हरिद्वार: आतंकियों के टॉप टारगेट पर रहने वाले हरिद्वार रेलवे स्टेशन (Terrorists target Haridwar railway station) पर सुरक्षा व्यवस्था राम भरोसे है. यहां लंबे समय से सुरक्षा व्यवस्था चौपट पड़ी है. यहां सुरक्षा व्यवस्था का आलम ये है कि यहां 90 में से 67 सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं. जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस प्रशासन हरिद्वार पहुंचने वाले यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कितना सजग है.
शहर को आपराधिक घटनाओं से मुक्त करने के लिए चप्पे-चप्पे पर तीसरी आंख यानी सीसीटीवी कैमरों का जाल लगाया गया है, लेकिन बीते करीब एक दशक से आतंकियों के टारगेट पर रहे रेलवे स्टेशन हरिद्वार की सुरक्षा को लेकर शायद रेलवे प्रशासन ही गंभीर नहीं है. कहने को पूरे रेलवे स्टेशन परिसर में 90 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिसमें अधिकतर कैमरे हाई रेजोल्यूशन वाले हैं. लेकिन हैरानी की बात है कि इसमें से सिर्फ 23 कैमरे ही काम कर रहे हैं, जबकि बाकी के बचे 67 कैमरे सिर्फ शोपीस बनकर रह गए हैं.
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जीआरपी द्वारा कई बार इस संबंध में रेलवे के आला अधिकारियों को शिकायत भी की गई, मगर इसका नतीजा आजतक सिफर ही निकला है. जीआरपी थानाध्यक्ष अनुज कुमार ने बताया रेलवे स्टेशन पर जितने सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, वे रेलवे प्रशासन के अधीन हैं.
पिछले काफी दिनों से इनमें से अधिकतर कैमरे खराब पड़े हैं. कई बार रेलवे टेक्नीशियन आकर इन कैमरों का मुआयना भी कर चुके हैं. लेकिन यह समझ नहीं आ रहा कि यह कैमरे अभी तक बंद क्यों हैं? रेलवे स्टेशन पर अलग-अलग जगह पर कुल 90 कैमरे लगे हुए हैं. जिसमें से सिर्फ 30 ही काम कर पा रहे हैं और बाकी सब खराब हैं.