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Y Shape फ्लाई ओवर पर जरा संभलकर, तकनीकी खामियों के चलते बढ़ी दुर्घटना की आशंका

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Published : Jun 18, 2019, 11:44 AM IST

देहरादून का आईएसबीटी फ्लाई ओवर बना खतरे का सबब. संबंधित विभाग ने कहा बदलाव के कारण उठाये जा रहे हैं सवाल.

Y Shape फ्लाई ओवर.

देहरादून: आईएसबीटी के पास बना Y Shape फ्लाईओवर उद्घाटन के बाद से विवादों में घिर गया है. पहले सीधे आकार में बने इस फ्लाई ओवर के बीचों बीच वाई शेप वाला हिस्सा जोड़ने से आई तकनीकी खामियों की वजह से दुर्घटनाओं के आसार बढ़ गए हैं.

जानकारी देते प्रभारी चीफ इंजीनियर हरिओम शर्मा.

दरअसल, पहले तैयार फ्लाई ओवर के जिस बीच वाले भाग पर वाई शेप जोड़ा गया, जिससे हरिद्वार रोड की तरफ से आने वाला ट्रैफिक के लिए स्प्रिंग पोस्ट लगा दिए गए हैं, जिसकी वजह से फ्लाई ओवर बीच के हिस्से से संकरा हो गया है. इतना ही नहीं दोनों लेन की डेड एंड सीधा है, जिस वजह से वाहनों का आपस में टकरने जैसी स्थिति बन जाती है.

पढ़ें- इस वाईशेप फ्लाईओवर पर भरिए फर्राटा, पर संभलकर, सीएम ने किया उद्घाटन

डिजाइन चेंज करने से हुई समस्या
ISBT के इस वाई शेप फ्लाई ओवर पर तकनीकी समस्या इसलिए सामने आ रही है क्योंकि इस इसाका निर्माण पहले वाई शेप डिजाइन के तहत नहीं हुआ था. बाद में ट्रैफिक को डायवर्ट करने के लिए सीधे फ्लाई ओवर पर वाई शेप का हिस्सा जोड़ा गया. वाई शेप फ्लाई ओवर वन-वे ट्रैफिक के लिए है, जिसका इस्तेमाल हरिद्वार बाईपास रोड से सहारनपुर तरफ जाने के लिए किया जा रहा है. ऐसे में हरिद्वार रोड से आने वाला ट्रैफिक सीधे शहर के बाहर चला जाएगा.

बताया जा रहा है कि ये Y-शेप फ्लाई ओवर पूर्व कांग्रेस सरकार की कैबिनेट में रहे एक मंत्री के राजनीतिक दबाव के कारण बनाया गया है. इस मामले में संबंधित लोक निर्माण विभाग के आला अधिकारियों की मानें तो फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर साफ तौर पर तकनीकी समस्या का हवाला देते हुए विभागीय इंजीनियरों ने पहले इस डिजाइन से फ्लाई ओवर नहीं बनाया था.

पढ़ें- हाई कोर्ट की फटकार के बाद फ्लाईओवर निर्माण का रास्ता साफ, शहर में दूर होगी जाम की समस्या

सुरक्षा के कर लिए गये हैं इंतजाम
फ्लाईओवर के विवादों में घिरने को लेकर सरकारी कार्यदायी संस्था उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग के प्रभारी चीफ इंजीनियर हरिओम शर्मा ने खतरा होने से इनकार कर दिया है. उन्होंने बताया कि पहले से तैयार हो रहे फोर लेन फ्लाई ओवर में एक अलग से हिस्सा वाई शेप वाली एक नयी लेन जोड़ना बड़ी समस्या का कारण बन रहा था. क्योंकि रोड के दोनों तरफ दुकानों और सड़क की वजह से निर्माण में मार्जन नहीं मिल रहा था. ऐसे में फोरलेन वाले सीधे फ्लाईओवर पर ही वाई शेप हिस्सा जोड़ दिया गया. हालांकि, फ्लाईओवर के बीच में एंगल ऑफ कंवर्जन का ध्यान रखा गया है, जो 15 से 20 डिग्री के एंगल पर रखा जाता है. चीफ इंजीनियर का मानना है कि फ्लाई ओवर पर ट्रैफिक सुरक्षा के बंदोबस्त कर दिए गए हैं.

