देहरादून: देश दुनिया में नये साल के जश्न की तैयारियां जोरों से चल रही हैं. बस कुछ ही दिनों में 2023 अलविदा हो जाएगा. ऐसे में हर कोई साल 2023 की उपलब्धियों को याद कर रहा है. इसके साथ ही साल 2024 में आने वाली चुनौतियों पर फोकस किया जा रहा है. ऐसे में हम भी आपको ईयर एंडर के जरिये प्रदेश की छोटी बड़ी घटनाओं के बारे में जानकारी दे रहे हैं. आज हम आपको साल 2023 में उत्तराखंड की धामी सरकार की उपलब्धियों के साथ ही आई वाली चुनौतियों के बारे में बताने जा रहे हैं.
पीएम मोदी की गुड बुक में शामिल सीएम धामी: 2022 विधानसभा चुनाव में दूसरी बार जीत हासिल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में एक युवा चेहरे पर दांव खेला. मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड की कमान सौंपी. अपने हंसमुख अंदाज और मृदु भाषी व्यवहार के चलते पुष्कर सिंह धामी शीर्ष नेतृत्व की नजरों में छाये रहे. इसके साथ ही केदारनाथ पुनर्निर्माण, बदरीनाथ मास्टरप्लान, कॉमन सिविल कोड जैसे मामलों पर सीएम धामी एक्शन में दिखे. जिससे सीएम धामी पीएम मोदी की गुड बुक में शामिल हुए.
जोशीमठ आपदा में ग्राउंड पर उतरे धामी: साल 2023 शुरू होते ही धामी सरकार के सामने जोशीमठ भू धंसाव बड़ी चुनौती बनकर सामने आया. जिसके बाद तुरंत ही राज्य सरकार की सतर्कता और केंद्र सरकार के सहयोग से जोशीमठ शहर को बचाने की कवायद शुरू हुई. राज्य सरकार ने जोशीमठ खाली करवाने और उसकी तमाम व्यवस्थाओं को लेकर तेजी से काम किया. इस दौरान दुनिया भर की नजर उत्तराखंड सरकार पर टिकी थी. इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बेहतरीन फैसले लिये. जिससे जोशीमठ आपदा से निपटा जा सका.
पढे़ं-उत्तराखंड के कई नेताओं के लिए बेहद खास रहा साल 2023, CM धामी समेत इनका बढ़ा कद
लैंड जिहाद पर सख्त कार्रवाई: लैंड जिहाद को लेकर भी इस साल उत्तराखंड में खूब हल्ला हुआ. लैंड जिहाद के खिलाफ एक्शन करने वाला उत्तराखंड ऐसा पहला राज्य बना, जहां सरकार खुलकर सरकारी संपत्तियों पर हो रहे धार्मिक कब्जों को हटाने के लिए सामने आई. धामी सरकार ने बड़े स्तर पर लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई की. उत्तराखंड में लैंड जिहाद पर कार्रवाई के बाद देश के दूसरे राज्यों में में भी इस तरह की कार्रवाई हुई. अपने इस फैसले से सीएम धामी देशभर में छाये रहे.
पढे़ं- Year Ender 2023: उत्तराखंड के वो हादसे जो साल 2023 में रहे सबसे अधिक चर्चित
सिलक्यारा टनल हादसा: आपदाओं के लिहाज से साल 2023 उत्तराखंड के लिए चुनौतियों भरा रहा. इन आपदाओं में सीएम धामी ने कुशल नेतृत्व का प्रदर्शन किया. सिलक्यारा टनल हादसा इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. सिलक्यारा में 17 दिनों तक टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए सीएम धामी हर दिन एक्शन में दिखे. केंद्र के सहयोग से सीएम धामी ने खुद ग्राउंड जीरो पर मोर्चा संभाला. सिलक्यारा टनल हादसे के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद पुष्कर सिंह धामी की चर्चा देश दुनिया में होने लगी. सिलक्यारा टनल हादसे में जहां सीएम धामी ने कुशल नेतृत्व का परिचय दिया, वहीं उनका मानवीय रूप भी इस दौरान दुनिया ने देखा. सीएम धामी हर दिन टनल के भीतर फंसे 41 श्रमिकों से बात करते थे. वे हमेशा उनका हौसला बढ़ाते थे. इतना ही नहीं श्रमिकों के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सीएम धामी ने श्रमिकों के परिजनों के साथ बूढ़ी दीपावली मनाई. सिलक्यारा टनल हादसे के बाद पीएम मोदी भी पुष्कर सिंह धामी के फैन हो गये.
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन: देश के सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उत्तराखंड में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया. जिसके लिए भी उत्तराखंड के सीएम धामी ने दिन रात पसीना बहाया. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के मुख्य कार्यक्रम से पहले सीएम धामी ने देश दुनिया में कई रोड शो किये. धामी ने इन्वेस्टरों से मुलाकात कर उत्तराखंड में निवेश के लिए आमंत्रित किया. इसके बाद 8 दिसंबर को राजधानी देहरादून में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया. जिसका शुभारंभ पीएम मोदी ने किया. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित करने की बात कही. राजधानी देहरादून में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की भव्यता और दिव्यता की दुनियाभर में चर्चा हुई.
लोकसभा चुनाव धामी के सामने बड़ी चुनौती: आने वाला लोकसभा चुनाव धामी सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती है. अभी उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. ऐसे में एंटी इनकंबेंसी से निपटना, दोबारा से राज्य की पांचों लोकसभा सीटें जीतना, धामी के लिए बड़ी चुनौती है. इसके साथ ही वोट शेयर को बढ़ाना भी सीएम धामी के सामने बड़ी चुनौती होगी, जिसे लेकर सीएम धामी एक्टिव भी दिखाई दे रहे हैं. सीएम धामी, भाजपा संगठन के साथ मिलकर लगातार लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं. सीएम धामी को पूरा विश्वास है कि जैसे विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मिथक को तोड़ते हुए सरकार रिपीट की है, उसी तरह लोकसभा चुनाव में भी भाजपा राज्य की पांचों सीटों पर प्रचंड जीत हासिल करेगी.
पढे़ं- Year Ender 2023 : जानें उन उद्योगपतियों के बारे में, जिनका निधन इस साल हुआ
आसान नहीं होगा निकाय चुनाव: उत्तराखंड में दिसंबर महीने में स्थानीय निकाय चुनाव होने थे, जिन्हें अब आगे बढ़ा दिया गया है. बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के साथ या फिर लोकसभा चुनाव के बाद उत्तराखंड में निकाय चुनाव हो सकते हैं. जिन्हें न केवल सफलता पूर्वक कराना धामी की जिम्मेदारी है बल्कि इसमें बंपर जीत की चुनौती भी सीएम धामी के सामने है. स्थानीय निकाय चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन, वोट शेयर, एंटी इनकंबेंसी ये सब वो बिंदु होंगे जिनसे धामी को निपटना होगा.
नेशनल गेम्स का आयोजन: साल 2023 में उत्तराखंड में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हुई. वहीं, साल 2024 में उत्तराखंड में 38वें नेशनल गेम्स होने हैं. जिसको लेकर पूरे देश भर की नज़रें उत्तराखंड पर लगी रहेंगी. नेशनल गेम्स में मेजबान के तौर पर उत्तराखंड के सामने चुनौती होगी. नेशनल गेम्स का सफल आयोजन, खिलाड़ियों के लिए व्यवस्थाएं, सही इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही दूसरी जरूरी चीजों को व्यवस्थित करना धामी सरकार के सामने बड़ी चुनौती है.