकार की करीब 120 बीघा जमीन पर अवैध कब्जा है. इस जमीन की बाजार कीमत दस करोड़ रुपए है.
कई बार हो चुकी पैमाइश, गोली भी चल चुकी: गौर हो कि इन दोनों गांवों के सीमा विवाद के निस्तारण के लिए उत्तर प्रदेश के बिजनौर और हरिद्वार जिले की लक्सर तहसील की टीमें कई बार संयुक्त रूप से पैमाइश कर चुकी है, लेकिन रिकॉर्ड का मिलान न होने से हर बार यह मामला अटका जाता है. बता दें तीन साल पहले पैमाइश के दौरान मौके पर गोली भी चल चुकी है. वहीं, अब इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामला सुलझने की उम्मीद जगी है.
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