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हरिद्वार में धूमधाम से मनाया गया 112वां मुल्तान जोत महोत्सव, निकाली गई यात्रा - Gulal Holi in Haridwar

हरिद्वार में 112वां मुल्तान जोत महोत्सव (Multan Jot Festival) बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर ढोल बाजों के साथ मुल्तानी समाज के लोग गुलाल की होली खेलते हुए हरकी पैड़ी पहुंचे. यहां पर पिचकारियों से दूध की होली खेली गई. जिसके बाद शाम के समय पूरे विधि-विधान से जोत की पूजा-अर्चना की गई.

Multan Jot Festival
मुल्तान जोत महोत्सव
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Published : Aug 8, 2022, 8:23 AM IST

हरिद्वार: अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन के तत्वाधान में हरिद्वार में रविवार शाम मुल्तान जोत महोत्सव (Multan Jot Festival) का आयोजन बड़ी ही धूमधाम से किया गया. इस दौरान देशभर से एकत्रित हुए मुल्तानी समाज के लोगों ने 112वीं मुल्तान जोत बैंड बाजों के साथ मां गंगा में विसर्जित की. रविवार सुबह समाज से जुड़े लोगों ने मां गंगा में दूध की होली खेली.

मुल्तान जोत कार्यक्रम वैसे तो 3 से 4 दिन हरिद्वार में अलग-अलग स्थानों पर चलता है. लेकिन मुख्य कार्यक्रम रविवार को सुबह से ही शुरू हो गया था, जिसके तहत पहले ढोल बाजों के साथ मुल्तानी समाज के लोग गुलाल की होली खेलते हुए हरकी पैड़ी पहुंचे. यहां पर पिचकारियों से दूध की होली खेली गई. जिसके बाद शाम के समय पूरे विधि-विधान से जोत की पूजा-अर्चना की गई. बता दें, मुल्तान समाज आधी रात को जोत को गंगा में प्रवाहित करता है.

हरिद्वार में धूमधाम से मनाया गया 112वां मुल्तान जोत महोत्सव.

अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन के अध्यक्ष महेंद्र नागपाल ने बताया कि एक तरफ तिरंगा यात्रा और दूसरी तरफ मुल्तान जोत यात्रा घर-घर इस समय तिरंगा लग रहा है. समाज के लोगों ने मां गंगा में दूध की होली खेली और इसके साथ वंदे मातरम भारत माता की जय और गंगा मैया की जय के नारे लगाते हुए गंगा घाट पर पहुंचे. पहले तिरंगा यात्रा और फिर शाम को शोभायात्रा का आयोजन किया. इस दौरान लाफ्टर चैलेंज के मुख्य कलाकार विनोद बजाज भी शामिल हुए. उन्होंने कहा कि मां गंगा से हमारी यही प्रार्थना है कि हम हर साल इसी तरह यहां पर आकर सेवा करते रहे और देश को कोरोनावायरस से मुक्ति मिले.
पढ़ें- 9 अगस्त को निकाली जाएगी टपकेश्वर शोभायात्रा, रूट प्लान तैयार

बता दें, मुल्तान जोत महोत्सव का आयोजन साल 1911 से किया जा रहा है. बताया जाता है कि भक्त रूपचंद पाकिस्तान के मुल्तान से पैदल चलकर समाज के लोगों एवं शांति की कामना को लेकर हरिद्वार आए थे और हरकी पैड़ी पर गंगा मैया को जोत अर्पित की थी. इसी परंपरा का अनुसरण आज भी पूरे हर्षोल्लास के साथ मुल्तानी समाज करता रहा है. इस अवसर पर ना केवल भारत में बसे मुल्तानी समाज से जुड़े लोग बल्कि वर्तमान के पाकिस्तान में रहने वाले बड़ी संख्या में मुल्तानी हरिद्वार आकर मां गंगा का जलाभिषेक करते हैं.

हरिद्वार: अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन के तत्वाधान में हरिद्वार में रविवार शाम मुल्तान जोत महोत्सव (Multan Jot Festival) का आयोजन बड़ी ही धूमधाम से किया गया. इस दौरान देशभर से एकत्रित हुए मुल्तानी समाज के लोगों ने 112वीं मुल्तान जोत बैंड बाजों के साथ मां गंगा में विसर्जित की. रविवार सुबह समाज से जुड़े लोगों ने मां गंगा में दूध की होली खेली.

मुल्तान जोत कार्यक्रम वैसे तो 3 से 4 दिन हरिद्वार में अलग-अलग स्थानों पर चलता है. लेकिन मुख्य कार्यक्रम रविवार को सुबह से ही शुरू हो गया था, जिसके तहत पहले ढोल बाजों के साथ मुल्तानी समाज के लोग गुलाल की होली खेलते हुए हरकी पैड़ी पहुंचे. यहां पर पिचकारियों से दूध की होली खेली गई. जिसके बाद शाम के समय पूरे विधि-विधान से जोत की पूजा-अर्चना की गई. बता दें, मुल्तान समाज आधी रात को जोत को गंगा में प्रवाहित करता है.

हरिद्वार में धूमधाम से मनाया गया 112वां मुल्तान जोत महोत्सव.

अखिल भारतीय मुल्तान युवा संगठन के अध्यक्ष महेंद्र नागपाल ने बताया कि एक तरफ तिरंगा यात्रा और दूसरी तरफ मुल्तान जोत यात्रा घर-घर इस समय तिरंगा लग रहा है. समाज के लोगों ने मां गंगा में दूध की होली खेली और इसके साथ वंदे मातरम भारत माता की जय और गंगा मैया की जय के नारे लगाते हुए गंगा घाट पर पहुंचे. पहले तिरंगा यात्रा और फिर शाम को शोभायात्रा का आयोजन किया. इस दौरान लाफ्टर चैलेंज के मुख्य कलाकार विनोद बजाज भी शामिल हुए. उन्होंने कहा कि मां गंगा से हमारी यही प्रार्थना है कि हम हर साल इसी तरह यहां पर आकर सेवा करते रहे और देश को कोरोनावायरस से मुक्ति मिले.
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बता दें, मुल्तान जोत महोत्सव का आयोजन साल 1911 से किया जा रहा है. बताया जाता है कि भक्त रूपचंद पाकिस्तान के मुल्तान से पैदल चलकर समाज के लोगों एवं शांति की कामना को लेकर हरिद्वार आए थे और हरकी पैड़ी पर गंगा मैया को जोत अर्पित की थी. इसी परंपरा का अनुसरण आज भी पूरे हर्षोल्लास के साथ मुल्तानी समाज करता रहा है. इस अवसर पर ना केवल भारत में बसे मुल्तानी समाज से जुड़े लोग बल्कि वर्तमान के पाकिस्तान में रहने वाले बड़ी संख्या में मुल्तानी हरिद्वार आकर मां गंगा का जलाभिषेक करते हैं.

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