ETV Bharat / state

गजबः योग को बढ़ावा देने के लिए दिलराज कौर प्रीत को बनाया ब्रांड एम्बेसडर और अब भूल गए - उत्तराखंड में योग के प्रचार प्रसार

उत्तराखंड की योग ब्रांड एम्बेसडर दिलराज प्रीत कौर लालफीताशाही के शिकार के चलते मंत्रालय के चक्कर लगा रही हैं. उन्हें एक साल से वेतन भी नहीं मिला है.

yoga-brand-ambassador
योग ब्रांड एम्बेसडर
author img

By

Published : Nov 27, 2019, 3:05 PM IST

Updated : Nov 27, 2019, 4:41 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने योग के प्रचार-प्रसार को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे लेकिल हकीकत विपरीत है. हालत ये है कि उत्तराखंड कि योग ब्रांड एम्बेसडर गली-गली भटक रही हैं,कोई उनकी सुध लेने वाला नहीं है. उत्तराखंड सरकार ने दिलराज प्रीत कौर को दो साल पहले ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त किया था.

दर-दर भटक रही हैं योग ब्रांड एम्बेसडर.

दरअसल दिलराज प्रीत कौर का नाम साल 2017 में पहली बार चर्चा में आया जब तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने पहले योग दिवस पर दिलराज को उत्तराखंड में योग का ब्रांड एम्बेसडर घोषित किया. दिलराज को ये तमगा यूं ही नहीं दिया गया. दिलराज देश- विदेश में योग के क्षेत्र में कई मेडल जीत चुकी हैं.

दिलराज इसी साल जुलाई में संविदा पर योग प्रशिक्षक के रूप में देहरादून में आयुर्वेद विश्विद्यालय में नियुक्त हुईं. दिलराज के लिए दिक्कतें एक साल बाद यानी 2018 से शुरू हो गईं. दिलराज प्रीत को आयुर्वेद विवि से अनुबंध खत्म होने के बाद सेवा विस्तार नहीं मिला. हालांकि तब से लेकर अब तक दिलराज लगातार विवि में प्रशिक्षण दे रही हैं और अनुबंध का समय बढ़ाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रही हैं.

इसके बावजूद भी दिलराज को अभी तक तनख्वाह नहीं मिली है. ये हाल तब है जब मुख्यमंत्री से लेकर आयुष मंत्री तक दिलराज कौर के अनुबंध की फाइल को लेकर उन्हें भरोसा दिला चुके हैं, लेकिन शासन में बैठे अधिकारी दिलराज को कभी फाइल का नंबर लाने के लिए दौड़ाते हैं, तो कभी वे लोकेशन जानने के लिए सचिवालय में चक्कर मारती हुई दिखाई देती हैं. हालांकि दिलराज जल्द फाइल पर अंतिम निर्णय होने की उम्मीद जता रही हैं.

यह भी पढ़ेंः सोशल मीडिया पर वायरल हुई सेना भर्ती की झूठी खबर, देशभर के हजारों युवा पहुंचे पिथौरागढ़

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ब्यूरोक्रेट्स को फाइलें जल्द निपटारे से जुड़े निर्देश कई बार दे चुके हैं, लेकिन इन निर्देशों को अधिकारी कितनी गंभीरता से लेते हैं, इसका ताजा उदाहरण दिलराज को देखकर लगाया जा सकता है. बहरहाल दिलराज प्रीत को उम्मीद है कि उनका काम जल्द होगा.

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने योग के प्रचार-प्रसार को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे लेकिल हकीकत विपरीत है. हालत ये है कि उत्तराखंड कि योग ब्रांड एम्बेसडर गली-गली भटक रही हैं,कोई उनकी सुध लेने वाला नहीं है. उत्तराखंड सरकार ने दिलराज प्रीत कौर को दो साल पहले ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त किया था.

दर-दर भटक रही हैं योग ब्रांड एम्बेसडर.

दरअसल दिलराज प्रीत कौर का नाम साल 2017 में पहली बार चर्चा में आया जब तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने पहले योग दिवस पर दिलराज को उत्तराखंड में योग का ब्रांड एम्बेसडर घोषित किया. दिलराज को ये तमगा यूं ही नहीं दिया गया. दिलराज देश- विदेश में योग के क्षेत्र में कई मेडल जीत चुकी हैं.

दिलराज इसी साल जुलाई में संविदा पर योग प्रशिक्षक के रूप में देहरादून में आयुर्वेद विश्विद्यालय में नियुक्त हुईं. दिलराज के लिए दिक्कतें एक साल बाद यानी 2018 से शुरू हो गईं. दिलराज प्रीत को आयुर्वेद विवि से अनुबंध खत्म होने के बाद सेवा विस्तार नहीं मिला. हालांकि तब से लेकर अब तक दिलराज लगातार विवि में प्रशिक्षण दे रही हैं और अनुबंध का समय बढ़ाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रही हैं.

