देहरादून: विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस पर देहरादून एफआरआई में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसी बीच डीजी फॉरेस्ट भारत सरकार ने फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में आगामी एक्शन प्लान पर बातचीत की. इस दौरान इस दिन के महत्व और आमजन की सहभागिता को लेकर भी चर्चा की गई. देश में मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए वन मंत्रालय विशेष एक्शन प्लान पर काम कर रहा है.
कार्यक्रम के दौरान एक तरफ विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस के महत्व पर चर्चा की गई, तो दूसरी तरफ विभिन्न स्तरों पर इस समस्या के समाधान के लिए किए जाने वाले कार्यों और आम सहभागिता को बनाए जाने पर भी चर्चा हुई. इस बार विश्व स्तर पर इस दिवस की थीम Her land her Rights रखी गई है. यानी इस बार महिलाओं की सहभागिता को सूखा और मरुस्थलीकरण की समस्या के लिए बनाए जाने पर फोकस किया गया है.
साल 1994 में संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली ने मरुस्थलीकरण और सूखा जैसी समस्याओं के लिए हर साल 17 जून को इसे एक विशेष दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया था. जिसके तहत दुनिया भर में मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम पर चिंतन किया जाता है. साथ ही इसके लिए आगामी एक्शन प्लान भी तैयार किए जाते हैं.
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भारत सरकार के डीजी फॉरेस्ट सीपी गोयल ने बताया कि पिछले कई सालों से लगातार इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं और यह देखा गया है कि इन प्रयासों के जरिए मरुस्थलीकरण और सूखा क्षेत्र की रोकथाम की जा सकती है. उन्होंने बताया कि इसमें आगामी एक्शन प्लान भी तैयार हुआ है, जिसमें तकनीक का बेहतर इस्तेमाल करने और एक व्यवस्थित कार्यक्रम के तहत इस समस्या से निजात पाने की कोशिश की गई है.
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