ETV Bharat / state

विस चुनाव में युवाओं के पास होगी 'सत्ता' की चाभी, रिझाने में जुटे राजनीतिक दल

बीते कुछ महीने से राज्य के राजनीतिक दल युवाओं के अभियानों को तवज्जो दे रहे हैं. यहीं नहीं, चुनावी साल को देखते हुए हर कोई दल युवाओं को रिझाने में लगा हुआ है. युवाओं को नौकरी के साथ ही बेरोजगारी भत्ता देने की बात हो रही है. जिससे साफ है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में युवा निर्णायक भूमिका में रहने वाला है.

youth-will-play-a-decisive-role-in-uttarakhand-assembly-elections-2022
विस चुनाव में युवाओं के पास होगी 'सत्ता' की चाभी
author img

By

Published : Sep 27, 2021, 9:31 PM IST

Updated : Sep 27, 2021, 10:36 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में युवाओं के अभियान और एजेंडों को राजनीतिक दल हाथों हाथ ले रहे हैं. इसका ताजा उदाहरण वो भू-कानून है, जिसकी आवाज युवाओं ने उठाई तो धामी सरकार ने इस पर विचार करने में देरी नहीं की. यही नहीं विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भी फौरन इस अभियान को समर्थन दे दिया. बहरहाल प्रदेश का युवा अब पर्यावरण संरक्षण जैसे गंभीर मसलों पर भी विचार करने लगा है.

लिहाजा रोजगार के साथ युवाओं के इन आंदोलनों के कारण भू-कानून और पर्यावरण जैसे मुद्दे भी सरकार की प्राथमिकता में आ गए हैं. युवाओं पर सरकार की इस गंभीरता के अपने एक कारण भी हैं. दरअसल ऐसा राज्य में युवाओं के उस वोट बैंक के कारण है, जो चुनाव में किसी भी दल की किस्मत बदल सकता है.

विस. चुनाव में निर्णायक भूमिका में होंगे युवा

पिछले दिनों भू-कानून के अभियान को युवाओं ने सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक इस कदर फैलाया कि सरकार को मजबूरी में इस पर विचार करना ही पड़ा. स्थिति यह है कि भाजपा इस अभियान को गलत ठहराती रही. लेकिन सरकार ने दबाव में भू कानून पर संशोधन के लिए समिति गठित कर दी. प्रदेश में युवाओं की तरफ से रोजगार खोलने को लेकर भी कुछ ऐसे ही अभियान चलाए गए. यही नहीं कुछ युवाओं ने पर्यावरण संरक्षण पर भी सरकार को चेताने की कोशिश की है.

पढ़ें- प्रदेश के मैदानी जिलों में दिखा भारत बंद का व्यापक असर, ज्यादातर दुकानों के शटरडाउन

यह सब अभियान जैसे-जैसे आगे बढ़े सरकार को इन पर निर्णय भी लेना पड़ा. भू कानून पर कमेटी गठित की तो रोजगार को लेकर 22 हजार पद जल्द भरने का आश्वासन दिया गया. दरअसल, ऐसा प्रदेश में युवाओं की उस भारी संख्या को देखते हुए सरकार को करना पड़ा जो चुनाव के दौरान किसी भी दल के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है. सबसे पहले जानिए कि उत्तराखंड में युवाओं के आंकड़े क्या है..

प्रदेश में निर्णायक है युवा शक्ति

  • उत्तराखंड में वोटरों की कुल संख्या 78 लाख 15 हजार 192 है.
  • इसमें 57% युवा हैं यानी युवाओं की संख्या करीब 44 लाख 54 हजार है.
  • विधानसभा स्तर पर अधिकतर विधानसभाओं में युवा निर्णायक भूमिका में हैं.
  • प्रदेश में करीब 8 लाख बेरोजगार पंजीकृत भी हैं.
  • सरकार ने 22000 खाली पदों को भरने का दावा किया है.

