रुड़की: हाई कोर्ट के आदेश के बाद रुड़की में भगवानपुर क्षेत्र के हकीमपुर तुर्रा गांव में अतिक्रमण पर प्रशासन का पीला पंजा चला. तालाब पर बने 36 मकानों पर कार्रवाई की गई. जिससे कई लोग बेघर हो गए हैं. अपने आशियाने को टूटता देख लोग रोने बिलखने लगे. इस दौरान उन्होंने प्रशासन की कार्रवाई का भी विरोध किया. लेकिन मौके पर भारी पुलिस फोर्स के सामने उनकी एक नहीं चली. वहीं प्रशासन की इस कार्रवाई से लोगों में खासा रोष है.
दरअसल, प्रशासन की टीम जैसे ही भगवानपुर तहसील के हकीमपुर तुर्रा गांव में अतिक्रमण पर कार्रवाई के लिए पहुंची, तो लोगों में हड़कंप मच गया. जहां लोग सालों से निवास कर रहे थे. गांव में मकानों पर हाई कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई की. एस डी एम भगवानपुर के नेतृत्व पर कार्रवाई की गई. बताया जा रहा है कि एक ग्रामीण ने कोर्ट में शिकायत की थी कि तालाब पर कुछ ग्रामीणों ने अतिक्रमण किया हुआ है. जिसके बाद हाई कोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया. आदेश मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और 36 परिवारों पर अतिक्रमण की कार्रवाई की गई. जिससे कई लोग बेघर हो गए हैं.
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अपने आशियाने को टूटता देख लोग रोने बिलखने लगे. कुछ ग्रामीणों ने खुद अपने पुश्तैनी मकानों पर हथौड़ा चलाया और रोते बिलखते रहे. साथ ही ग्रामीणों ने सीधे तौर से प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि आखिरकार अगर मकान सरकारी थे तो उन्हें तालाब पर क्यों बनाने दिया गया. वहीं सैंकड़ो लोग बेघर हो गए है और सरकार या कोई भी जनप्रतिनिधि उनकी सुध नहीं ले रहा है. वहीं मौके पर पहुंचे एस डी एम भगवानपुर संतोष कुमार पांडेय ने बताया कि तालाबों में बने मकानों पर कोर्ट के आदेश के बाद कार्रवाई की गई है.