जांच के आदेश
आईएसबीटी वाई शेप वाले इस फ्लाई ओवर विवादों के घेरे में फंसने के बाद शासन द्वारा इसकी तकनीकी जांच के आदेश हो चुके हैं. इसके बाद अब इसके निर्माण कार्य और तकनीकी खामियों को बारिकियों से देखा जा रहा है. हालांकि शासन द्वारा इस फ्लाईओवर की जांच वाले आदेश पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. कहा जा रहा है कि जब लोक निर्माण विभाग ने इस फ्लाईओवर को पहले ही जोड़ने से मना कर दिया था तो जांच किस तरह से आगे बढ़ेगी.

देहरादून: आईएसबीटी के पास बना Y Shape फ्लाईओवर उद्घाटन के बाद से विवादों में घिर गया है. पहले सीधे आकार में बने इस फ्लाई ओवर के बीचों बीच वाई शेप वाला हिस्सा जोड़ने से आई तकनीकी खामियों की वजह से दुर्घटनाओं के आसार बढ़ गए हैं.

जानकारी देते प्रभारी चीफ इंजीनियर हरिओम शर्मा.

दरअसल, पहले तैयार फ्लाई ओवर के जिस बीच वाले भाग पर वाई शेप जोड़ा गया, जिससे हरिद्वार रोड की तरफ से आने वाला ट्रैफिक के लिए स्प्रिंग पोस्ट लगा दिए गए हैं, जिसकी वजह से फ्लाई ओवर बीच के हिस्से से संकरा हो गया है. इतना ही नहीं दोनों लेन की डेड एंड सीधा है, जिस वजह से वाहनों का आपस में टकरने जैसी स्थिति बन जाती है.

पढ़ें- इस वाईशेप फ्लाईओवर पर भरिए फर्राटा, पर संभलकर, सीएम ने किया उद्घाटन

डिजाइन चेंज करने से हुई समस्या
ISBT के इस वाई शेप फ्लाई ओवर पर तकनीकी समस्या इसलिए सामने आ रही है क्योंकि इस इसाका निर्माण पहले वाई शेप डिजाइन के तहत नहीं हुआ था. बाद में ट्रैफिक को डायवर्ट करने के लिए सीधे फ्लाई ओवर पर वाई शेप का हिस्सा जोड़ा गया. वाई शेप फ्लाई ओवर वन-वे ट्रैफिक के लिए है, जिसका इस्तेमाल हरिद्वार बाईपास रोड से सहारनपुर तरफ जाने के लिए किया जा रहा है. ऐसे में हरिद्वार रोड से आने वाला ट्रैफिक सीधे शहर के बाहर चला जाएगा.

बताया जा रहा है कि ये Y-शेप फ्लाई ओवर पूर्व कांग्रेस सरकार की कैबिनेट में रहे एक मंत्री के राजनीतिक दबाव के कारण बनाया गया है. इस मामले में संबंधित लोक निर्माण विभाग के आला अधिकारियों की मानें तो फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर साफ तौर पर तकनीकी समस्या का हवाला देते हुए विभागीय इंजीनियरों ने पहले इस डिजाइन से फ्लाई ओवर नहीं बनाया था.

पढ़ें- हाई कोर्ट की फटकार के बाद फ्लाईओवर निर्माण का रास्ता साफ, शहर में दूर होगी जाम की समस्या

सुरक्षा के कर लिए गये हैं इंतजाम
फ्लाईओवर के विवादों में घिरने को लेकर सरकारी कार्यदायी संस्था उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग के प्रभारी चीफ इंजीनियर हरिओम शर्मा ने खतरा होने से इनकार कर दिया है. उन्होंने बताया कि पहले से तैयार हो रहे फोर लेन फ्लाई ओवर में एक अलग से हिस्सा वाई शेप वाली एक नयी लेन जोड़ना बड़ी समस्या का कारण बन रहा था. क्योंकि रोड के दोनों तरफ दुकानों और सड़क की वजह से निर्माण में मार्जन नहीं मिल रहा था. ऐसे में फोरलेन वाले सीधे फ्लाईओवर पर ही वाई शेप हिस्सा जोड़ दिया गया. हालांकि, फ्लाईओवर के बीच में एंगल ऑफ कंवर्जन का ध्यान रखा गया है, जो 15 से 20 डिग्री के एंगल पर रखा जाता है. चीफ इंजीनियर का मानना है कि फ्लाई ओवर पर ट्रैफिक सुरक्षा के बंदोबस्त कर दिए गए हैं.

