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महाकुंभ नजदीक आते ही अखाड़ों ने शुरू की तैयारियां, संतों में दिख रहा उत्साह - haridwar Mahakumbh 2021

2021 कुंभ मेला नजदीक आता जा रहा है. कुंभ मेले को सुंदर और भव्य बनाने की तैयारियां होती नजर आ रही है. कोरोना महामारी की वजह से कुंभ का स्वरूप क्या होगा? अभी इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता, लेकिन 13 अखाड़ों में कुंभ को लेकर तैयारियां जोरों पर है.

हरिद्वार
महंत प्रेम गिरी महाराज निरीक्षण
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Published : Nov 28, 2020, 7:12 PM IST

Updated : Nov 28, 2020, 10:37 PM IST

हरिद्वार: कुंभ मेला जीतना नजदीक आता जा रहा है. उतना ही मेला प्रशासन और साधु संत कुंभ की तैयारियों में तेजी ला रहे हैं. आज पंचायती धड़ा फिराहेडियान (रजि.) ने कुंभ मेले से संबंधित जमात रघुनाथ मंदिर पांडेवाला पर रूकने का निर्णय लिया. वहीं, जूना अखाड़ा की और से महंत प्रेम गिरी महाराज एवं कुंभ उप मेला अधिकारी के साथ निरीक्षण किया. इसके अलावा अखाड़ों में भी कुंभ को लेकर तैयारियां की जा रही है. पंचायती निर्मल अखाड़े को सुंदर स्वरुप देने के लिए अखाड़े में रंग रोगन के कार्य और स्थाई निर्माण शुरू हो गए हैं.

2021 कुंभ मेला जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है. वैसे वैसे कुंभ मेले को सुंदर और भव्य बनाने की तैयारियां होती नजर आ रही है. कोरोना महामारी की वजह से कुंभ का स्वरूप क्या होगा? अभी इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता, लेकिन 13 अखाड़ों में कुंभ को लेकर तैयारियां की जा रही है. पंचायती निर्मल अखाड़े को सुंदर स्वरुप देने के लिए अखाड़े में रंग रोगन के कार्य और स्थाई निर्माण शुरू हो गए हैं. अखाड़ों में शाही स्नान को लेकर भी काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. अखाड़ों को सजाया और संवारा जा रहा है.

अखाड़ों ने शुरू की तैयारियां

ये भी पढ़ें: उत्तरकाशी: धूमधाम से मनाया गया भेड़ों का तमाशा मेला, प्रकृति और मवेशियों के संबंध का प्रतीक

पंचायती निर्मल अखाड़े के कोठारी महंत जसविंदर सिंह का कहना है कि कुंभ को लेकर अखाड़ों की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई है. अखाड़ों में रंगाई पुताई का कार्य किया जा रहा है. स्थाई निर्माण भी अखाड़ों में शुरू हो गए हैं. धीरे-धीरे कुंभ से पहले अखाड़ों में कार्यों की गति तेज की जाएगी. कुंभ मेले की मुख्य भव्यता शाही स्नान होती है. उसकी तैयारी के लिए सभी साजो सामान को सजाया और संवारा जा रहा है. सभी अखाड़ों के संतों में इसको लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है.

इस बार अखाड़ों की सजावट विशेष रूप से की जा रही है. पुरानी वस्तुओं को सुंदर बनाने के लिए कार्य करवाया जा रहा है. यह कुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए जिस स्थान पर अखाड़ों की छावनियां लगेगी, वहां साफ सफाई की व्यवस्था की जा रही है. जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को अलग ही रौनक देखने को मिले. कुंभ को धार्मिक स्वरूप देने के लिए पूरा संत समाज जोर शोर से लगा हुआ है.

आपको बता दें कि कुंभ में पंचायती धड़ा फिराहेडियान (रजि.) ने रघुनाथ मंदिर पांडेवाला में जूना अखाड़ा और अग्नि अखाड़ा मिलकर छावनियां लगाया करता था. इस बार कोरोना काल को देखते हुए असमंजस की स्थिति बनी हुई थी, लेकिन आज जूना अखाड़ा के महामंत्री का कुंभ के अधिकारियों के साथ निरीक्षण करने से यह साफ हो गया है कि वहां पर पहले की तरह छावनियां लगेंगी.

जूना अखाड़े के महामंत्री प्रेम गिरी ने बताया की अखाड़ों से जुड़ी परंपराएं जो भी कुंभ में होती है, उनको पूरे विधि विधान से किया जाएगा. जहां-जहां हमारी छावनी लगा करती थी, वहां हमारे द्वारा छावनियां लगवायी जाएंगी. आज हमने यहां पर निरीक्षण किया है. कुंभ मेला प्रशासन को जल्द से जल्द कार्य शुरू करवाने को कहा गया है. आपको बता दें यह स्थान ज्वालापुर का पांडेवाला के नाम से जाना जाता है. यहां से कुंभ की पेशवाई भी निकाली जाती रही है.