प्रदेश के युवा कहते हैं कि जिस तरह से युवा तमाम मामलों को उठा रहे हैं उससे सरकार दबाव में है. युवाओं की बात हर हाल में सरकार को माननी भी पड़ेगी. भू कानून को लेकर युवा कहते हैं कि लोगों को पलायन करने से बचना होगा. साथ ही सरकार को भी भू कानून में बदलाव करना ही होगा. ऐसा नहीं होने पर उत्तराखंड के भविष्य में प्रदेश के युवाओं की दिक्कतें बढ़ेंगी.

पढ़ें- किसानों का 'भारत बंद', कुंडली बॉर्डर पर किसान की मौत, दिल्‍ली PCC अध्यक्ष को लौटाया

भाजपा ने युवा नेतृत्व के साथ ही 60 प्लस का नारा दिया है. यानी युवाओं पर ही भाजपा का फोकस है. 22000 रिक्त पद भरने की बात कहकर सरकार युवाओं को रिझाने की कोशिश कर भी रही है. वहीं, आम आदमी पार्टी ने एक लाख युवाओं को रोजगार और 5000 बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया है. कांग्रेस भी युवाओं के लिए अभियान चला रहा है.

राज्य सरकार भले ही भू कानून के लिए युवाओं के दबाव के कारण कमेटी बना चुकी हो. लेकिन भाजपा भू कानून के मुद्दे को किसी की साजिश ही मानती है, दरअसल भाजपा का मानना है कि कुछ लोग युवाओं को बरगला कर इस मुद्दे को उठा रहे हैं.

पढ़ें- कांग्रेस को रास नहीं आया दुष्यंत गौतम का 'पाकिस्तान' बयान, दर्ज कराएगी FIR

भाजपा कहना है कि चुनाव के दौरान ही युवाओं के जरिए ऐसे मुद्दों को क्यों उठाया जाता है, जाहिर है कि चुनावी फायदा लेने के लिए कुछ लोग युवाओं को मोहरा बनाते हैं. वहीं, कांग्रेस कहती है कि राज्य में युवाओं ने जो अभियान छेड़ा है वह सही है. कांग्रेस अपनी सरकार आने पर भू कानून के मुद्दे को हल कर देगी. कांग्रेस युवाओं के अनुसार भू कानून बनाएगी. कांग्रेस का कहना है कि युवा प्रदेश में गंभीर मामलों को सरकार के ध्यान में लाते रहे हैं. यह सरकार युवाओं को नजरअंदाज करती रही है.

देहरादून: उत्तराखंड में युवाओं के अभियान और एजेंडों को राजनीतिक दल हाथों हाथ ले रहे हैं. इसका ताजा उदाहरण वो भू-कानून है, जिसकी आवाज युवाओं ने उठाई तो धामी सरकार ने इस पर विचार करने में देरी नहीं की. यही नहीं विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भी फौरन इस अभियान को समर्थन दे दिया. बहरहाल प्रदेश का युवा अब पर्यावरण संरक्षण जैसे गंभीर मसलों पर भी विचार करने लगा है.

लिहाजा रोजगार के साथ युवाओं के इन आंदोलनों के कारण भू-कानून और पर्यावरण जैसे मुद्दे भी सरकार की प्राथमिकता में आ गए हैं. युवाओं पर सरकार की इस गंभीरता के अपने एक कारण भी हैं. दरअसल ऐसा राज्य में युवाओं के उस वोट बैंक के कारण है, जो चुनाव में किसी भी दल की किस्मत बदल सकता है.

विस. चुनाव में निर्णायक भूमिका में होंगे युवा

पिछले दिनों भू-कानून के अभियान को युवाओं ने सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक इस कदर फैलाया कि सरकार को मजबूरी में इस पर विचार करना ही पड़ा. स्थिति यह है कि भाजपा इस अभियान को गलत ठहराती रही. लेकिन सरकार ने दबाव में भू कानून पर संशोधन के लिए समिति गठित कर दी. प्रदेश में युवाओं की तरफ से रोजगार खोलने को लेकर भी कुछ ऐसे ही अभियान चलाए गए. यही नहीं कुछ युवाओं ने पर्यावरण संरक्षण पर भी सरकार को चेताने की कोशिश की है.