जांच के आदेश
आईएसबीटी वाई शेप वाले इस फ्लाई ओवर विवादों के घेरे में फंसने के बाद शासन द्वारा इसकी तकनीकी जांच के आदेश हो चुके हैं. इसके बाद अब इसके निर्माण कार्य और तकनीकी खामियों को बारिकियों से देखा जा रहा है. हालांकि शासन द्वारा इस फ्लाईओवर की जांच वाले आदेश पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. कहा जा रहा है कि जब लोक निर्माण विभाग ने इस फ्लाईओवर को पहले ही जोड़ने से मना कर दिया था तो जांच किस तरह से आगे बढ़ेगी.

Intro:pls नोट-डेस्क-इस स्टोरी से सम्बंधित ISBT फ्लाईओवर के विजुअल mail द्वारा भेजे गए हैं कृपया ई-मेल से विजुअल उठाने का कष्ट करें।



summary_ देहरादून का आईएसबीटी फ़्लाईओवर बना ख़तरे का सबब,सम्बन्धित विभाग ने माना बाद में हुए बदलाव के कारण फ़्लाईओवर पर उठ रहे हैं सवाल

intro-उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आईएसबीटी के समीप बना वाई-सेप वाला का नया फ्लाईओवर उद्घाटन के बाद से ही विवादों में घिर गया है। पहले से तैयार सीधे आकार वाले फ्लाईओवर के बीचों बीच वाई सेप वाला हिस्सा जोड़ने व उसके निर्माण पर तकनीकी खामियों और बेतुके डाइवर्ट डिजाइन के चलते यह वाई सेप वाला आईएसबीटी फ्लाईओवर यातायात के लिए खतरे का सबब बन चुका है। दरसल पहले तैयार फ्लाईओवर के जिस बीच वाले भाग पर वाई सेप वाला फ्लाईओवर का जोड़ा गया उसके चलते हरिद्वार रोड़ की तरफ से आने वाला ट्रैफ़िक के लिए बेंड देते हुए स्प्रिंग पोस्ट लगा दिए गए हैं जिसके चलते फ्लाईओवर बीच के हिस्से से संकरा हो गया हैं। इतना ही दोनों लेन की टक्कर सीधे होने से इस स्थान पर वाहनों के लिए दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।

पहले से वाई सेप का फ्लाईओवर डिजाइन ना बनने के कारण समस्या:

आईएसबीटी के इस वाई सेप फ्लाईओवर पर तकनीकी समस्या इसलिए सामने आ रही है क्योंकि इस फ्लाईओवर का निर्माण पहले से वाई सेप डिजाइन में नहीं होना था,अब बाद में जरूरत महसूस होने के चलते राजनीतिक दबाव में सीधे फ्लाईओवर पर वाई सेप का हिस्सा जोड़ा गया जिसके चलते तकनीकी समस्या आ रही हैं।
ऐसे में हरिद्वार रोड से आने वाला है वाई सेप फ्लाईओवर वन वे ट्रेफिक के लिए है जिसका इस्तेमाल हरिद्वार बाईपास रोड से सहारनपुर तरफ जाने के लिए किया गया है, लेकिन वर्तमान में स्थिति फ्लाईओवर की उल्टी दिशा में देहरादून से आने वाले यातायात वाई सेप में टकरा रहा हैं।



Body:राजनीतिक दबाव के चलते फ्लाईओवर की हुई दुर्दशा

जानकारी के मुताबिक वाईसेप वाला फ्लाईओवर उत्तराखंड में पूर्व में रही कांग्रेस सरकार के एक केबिनेट मंत्री के राजनीतिक दबाव के कारण बनाया गया,जबकि पहले से इसका कोई योजना नहीं बनाई गई थी। इस मामले में संबंधित लोक निर्माण विभाग के आला अधिकारियों की मानें तो वाईसेप फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर साफ तौर पर तकनीकी समस्या का हवाला देते हुए विभागीय इंजीनियरों द्वारा निर्माण कार्य को न करने का फैसला लिया गया था लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते वाईसेप वाला हिस्सा तैयार कर फ्लाईओवर के साथ जोड़ा गया जिसके कारण आज यह समस्या सामने आ रही है।


Conclusion:फ्लाईओवर के निर्माण को लेकर शासन के जांच आदेश पर भी सवाल?

