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गुलाब की खेती से महक रही किसान ओमकार की 'बगिया', दूसरों की भी जिंदगी में फैला रहे खुशबू

युवा किसान ओमकार सिंह गुलाब की खेती कर बेरोजगार लोगों को रोजगार से जोड़ने का काम कर रहे हैं. साथ ही इससे गुलाब की खेती को भी बढ़ावा मिल रहा है और पहाड़ों में रोजगार के साधन उत्पन्न हो रहे हैं. फूलों से महक रही किसान महिलाओं की जिंदगी

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गुलाब की खेती.
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Published : Feb 10, 2020, 6:10 PM IST

डोईवाला: प्रदेश में इनदिनों जंगली जानवर और आवारा पशु किसानों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं. ऐसे में डोईवाला के युवा किसान ओमकार सिंह गुलाब की खेती कर बेरोजगार लोगों को रोजगार से जोड़ने का काम कर रहे हैं. साथ ही इससे गुलाब की खेती को भी बढ़ावा मिल रहा है और पहाड़ों में रोजगार के साधन उत्पन्न हो रहे हैं.

बता दें कि, ओमकार ने खेतों में लगभग साढ़े चार लाख गुलाब की पौध (नूरजहां) लगाई है. वह इसकी पौध तैयार होते ही पहाड़ों में सप्लाई करते हैं. जिसके बाद पहाड़ों में गुलाब की फसल को तैयार कराया जा रहा है और फसल तैयार होने पर सरकार द्वारा फूलों को खरीदा जाता है. जिससे अर्क और गुलाब जल तैयार किया जाता है.

गुलाब की खेती कर पहाड़ के लोगों को रोजगार से जोड़ रहा ओमकार.

पढ़ें- खिर्सू में हादसे का शिकार हुआ विदेशी पर्यटक, एयरलिफ्ट कर भेजा गया AIIMS

युवा किसान ओमकार सिंह ने बताया कि गुलाब की खेती को न तो जंगली जानवर नुकसान पहुंचा रहे हैं और न ही इसे आवारा पशुओं से कोई नुकसान हो रहा है. साथ ही ये खेती पूरी तरह से हर्बल है और इसमें रसायनिक खादों का प्रयोग नहीं किया जाता है.

वहीं, किसान विवेक भारती शर्मा ने बताया कि सरकार लोगों को गुलाब की खेती करने के लिये प्रोत्साहित कर रही है. जिससे किसान पहाड़ों की बंजर भूमि पर गुलाब की खेती कर रोजगार से जुड़ रहे हैं और पलायन की समस्या भी दूर हो रही है.

डोईवाला: प्रदेश में इनदिनों जंगली जानवर और आवारा पशु किसानों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं. ऐसे में डोईवाला के युवा किसान ओमकार सिंह गुलाब की खेती कर बेरोजगार लोगों को रोजगार से जोड़ने का काम कर रहे हैं. साथ ही इससे गुलाब की खेती को भी बढ़ावा मिल रहा है और पहाड़ों में रोजगार के साधन उत्पन्न हो रहे हैं.

बता दें कि, ओमकार ने खेतों में लगभग साढ़े चार लाख गुलाब की पौध (नूरजहां) लगाई है. वह इसकी पौध तैयार होते ही पहाड़ों में सप्लाई करते हैं. जिसके बाद पहाड़ों में गुलाब की फसल को तैयार कराया जा रहा है और फसल तैयार होने पर सरकार द्वारा फूलों को खरीदा जाता है. जिससे अर्क और गुलाब जल तैयार किया जाता है.

गुलाब की खेती कर पहाड़ के लोगों को रोजगार से जोड़ रहा ओमकार.

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युवा किसान ओमकार सिंह ने बताया कि गुलाब की खेती को न तो जंगली जानवर नुकसान पहुंचा रहे हैं और न ही इसे आवारा पशुओं से कोई नुकसान हो रहा है. साथ ही ये खेती पूरी तरह से हर्बल है और इसमें रसायनिक खादों का प्रयोग नहीं किया जाता है.

वहीं, किसान विवेक भारती शर्मा ने बताया कि सरकार लोगों को गुलाब की खेती करने के लिये प्रोत्साहित कर रही है. जिससे किसान पहाड़ों की बंजर भूमि पर गुलाब की खेती कर रोजगार से जुड़ रहे हैं और पलायन की समस्या भी दूर हो रही है.

Intro:डोईवाला
गुलाब की खेती तैयार कर रोजगार से जोड़ रहे किसान
पलायन को भी रोकेगी गुलाब की खेती ।
नूरजहां की खेती से रुकेगा पलायन

जंगली जानवरों से हो रहे नुकसान और आवारा पशु आजकल किसानों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं और पहाड़ में पलायन की समस्या भी गंभीर रूप धारण करती जा रही है लेकिन डोईवाला के एक नोजवान किसान ओमकार सिंह ने हर्बल खेती के साथ गुलाब की खेती को तैयार कर पहाड़ो में भेजकर बेरोजगार लोगो को रोजगार से जोड़ रहे है और गुलाब की खेती को बढ़ावा दे रहे है । जिससे पहाड़ो में रोजगार के साधन उत्पन्न हो और पलायन भी रुक सके ।



Body:नौजवान किसान ओंमकार सिंह ने बताया कि गुलाब की खेती से ना तो जंगली जानवर नुकसान कर रहे हैं और ना ही आवारा पशु से कोई नुकसान हो रहा है और उन्होंने अपने खेतों में लगभग साढ़े चार लाख गुलाब की पौध नूरजहां लगाई है और तैयार होने पर इस पौध को पहाड़ों में सप्लाई किया जाता है और बंजर खेती और पहाड़ों में गुलाब की फसल को तैयार कराया जा रहा है और फसल तैयार होने पर सरकार द्वारा फूलों को खरीदा जाता है जिससे गुलाब से अर्क, और गुलाब जल तैयार किया जाता है और यह गुलाब की खेती पूरी तरह से हर्बल खेती है इसमें कोई भी रसायनिक खादों का प्रयोग नहीं किया जाता है और गुलाब की खेती से किसानों को फायदा हो रहा है ।


Conclusion:किसान विवेक भारती शर्मा ने बताया कि किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा सगंध पौधा केंद्र के द्वारा उन्हें गुलाब की खेती करने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है और इस खेती से किसान जुड़ रहे है और पहाड़ों की बंजर भूमि पर गुलाब की खेती करके किसान रोजगार से जुड़ रहे हैं और पलायन की समस्या भी दूर हो रही है ।

बाईट ओमकार सिंह युवा किसान
बाईट विवेक भारती किसान
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