हरिद्वारः कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू है. जिसके चलते देश के कोने-कोने में प्रवासी लोग फंसे हुए हैं. आवाजाही बंद होने से लोग मजबूरन पैदल ही भूखे-प्यासे अपने गंतव्यों की ओर निकले हैं. इसी कड़ी में हरिद्वार के होटल और धर्मशालाओं में फंसे गुजरात के 170 यात्रियों को जिला प्रशासन ने बसों के जरिए उनके घर भेजा. वहीं, यात्रियों में घर वापस लौटने की खुशी अलग ही दिखाई दी. जबकि, विभिन्न राज्यों के यात्री भी आस लगाए बैठे हैं कि उन्हें भी जल्द उनके घर भेजा जाएगा.
हरिद्वार में अभी भी विभिन्न होटल और धर्मशालाओं में 2300 यात्री फंसे हुए हैं. जिनमें से सबसे ज्यादा 1500 यात्री केवल गुजरात के अलग-अलग जिलों से थे. सभी यात्री 19 मार्च को हरिद्वार पहुंचे थे और अचानक हुए लॉकडाउन के चलते यहां फंस गए. जिन्हें शुक्रवार को बसों के जरिए उनके घर के लिए रवाना किया गया. अपने घर वापस जाने पर यात्रियों ने राज्य सरकार का आभार भी जताया. उन्होंने कहा कि यहां पर उनकी खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की गई थी. अब वो घर जा रहे हैं.
ये भी पढ़ेंः उत्तरकाशीः पहाड़ों में बर्फबारी का 'लॉकडाउन', ग्रामीण घरों में हुए कैद
अभी भी गुजरात समेत कई प्रदेशों के यात्री हरिद्वार में फंसे हुए हैं. उन्हें भी अब आस जगी है कि वे भी अपने घर अब जल्दी जा सकेंगे. इन यात्रियों का कहना है कि सरकार उनकी व्यवस्था करें. जिससे वो अपने घर वापस लौट सकें. जिला पर्यटन कार्यालय में प्रशासन ने इन सभी यात्रियों को घर वापस जाने के लिए व्यवस्था की है. जहां से यात्री पास बनवाकर अपने-अपने राज्यों को वापस लौटने के लिए कतारों में लगे दिखाई दिए.
जिला पर्यटन अधिकारी सीमा नौटियाल का कहना है कि जिलाधिकारी सी. रविशंकर के निर्देश के बाद इन यात्रियों को वापस उनके घर भेजने की कार्रवाई की जा रही है. जिलाधिकारी से निर्देश दिया गया है कि जितने भी हरिद्वार में यात्री फंसे हुए हैं, उन्हें घर वापस भेजने की व्यवस्था की जाए. इन यात्रियों के लिए अलग से पास बनाए जा रहे हैं.