इसके बावजूद भी दिलराज को अभी तक तनख्वाह नहीं मिली है. ये हाल तब है जब मुख्यमंत्री से लेकर आयुष मंत्री तक दिलराज कौर के अनुबंध की फाइल को लेकर उन्हें भरोसा दिला चुके हैं, लेकिन शासन में बैठे अधिकारी दिलराज को कभी फाइल का नंबर लाने के लिए दौड़ाते हैं, तो कभी वे लोकेशन जानने के लिए सचिवालय में चक्कर मारती हुई दिखाई देती हैं. हालांकि दिलराज जल्द फाइल पर अंतिम निर्णय होने की उम्मीद जता रही हैं.

यह भी पढ़ेंः सोशल मीडिया पर वायरल हुई सेना भर्ती की झूठी खबर, देशभर के हजारों युवा पहुंचे पिथौरागढ़

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ब्यूरोक्रेट्स को फाइलें जल्द निपटारे से जुड़े निर्देश कई बार दे चुके हैं, लेकिन इन निर्देशों को अधिकारी कितनी गंभीरता से लेते हैं, इसका ताजा उदाहरण दिलराज को देखकर लगाया जा सकता है. बहरहाल दिलराज प्रीत को उम्मीद है कि उनका काम जल्द होगा.

Intro:Summary- शासन में फाइलों के मूवमेंट को स्मूथ करने के लाख दावों के बीच त्रिवेंद्र सरकार का सरकारी सिस्टम योगा ब्रांड एम्बेसडर को दर-दर भटकने पर मजबूर कर रहा है..हैरत की बात ये है कि मुख्यमंत्री से लेकर मंन्त्री तक का आश्वासन भी दिलराज प्रीत कौर के कोई काम नही आया..देखिये रिपोर्ट...


Body:उत्तराखंड में दिलराज प्रीत कौर नाम साल 2017 में पहली बार चर्चा में आया..जब तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने पहले योगा दिवस पर दिलराज को उत्तराखंड का ब्रांड एम्बेसडर घोषित किया..दिलराज को ये तमग़ा यूं ही नही दिया गया..दरअसल दिलराज देश विदेश में योगा के क्षेत्र में कई मैडल जीत चुकी है..जिसके बाद उसकी प्रतिभा को देखकर ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया और इसी साल जुलाई में संविदा पर योग प्रशिक्षक देहरादून में आयुर्वेद विश्विद्यालय में ज्वाइनिंग दी..


दिलराज के लिए दिक्कतें एक साल बाद यानी 2018 से शुरू हुई ..जब दिलराज प्रीत को आयुर्वेद विवि से अनुबंद खत्म होने के बाद समय विस्तार नही मिला..हालाकिं तब से अब तक दिलराज प्रीत कौर लगातार विवि में प्रशिक्षण दे रही है और अनुबंद का समय बढ़ाने के लिए जलेबी की तरह शासन में घूमती फाइल के चक्कर भी काट रही है.. खास बात यह है कि दिलप्रीत को तभी से अब तक  तनख्वाह भी नहीं मिली है..ये हाल तब है जब मुख्यमंत्री से लेकर आयुष मंत्री तक दिलप्रीत कौर के अनुबंध की फाइल को लेकर उसे भरोसा दिला चुके हैं.. लेकिन शासन में बैठे अधिकारी दिलराज प्रीत कौर को कभी फाइल का नंबर लाने के लिए दौड़ते हैं. तो कभी दिलराज अपनी फाइल की लोकेशन जानने के लिए सचिवालय में चक्कर मारती हुई दिखाई देती है.. हालांकि दिलप्रीत जल्द फाइल पर अंतिम निर्णय होने की उम्मीद जता रही है...


बाइट दिलराज प्रीत कौर, योग ब्रांड एंबेसडर उत्तराखंड 


मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ब्यूरोक्रेट्स को फाइलें जल्द निपटारे से जुड़े निर्देश कई बार दे चुके हैं.. लेकिन इन निर्देशों को अधिकारी कितनी गंभीरता से लेते हैं...इसका ताजा उदाहरण दिलराज प्रीत कौर को देखकर लगाया जा सकता है.. बहरहाल दिलराज प्रीत को उम्मीद है कि उनका काम जल्द होगा... 




Conclusion:
Last Updated : Nov 27, 2019, 4:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.