हरिद्वार: कोतवाली ज्वालापुर क्षेत्र में स्थित भूमानंद अस्पताल में सोमवार को एक के बाद एक मौत पर परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. मौत का पहला मामला एक 26 वर्षीय युवक का है, जबकि दूसरे मामले में एक-दो दिन के नवजात बच्चे की अचानक मौत का है. दोनों ही मामलों में परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. अस्पताल प्रबंधन ने इन आरोपों को सिरे से नकारा है.
कोतवाली ज्वालापुर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार दोपहर बाद साईं धाम कॉलोनी सलेमपुर चौक निवासी आरिफ पुत्र फरज 26 वर्ष को भूमानंद अस्पताल लाया गया. जहां कुछ देर उपचार देने के बाद चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. युवक की मौत पर परिजनों को विश्वास नहीं हुआ. उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में ही हंगामा किया. अस्पताल प्रबंधन ने इसकी जानकारी कोतवाली ज्वालापुर पुलिस को दी. जिसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाने की बात कही, लेकिन परिजनों ने पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया. अब परिजन जिलाधिकारी से पोस्टमार्टम न कराने के लिए प्रार्थना पत्र देने गए हैं.
दूसरे मामले में सोमवार शाम को 2 दिन पूर्व अस्पताल में जन्मे एक बच्चे ने भी दम तोड़ दिया. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल परिसर में ही चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर बवाल किया. परिजनों का कहना था कि 6 माह पूर्व ही डिलीवरी कराने वाली चिकित्सक ने महिला के तमाम टेस्ट और कलर एक्स-रे कर आए थे, लेकिन अब जब बच्चे की मौत हो गई तो चिकित्सकों का कहना है कि उसके गले में दूध फंस गया था. जिसके कारण उसने दम तोड़ा.
पढ़ें- हल्द्वानी के पास है श्रीलंका टापू, मॉनसून में दुनिया से कट जाता है गांव का कनेक्शन
कोतवाली ज्वालापुर इंचार्ज आरके सकलानी ने बताया अमन कुमार निवासी सुभाष नगर ज्वालापुर अपनी पत्नी को 2 दिन पहले ही डिलीवरी कराने के लिए भूमानंद अस्पताल पहुंचे. उनकी पत्नी ने 2 दिन पहले एक बच्चे को जन्म दिया. जिसकी आज मौत हो गई. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.