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लापरवाह प्रशासन! गंगा घाटों पर बिना सेफ्टी चैन के स्नान को मजबूर कांवड़िए

गंगनहर के घाटों पर सेफ्टी चैन नहीं लगाई गई है. जिस कारण शिवभक्त बिना सुरक्षा के गंगा घाटों पर स्नान करने को मजबूर हैं.

बिना सुरक्षा गंगा घाट पर नहाने को मजबूर कांवड़िए.
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Published : Jul 17, 2019, 5:37 PM IST

Updated : Jul 17, 2019, 5:49 PM IST

हरिद्वार: आज से कांवड़ यात्रा शुरू हो चुकी है, लेकिन प्रशासन की तैयारी अभी तक पूरी नहीं हो पाई है. कांवड़ यात्रा सुगम और बेहतर बनाने के लिए प्रशासन ने लाख दावे किए थे. जोकि अब तक पूरे नहीं हो पाए हैं. ऐसे में कांवड़िए बिना सुरक्षा व्यवस्था के ही गंगा घाट पर नहाने को मजबूर हैं.

बिना सुरक्षा गंगा घाट पर नहाने को मजबूर कांवड़िए.


दरअसल, हरिद्वार से लेकर नारसन बॉर्डर तक कांवड़ पटरी के माध्यम शिवभक्त पैदल यात्रा से करते हैं. इस दौरान कांवड़िए कई बार गंगनहर में स्नान करते हैं. ऐसे में कई बार हादसे भी हो जाते हैं. जिसकी तरफ प्रशासन का कोई ध्यान नहीं जाता है. घाटों पर सुरक्षा के लिहाज से सेफ्टी चैन लगाई जानी चाहिए, जिससे कांवड़ यात्रा के दौरान शिवभक्तों के साथ कोई घटना ना हो.

बता दें कि, प्रशासन द्वारा गंगनहर के घाटों पर सेफ्टी चैन नहीं लगाई गई है. जिस कारण शिवभक्त बिना सुरक्षा के गंगा घाटों पर स्नान करने को मजबूर हैं. कांवड़िए टोली लेकर अपने-अपने गंतव्य की ओर निकल पड़े हैं और व्यवस्थाएं आधी-अधूरी दिखाई दे रही हैं.

वहीं, इस मामले को लेकर रुड़की ज्वांइट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल ने कहा कि मुख्य घाटों पर सेफ्टी चैन लगाई जा रही है. जिससे कांवड़ यात्रा के दौरान कोई हादसा ना हो. साथ ही कहा कि सेफ्टी चैन लगाने का काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा.

हरिद्वार: आज से कांवड़ यात्रा शुरू हो चुकी है, लेकिन प्रशासन की तैयारी अभी तक पूरी नहीं हो पाई है. कांवड़ यात्रा सुगम और बेहतर बनाने के लिए प्रशासन ने लाख दावे किए थे. जोकि अब तक पूरे नहीं हो पाए हैं. ऐसे में कांवड़िए बिना सुरक्षा व्यवस्था के ही गंगा घाट पर नहाने को मजबूर हैं.

बिना सुरक्षा गंगा घाट पर नहाने को मजबूर कांवड़िए.


दरअसल, हरिद्वार से लेकर नारसन बॉर्डर तक कांवड़ पटरी के माध्यम शिवभक्त पैदल यात्रा से करते हैं. इस दौरान कांवड़िए कई बार गंगनहर में स्नान करते हैं. ऐसे में कई बार हादसे भी हो जाते हैं. जिसकी तरफ प्रशासन का कोई ध्यान नहीं जाता है. घाटों पर सुरक्षा के लिहाज से सेफ्टी चैन लगाई जानी चाहिए, जिससे कांवड़ यात्रा के दौरान शिवभक्तों के साथ कोई घटना ना हो.

बता दें कि, प्रशासन द्वारा गंगनहर के घाटों पर सेफ्टी चैन नहीं लगाई गई है. जिस कारण शिवभक्त बिना सुरक्षा के गंगा घाटों पर स्नान करने को मजबूर हैं. कांवड़िए टोली लेकर अपने-अपने गंतव्य की ओर निकल पड़े हैं और व्यवस्थाएं आधी-अधूरी दिखाई दे रही हैं.

वहीं, इस मामले को लेकर रुड़की ज्वांइट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल ने कहा कि मुख्य घाटों पर सेफ्टी चैन लगाई जा रही है. जिससे कांवड़ यात्रा के दौरान कोई हादसा ना हो. साथ ही कहा कि सेफ्टी चैन लगाने का काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा.

Intro:Summary

एंकर-- आज से कांवड़ यात्रा शुरू हो चुकी है लेकिन प्रशासन की अभी तक तैयारी पूरी नही हो पाई है। यात्रा सुगंम और बेहतर बनाने के लिए प्रशासन लाख दावे कर रहा है, लेकिन शिवभक्तों के लिए जमीन पर तैयारियां अधूरी नजर आरही है।Body:
वीओ-- आपको बता दें कि हरिद्वार से लेकर नारसन बॉर्डर तक शिवभक्त पैदल यात्रा कांवड़ पटरी के माध्यम से करते है, इसलिए कांवड़िए इस दौरान कई बार गंगनहर में स्नान करते है जिससे चलते कई बार हादसे भी हो जाते है लेकिन शासन ,प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नही देता है। जबकि घाटों पर सुरक्षा के लिहाज से सेफ्टी चेन लगाई जानी चाहिए थी। जिससे कांवड़ यात्रा के दौरान शिवभक्तों के साथ कोई घटना ना हो। लेकिन अभी तक गंगनहर के घाटों पर सेफ्टी चैन नही लगाई गई है, जिसके कारण शिवभक्त बिना सुरक्षा के लिए गंगनहर के घाटों पर स्नान करते दिखाई दे रहे है। हालांकि प्रशासन व्यवस्था दुरुस्त करनी की बात तो कर रहा है लेकिन व्यवस्थाएं दुरुस्त कब होगी ये बड़ा सवाल है, क्योंकि कांवड़ियों को टोली कांवड़ लेकर अपने अपने गंतव्य की ओर निकल पड़े है और व्यवस्थाएं आधी अधूरी दिखाई पड़ रही है रुड़की ज्वांइट मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल ने बताया कि मुख्य घाटों पर सेफतु चेन लगाई जा रही है, ताकि कांवड़ यात्रा के दौरान कोई हादसा ना हो, जल्द ही सेफ्टी चैन लगाने का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।


बाइट-- नितिका खंडेलवाल (ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की)Conclusion:1
Last Updated : Jul 17, 2019, 5:49 PM IST
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