देहरादूनः उत्तराखंड में नियुक्तियों में गड़बड़ी के मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. यूकेएसएससी पेपर लीक (UKSSSC Paper Leak) मामले में जिस तरह से गिरफ्तारियां हुई हैं, उसे देखकर बेरोजगार युवा सरकार की तरफ उम्मीद भरी निगाह से देख रहे थे कि आखिर जांच सही दिशा में जा रही है, लेकिन इसी बीच विधानसभा में बैकडोर से भर्ती का मामला सामने आ गया. जिसमें नेताओं ने अपनों को ही नौकरी लगा दी. इससे बेरोजगार युवा टूट से गए. उन्हें अब सिस्टम और सरकार से कोई उम्मीद नहीं रही. यही वजह है कि अब युवाओं को भगवान की शरण में जाना पड़ रहा है.
जी हां. युवाओं का गुस्सा सरकार के खिलाफ साफ देखा जा सकता है. बेरोजगार युवाओं ने भगवान पर भरोसा जताते हुए उत्तराखंड के प्रसिद्ध मंदिर गोल्ज्यू देवता को न्याय के लिए चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. वायरल चिठ्ठी में किसी बेरोजगार युवा ने कुमाऊं बोली में एक अर्जी लिखी है. जिसके कुछ अंश इस प्रकार हैं, 'हे गोलज्यू! अब तुमि न्या करिया, यो घोटाला में जदु मैंस शामिल छन उननकैं तुम दंड दिया..' यानी जो भी घोटाले में शामिल हैं, उन्हें आप ही दंड दे सकते हैं और बेरोजगार युवाओं को इंसाफ आप ही दिला सकते हैं. सरकार के प्रति अपना गुस्सा जाहिर करते हुए यह पत्र न्याय के देवता को लिखा गया है.
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उत्तराखंड में नेताओं ने जिस तरह से अपनों को फायदा (Uttarakhand Assembly Recruitment Scam) देने के लिए तमाम नियम कायदे कानून ताक पर रख दिए हैं. उसके बाद सिस्टम पर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसे में बेरोजगार युवाओं को सरकार से अब कोई उम्मीद नहीं रहा है. बेरोजगार युवा और कई लोग नौकरियों में धांधली की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार सीबीआई जांच से बचती दिख रही है. शायद यही वजह है कि अब बेरोजगार युवा भगवान से न्याय की उम्मीद (Youth Pleaded for Justice From Golu Devta) कर रहे हैं.
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बता दें कि गोल्ज्यू देवता (Golu Devta Almora) को न्याय के देवता के रूप में जाना जाता है. मान्यता है कि जिन लोगों को कोर्ट कचहरी या फिर सर्वोच्च न्यायालय से भी न्याय नहीं मिल पाता उनको आखिरकार गोल्ज्यू के दरबार में आकर न्याय मिलता है. मन्नतें या फिर न्याय की गुहार लागाने का भी यहां अनोखा तरीका है, लोग लिखित अर्जी टांगकर गोल्ज्यू से मन्नतें या फिर न्याय मांगते हैं. बहुत से लोग तो कोर्ट फीस वाले स्टाम्प पेपर पर लिखकर अपनी बात रखते हैं.
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पंडित इस अर्जी को पढ़कर गोल्ज्यू देवता को सुनाते हैं. इसके बाद इस आवेदन पत्र को लोग मंदिर परिसर में टांग देते हैं. कई लोग तो डाक से भी अपनी अर्जी यहां भिजवाते हैं. मनोकामना पूरी होने पर लोग यहां घंटी अर्पित करते हैं. मंदिर परिसर चारों ओर से लाखों की संख्या में आवेदन पत्र और घंटियों से भरा पड़ा है. यहां टंगी अर्जियां और घंटियां इस बात की गवाही भी देते है कि गोल्ज्यू देवता न्याय जरूर देते हैं.