ऋषिकेश: व्यंजना आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी प्रयागराज एवं जीएमवीएन के संयुक्त तत्वावधान में गंगा के लिए मुनि की रेती स्थित गंगा रिसॉर्ट में दो दिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया गया. शनिवार को आयोजित इस कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने शिरकत की. इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि गंगा भारतीय संस्कृति, सभ्यता और अस्मिता का प्रतीक है. गंगा की अविरल और निर्मल धारा के बिना भारतीय संस्कृति की कल्पना नहीं की जा सकती.
इस अवसर पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने दीप प्रचलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. साथ ही कार्यक्रम में विदेशी प्रतिभागी भी भाग लेने पहुंचे हैं. सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक परिप्रेक्ष्य में गंगा विषय पर आयोजित गोष्ठी के प्रथम दिवस पर देश के विभिन्न कोनों से विद्वतजन एवं शोधार्थियों ने भाग लिया. इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत में अनादि काल से ही गंगा जीवनदायिनी और मोक्षदायिनी रही है. गंगा भारतीय संस्कृति, सभ्यता और अस्मिता का प्रतीक है.
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गंगा की अविरल और निर्मल धारा के बिना भारतीय संस्कृति की कल्पना नहीं की जा सकती. हरियाणा से आई प्रतिभागी तनुश्री ने कहा कि गंगा के किनारे का नजारा देखकर भावविभोर हो गई है,उन्होंने कहा कि यहां आने बाद गंगा की निर्मलता और दिव्यता की वे मुरीद हो गई है. तनुश्री ने कहा कि गंगा केवल नदी ही नहीं, एक संस्कृति है. हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, इसलिए गंगा के साथ संस्कृति और संस्कारों का संरक्षण होना जरूरी है.
कार्यक्रम की आयोजक डॉक्टर मधुरानी शुक्ला ने कहा कि देश की प्राकृतिक संपदा ही नहीं, जन-जन की भावनात्मक आस्था का आधार भी है. सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण गंगा की उपासना मां और देवी के रूप में की जाती है. गंगा का महत्व पर्यटन पर आधारित आय के कारण भी है. इसके तट पर ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण तथा प्राकृति सौंदर्य से भरपूर कई पर्यटन स्थल है जो राष्ट्रीय आय का महत्वपूर्ण स्रोत हैं.