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विश्व डाक दिवस: उत्तराखंड की इन हस्तियों को मिली डाक टिकट पर जगह - राष्ट्रीय डाक सप्ताह

आज से विश्व डाक सप्ताह की शुरुआत हो गई है. आइए, जानते हैं कि उत्तराखंड की किन हस्तियों और स्थलों को कब-कब डाक टिकट पर जगह मिली.

विश्व डाक दिवस
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Published : Oct 9, 2020, 4:56 PM IST

Updated : Oct 9, 2020, 5:14 PM IST

देहरादूनः देश के सबसे पुराने विभागों में शामिल भारतीय डाक विभाग हर साल 9 अक्टूबर से 7 दिनों का राष्ट्रीय डाक सप्ताह मनाया जाता है. इसका मकसद जनता को डाक विभाग की योजनाओं के प्रति जागरुक करना है. डाक टिकट पर आपने देश की बड़ी हस्तियों, बड़े नेता, स्मारक समेत तमाम जगहों के चित्र डाक टिकट पर देखे होंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन हस्तियों या स्थलों में उत्तराखंड भी शामिल है. आज हम आपको उन्हीं हस्तियों के बारे में बात कर रहे हैं, जिन्होंने डाक टिकट में अपनी जगह बनाई.

मौजूदा डिजिटल भारत की बात करें तो डाक टिकट का वजूद अब सिर्फ सरकारी विभागों तक ही सीमित हो गया है. इसकी जगह प्राइवेट कंपनियां और कोरियर सर्विस ले चुकी हैं. लिहाजा डाक विभाग डाक टिकट तो जारी कर देता है, लेकिन अब डाक टिकटों का उपयोग मात्र सरकारी काम के लिए ही रह गया है.

उत्तराखंड की इन हस्तियों को मिली डाक टिकट पर जगह.

भारतीय डाक विभाग ने देश की तमाम बड़ी हस्तियों, स्मारक आदि के चित्र को डाक टिकट पर छापे हैं. यही नहीं, राज्य की भी कई बड़ी हस्तियों को भी डाक टिकट पर जगह मिली हैं. जिसमें सबसे पहले साल 1965 में भारत रत्न उपाधि से सम्मानित पंडित बल्लभ पंत का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था. इसके साथ ही तमाम केंद्रीय संस्थान, देहरादून रेलवे और धार्मिक स्थलों के चित्र को भी डाक टिकट में छापा गया है.

पढ़ेंः विश्व डाक दिवस: समय के साथ बदल गई चिट्ठी, आज भी सहेज कर रखे हैं 50 साल पुराने डाक टिकट

आइए, जानते हैं किन हस्तियों और स्थलों को कब-कब डाक टिकट में जगह मिलीः

  • साल 1965 में भारत रत्न उपाधि से विभूषित पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1966 में स्वामी रामतीर्थ का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1967 में भारतीय सर्वेक्षण विभाग को 200 वर्ष पूर्ण करने पर भारतीय सर्वेक्षण विभाग का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1970 में स्वामी श्रद्धानंद का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1975 में राज्य पक्षी मोनाल का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1976 में जिम कार्बेट पार्क का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1977 में राज्य वृक्ष बुरांश का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1982 में स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1982 में राज्य पुष्प ब्रह्मकमल का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1983 में गोमुख का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1986 में कार्बेट नेशनल पार्क का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1989 में बद्रीनाथ धाम के संस्थापक आदि गुरु शंकराचार्य का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1991 में शांतिकुंज, हरिद्वार के संस्थापक श्रीराम शर्मा आचार्य का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1993 में राहुल सांकृत्यायन का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • 23 अप्रैल 1994 में पेशावर कांड के सेनानी वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1997 में राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज को 75 वर्ष पूर्ण करने पर राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1997 में रुड़की विश्वविद्यालय का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2000 में देहरादून रेल को 100 वर्ष पूर्ण होने पर देहरादून रेल का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2001 में विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2002 में गुरुकुल कांगड़ी को 100 साल पूर्ण होने पर गुरुकुल कांगड़ी, हरिद्वार का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2003 में देश के चारों धामो में सर्वश्रेष्ठ धाम, बद्रीनाथ धाम का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2003 में राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थलों में सुमार कैम्पटी जल प्रपात का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2006 में पंडित नैन सिंह रावत का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2006 में चमोली स्थित रूपकुण्ड झील का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2014 में नन्दा देवी का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2015 में सुमित्रानंदन पंत का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2016 में गढ़वाल राइफल्स बटालियन नंबर 3 का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2017 में कुमांऊं रेजीमेंट बटालियन नंबर 3 का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2018 में हेमवती नंदन बहुगुणा का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.