उधर आईएसबीटी वाईसेप वाले इस फ्लाईओवर विवादों के घेरे में फंसने के बाद शासन द्वारा इसकी तकनीकी जांच के आदेश हो चुके हैं जिसके बाद अब इसके निर्माण कार्य और तकनीकी खामियों को लेकर जांच पड़ताल जारी हैं। हालांकि शासन द्वारा इस फ्लाईओवर की जांच वाले आदेश पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि,जब पहले ही संबंधित लोक निर्माण विभाग अधिकारियों द्वारा वाईसेप फ्लाईओवर को पहले से निर्माणाधीन फ्लाईओवर के साथ जुड़ने से तकनीकी रूप में मना कर दिया गया था तो ऐसे में जांच किस तरह से आगे बढ़ेगी।

सीधे आकार वाले फोर लेन फ्लाईओवर पर बाद में लिया गया वाईसेप फ्लाईओवर को जोड़ने का फैसला,जिसके कुछ तकनीकी समस्या: चीफ इंजीनियर

वाहनों की आवाजाही की सुरक्षा रखी गई हैं फ़िलहाल कोई खतरा नहीं: चीफ इंजीनियर

उधर आईएसबीटी के इस वाईसेप वाले इस फ्लाईओवर के निर्माण कार्य के विवादों में घिरने को लेकर सरकारी कार्यदायी संस्था उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग के प्रभारी चीफ इंजीनियर हरिओम शर्मा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया पहले सरकार के योजना के मुताबिक आईएसबीटी वाला फ्लाईओवर चार लेन का सीधा निर्माण होने की स्वीकृति हुई थी, लेकिन फ्लाईओवर के निर्माण कार्य शुरू होने काफी समय पश्चात सरकार द्वारा एक और प्रस्ताव आया जिसमें इसी फ्लाईओवर में हरिद्वार बाईपास से एक हिस्सा अलग से जोड़ने की बात सामने आई ताकि हरिद्वार रोड से आने वाला हेवी ट्रेफिक सीधे सहारनपुर रोड की तरफ निकल जाए। चीफ इंजीनियर हरिओम शर्मा के मुताबिक पहले से तैयार हो रहे फ्लाईओवर में एक अलग से हिस्सा वाईसेप वाला एक नई लेन के साथ जोड़ना बड़ी समस्या का कारण बन रहा था,क्योंकि रोड के दोनों तरफ दुकानों और सड़क की वजह से निर्माण में मार्जन नहीं मिल रहा था। ऐसे में भारी डिमांड के मुताबिक फोरलेन वाले सीधे फ्लाईओवर पर वाईसेप वाला हिस्सा जोड़ दिया गया। हालांकि फ्लाईओवर के बीच में एंगल ऑफ कंवर्जन का ध्यान रखा गया है, जो 15 से 20 डिग्री के एंगल पर रखा जाता है। चीफ इंजीनियर का मानना है कि फ्लाईओवर पर ट्रैफिक सुरक्षा के बंदोबस्त कर दिए गए , ऐसे किसी तरह की आवाजाही में समस्या नहीं हैं।

बाईट-हरिओम शर्मा, प्रभारी, चीफ इंजीनियर उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग

pls note_input_महोदय, यह किरण कांत शर्मा का मोजो मोबाइल हैं,जिसे मैं (परमजीत सिंह )इसे इस्तेमाल कर रहा हूं। मेरा मोजो मोबाइल खराब हो गया हैं, ऐसे मेरी स्टोरी इस मोजो से भेजी जा रही हैं.. ID 7200628
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