हरिद्वार: कुंभ मेला जीतना नजदीक आता जा रहा है. उतना ही मेला प्रशासन और साधु संत कुंभ की तैयारियों में तेजी ला रहे हैं. आज पंचायती धड़ा फिराहेडियान (रजि.) ने कुंभ मेले से संबंधित जमात रघुनाथ मंदिर पांडेवाला पर रूकने का निर्णय लिया. वहीं, जूना अखाड़ा की और से महंत प्रेम गिरी महाराज एवं कुंभ उप मेला अधिकारी के साथ निरीक्षण किया. इसके अलावा अखाड़ों में भी कुंभ को लेकर तैयारियां की जा रही है. पंचायती निर्मल अखाड़े को सुंदर स्वरुप देने के लिए अखाड़े में रंग रोगन के कार्य और स्थाई निर्माण शुरू हो गए हैं.

2021 कुंभ मेला जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है. वैसे वैसे कुंभ मेले को सुंदर और भव्य बनाने की तैयारियां होती नजर आ रही है. कोरोना महामारी की वजह से कुंभ का स्वरूप क्या होगा? अभी इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता, लेकिन 13 अखाड़ों में कुंभ को लेकर तैयारियां की जा रही है. पंचायती निर्मल अखाड़े को सुंदर स्वरुप देने के लिए अखाड़े में रंग रोगन के कार्य और स्थाई निर्माण शुरू हो गए हैं. अखाड़ों में शाही स्नान को लेकर भी काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. अखाड़ों को सजाया और संवारा जा रहा है.

अखाड़ों ने शुरू की तैयारियां

ये भी पढ़ें: उत्तरकाशी: धूमधाम से मनाया गया भेड़ों का तमाशा मेला, प्रकृति और मवेशियों के संबंध का प्रतीक

पंचायती निर्मल अखाड़े के कोठारी महंत जसविंदर सिंह का कहना है कि कुंभ को लेकर अखाड़ों की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई है. अखाड़ों में रंगाई पुताई का कार्य किया जा रहा है. स्थाई निर्माण भी अखाड़ों में शुरू हो गए हैं. धीरे-धीरे कुंभ से पहले अखाड़ों में कार्यों की गति तेज की जाएगी. कुंभ मेले की मुख्य भव्यता शाही स्नान होती है. उसकी तैयारी के लिए सभी साजो सामान को सजाया और संवारा जा रहा है. सभी अखाड़ों के संतों में इसको लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है.

इस बार अखाड़ों की सजावट विशेष रूप से की जा रही है. पुरानी वस्तुओं को सुंदर बनाने के लिए कार्य करवाया जा रहा है. यह कुंभ को दिव्य और भव्य बनाने के लिए जिस स्थान पर अखाड़ों की छावनियां लगेगी, वहां साफ सफाई की व्यवस्था की जा रही है. जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को अलग ही रौनक देखने को मिले. कुंभ को धार्मिक स्वरूप देने के लिए पूरा संत समाज जोर शोर से लगा हुआ है.

आपको बता दें कि कुंभ में पंचायती धड़ा फिराहेडियान (रजि.) ने रघुनाथ मंदिर पांडेवाला में जूना अखाड़ा और अग्नि अखाड़ा मिलकर छावनियां लगाया करता था. इस बार कोरोना काल को देखते हुए असमंजस की स्थिति बनी हुई थी, लेकिन आज जूना अखाड़ा के महामंत्री का कुंभ के अधिकारियों के साथ निरीक्षण करने से यह साफ हो गया है कि वहां पर पहले की तरह छावनियां लगेंगी.

जूना अखाड़े के महामंत्री प्रेम गिरी ने बताया की अखाड़ों से जुड़ी परंपराएं जो भी कुंभ में होती है, उनको पूरे विधि विधान से किया जाएगा. जहां-जहां हमारी छावनी लगा करती थी, वहां हमारे द्वारा छावनियां लगवायी जाएंगी. आज हमने यहां पर निरीक्षण किया है. कुंभ मेला प्रशासन को जल्द से जल्द कार्य शुरू करवाने को कहा गया है. आपको बता दें यह स्थान ज्वालापुर का पांडेवाला के नाम से जाना जाता है. यहां से कुंभ की पेशवाई भी निकाली जाती रही है.

Last Updated : Nov 28, 2020, 10:37 PM IST
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