पढ़ें- प्रदेश के मैदानी जिलों में दिखा भारत बंद का व्यापक असर, ज्यादातर दुकानों के शटरडाउन

यह सब अभियान जैसे-जैसे आगे बढ़े सरकार को इन पर निर्णय भी लेना पड़ा. भू कानून पर कमेटी गठित की तो रोजगार को लेकर 22 हजार पद जल्द भरने का आश्वासन दिया गया. दरअसल, ऐसा प्रदेश में युवाओं की उस भारी संख्या को देखते हुए सरकार को करना पड़ा जो चुनाव के दौरान किसी भी दल के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है. सबसे पहले जानिए कि उत्तराखंड में युवाओं के आंकड़े क्या है..

प्रदेश में निर्णायक है युवा शक्ति

  • उत्तराखंड में वोटरों की कुल संख्या 78 लाख 15 हजार 192 है.
  • इसमें 57% युवा हैं यानी युवाओं की संख्या करीब 44 लाख 54 हजार है.
  • विधानसभा स्तर पर अधिकतर विधानसभाओं में युवा निर्णायक भूमिका में हैं.
  • प्रदेश में करीब 8 लाख बेरोजगार पंजीकृत भी हैं.
  • सरकार ने 22000 खाली पदों को भरने का दावा किया है.

प्रदेश के युवा कहते हैं कि जिस तरह से युवा तमाम मामलों को उठा रहे हैं उससे सरकार दबाव में है. युवाओं की बात हर हाल में सरकार को माननी भी पड़ेगी. भू कानून को लेकर युवा कहते हैं कि लोगों को पलायन करने से बचना होगा. साथ ही सरकार को भी भू कानून में बदलाव करना ही होगा. ऐसा नहीं होने पर उत्तराखंड के भविष्य में प्रदेश के युवाओं की दिक्कतें बढ़ेंगी.

पढ़ें- किसानों का 'भारत बंद', कुंडली बॉर्डर पर किसान की मौत, दिल्‍ली PCC अध्यक्ष को लौटाया

भाजपा ने युवा नेतृत्व के साथ ही 60 प्लस का नारा दिया है. यानी युवाओं पर ही भाजपा का फोकस है. 22000 रिक्त पद भरने की बात कहकर सरकार युवाओं को रिझाने की कोशिश कर भी रही है. वहीं, आम आदमी पार्टी ने एक लाख युवाओं को रोजगार और 5000 बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया है. कांग्रेस भी युवाओं के लिए अभियान चला रहा है.

राज्य सरकार भले ही भू कानून के लिए युवाओं के दबाव के कारण कमेटी बना चुकी हो. लेकिन भाजपा भू कानून के मुद्दे को किसी की साजिश ही मानती है, दरअसल भाजपा का मानना है कि कुछ लोग युवाओं को बरगला कर इस मुद्दे को उठा रहे हैं.

पढ़ें- कांग्रेस को रास नहीं आया दुष्यंत गौतम का 'पाकिस्तान' बयान, दर्ज कराएगी FIR

भाजपा कहना है कि चुनाव के दौरान ही युवाओं के जरिए ऐसे मुद्दों को क्यों उठाया जाता है, जाहिर है कि चुनावी फायदा लेने के लिए कुछ लोग युवाओं को मोहरा बनाते हैं. वहीं, कांग्रेस कहती है कि राज्य में युवाओं ने जो अभियान छेड़ा है वह सही है. कांग्रेस अपनी सरकार आने पर भू कानून के मुद्दे को हल कर देगी. कांग्रेस युवाओं के अनुसार भू कानून बनाएगी. कांग्रेस का कहना है कि युवा प्रदेश में गंभीर मामलों को सरकार के ध्यान में लाते रहे हैं. यह सरकार युवाओं को नजरअंदाज करती रही है.

Last Updated : Sep 27, 2021, 10:36 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.