देहरादूनः देश के सबसे पुराने विभागों में शामिल भारतीय डाक विभाग हर साल 9 अक्टूबर से 7 दिनों का राष्ट्रीय डाक सप्ताह मनाया जाता है. इसका मकसद जनता को डाक विभाग की योजनाओं के प्रति जागरुक करना है. डाक टिकट पर आपने देश की बड़ी हस्तियों, बड़े नेता, स्मारक समेत तमाम जगहों के चित्र डाक टिकट पर देखे होंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन हस्तियों या स्थलों में उत्तराखंड भी शामिल है. आज हम आपको उन्हीं हस्तियों के बारे में बात कर रहे हैं, जिन्होंने डाक टिकट में अपनी जगह बनाई.

मौजूदा डिजिटल भारत की बात करें तो डाक टिकट का वजूद अब सिर्फ सरकारी विभागों तक ही सीमित हो गया है. इसकी जगह प्राइवेट कंपनियां और कोरियर सर्विस ले चुकी हैं. लिहाजा डाक विभाग डाक टिकट तो जारी कर देता है, लेकिन अब डाक टिकटों का उपयोग मात्र सरकारी काम के लिए ही रह गया है.

उत्तराखंड की इन हस्तियों को मिली डाक टिकट पर जगह.

भारतीय डाक विभाग ने देश की तमाम बड़ी हस्तियों, स्मारक आदि के चित्र को डाक टिकट पर छापे हैं. यही नहीं, राज्य की भी कई बड़ी हस्तियों को भी डाक टिकट पर जगह मिली हैं. जिसमें सबसे पहले साल 1965 में भारत रत्न उपाधि से सम्मानित पंडित बल्लभ पंत का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था. इसके साथ ही तमाम केंद्रीय संस्थान, देहरादून रेलवे और धार्मिक स्थलों के चित्र को भी डाक टिकट में छापा गया है.

पढ़ेंः विश्व डाक दिवस: समय के साथ बदल गई चिट्ठी, आज भी सहेज कर रखे हैं 50 साल पुराने डाक टिकट

आइए, जानते हैं किन हस्तियों और स्थलों को कब-कब डाक टिकट में जगह मिलीः

  • साल 1965 में भारत रत्न उपाधि से विभूषित पंडित गोविन्द बल्लभ पन्त का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1966 में स्वामी रामतीर्थ का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1967 में भारतीय सर्वेक्षण विभाग को 200 वर्ष पूर्ण करने पर भारतीय सर्वेक्षण विभाग का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1970 में स्वामी श्रद्धानंद का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1975 में राज्य पक्षी मोनाल का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1976 में जिम कार्बेट पार्क का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1977 में राज्य वृक्ष बुरांश का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1982 में स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1982 में राज्य पुष्प ब्रह्मकमल का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1983 में गोमुख का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1986 में कार्बेट नेशनल पार्क का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1989 में बद्रीनाथ धाम के संस्थापक आदि गुरु शंकराचार्य का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1991 में शांतिकुंज, हरिद्वार के संस्थापक श्रीराम शर्मा आचार्य का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1993 में राहुल सांकृत्यायन का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • 23 अप्रैल 1994 में पेशावर कांड के सेनानी वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1997 में राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज को 75 वर्ष पूर्ण करने पर राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 1997 में रुड़की विश्वविद्यालय का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2000 में देहरादून रेल को 100 वर्ष पूर्ण होने पर देहरादून रेल का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2001 में विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2002 में गुरुकुल कांगड़ी को 100 साल पूर्ण होने पर गुरुकुल कांगड़ी, हरिद्वार का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2003 में देश के चारों धामो में सर्वश्रेष्ठ धाम, बद्रीनाथ धाम का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2003 में राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थलों में सुमार कैम्पटी जल प्रपात का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2006 में पंडित नैन सिंह रावत का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2006 में चमोली स्थित रूपकुण्ड झील का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2014 में नन्दा देवी का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2015 में सुमित्रानंदन पंत का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2016 में गढ़वाल राइफल्स बटालियन नंबर 3 का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2017 में कुमांऊं रेजीमेंट बटालियन नंबर 3 का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
  • साल 2018 में हेमवती नंदन बहुगुणा का चित्र डाक टिकट पर छापा गया था.
Last Updated : Oct 9, 2020, 5:14 PM IST
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