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नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 148 हुई - floods landslides in Nepal - FLOODS LANDSLIDES IN NEPAL

Floods Landslides In Nepal, नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन के कारण 148 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं कई लोग अभी लापता हैं. इसके अलावा कई राजमार्ग अवरुद्ध हैं. लोगों को बचने के लिए 20 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों को लगाया गया है.

Floods and landslides in Nepal
नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन (AP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 29, 2024, 10:12 PM IST

काठमांडू : नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन की वजह से मरने वालों की संख्या रविवार को बढ़कर 148 हो गई. यह जानकारी पुलिस ने दी. बता दें कि शुक्रवार से पूर्वी और मध्य नेपाल के बड़े इलाके जलमग्न हो गए हैं और देश के कई हिस्सों में अचानक बाढ़ आ गई है. पुलिस के मुताबिक काठमांडू घाटी में बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं बाढ़, भूस्खलन और जलभराव के कारण 55 लोग लापता हैं, जबकि 101 लोग घायल हुए हैं.

इतना ही नहीं भूस्खलन होने से शनिवार से ही राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हैं जिससे सैकड़ों लोग विभिन्न राजमार्गों पर फंस गए हैं. वहीं बाढ़ और भूस्खलन से 322 मकान और 16 पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं. बताया जाता है कि लोगों को बचाने के लिए 20 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों को लगाया गया है. साथ ही लगभग 3,626 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

हालांकि बचाव अभियान अब भी जारी है. इस बारे में गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने कहा कि भूस्खलन से क्षतिग्रस्त राजमार्गों को चालू करने के प्रयास जारी हैं. दूसरी तरफ सशस्त्र पुलिस बल ने अपने एक बयान में कहा कि मरने वालों की संख्या 125 तक पहुंच गई है. काठमांडू के पास स्थित धादिंग जिले में एक बस भूस्खलन की जद में आ गई, जिससे 19 लोगों की मौत हो गई. भक्तपुर शहर में भूस्खलन में एक मकान के गिर जाने से पांच लोगों की मौत हो गई.

इसी तरह मकवानपुर में ऑल इंडिया नेपाल एसोसिएशन का एक प्रशिक्षण केंद्र भूस्खलन की चपेट में आ गया, इससे छह फुटबॉल खिलाड़ी मारे गए. हालांकि मंगलवार तक बारिश जारी रहने के अनुमान के बाद भी रविवार को थोड़ी राहत रही. आईसीआईएमओडी में जलवायु और पर्यावरण विशेषज्ञ अरुण भक्त श्रेष्ठ का कहना है कि उन्होंने काठमांडू में इससे पहले कभी इतने बड़े स्तर पर बाढ़ को नहीं देखा.

बता दें कि काठमांडू की मुख्य नदी बागमती पूर्वी तथा मध्य नेपाल में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से पूरे एशिया में बारिश की मात्रा और समय में बदलाव आ रहा है. फिलहाल बाढ़ और भूस्खलन के कारण नेपाल के कई हिस्सों में जनजीवन ठप हो गया है. कई राजमार्ग और सड़कें अवरुद्ध हैं. इसके अलावा सैकड़ों मकान और पुल बह गए हैं तथा सैकड़ों परिवार विस्थापित हो गए हैं.

ये भी पढ़ें- नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन से 66 लोगों की मौत, 60 घायल

काठमांडू : नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन की वजह से मरने वालों की संख्या रविवार को बढ़कर 148 हो गई. यह जानकारी पुलिस ने दी. बता दें कि शुक्रवार से पूर्वी और मध्य नेपाल के बड़े इलाके जलमग्न हो गए हैं और देश के कई हिस्सों में अचानक बाढ़ आ गई है. पुलिस के मुताबिक काठमांडू घाटी में बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं बाढ़, भूस्खलन और जलभराव के कारण 55 लोग लापता हैं, जबकि 101 लोग घायल हुए हैं.

इतना ही नहीं भूस्खलन होने से शनिवार से ही राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हैं जिससे सैकड़ों लोग विभिन्न राजमार्गों पर फंस गए हैं. वहीं बाढ़ और भूस्खलन से 322 मकान और 16 पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं. बताया जाता है कि लोगों को बचाने के लिए 20 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मियों को लगाया गया है. साथ ही लगभग 3,626 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

हालांकि बचाव अभियान अब भी जारी है. इस बारे में गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ऋषिराम तिवारी ने कहा कि भूस्खलन से क्षतिग्रस्त राजमार्गों को चालू करने के प्रयास जारी हैं. दूसरी तरफ सशस्त्र पुलिस बल ने अपने एक बयान में कहा कि मरने वालों की संख्या 125 तक पहुंच गई है. काठमांडू के पास स्थित धादिंग जिले में एक बस भूस्खलन की जद में आ गई, जिससे 19 लोगों की मौत हो गई. भक्तपुर शहर में भूस्खलन में एक मकान के गिर जाने से पांच लोगों की मौत हो गई.

इसी तरह मकवानपुर में ऑल इंडिया नेपाल एसोसिएशन का एक प्रशिक्षण केंद्र भूस्खलन की चपेट में आ गया, इससे छह फुटबॉल खिलाड़ी मारे गए. हालांकि मंगलवार तक बारिश जारी रहने के अनुमान के बाद भी रविवार को थोड़ी राहत रही. आईसीआईएमओडी में जलवायु और पर्यावरण विशेषज्ञ अरुण भक्त श्रेष्ठ का कहना है कि उन्होंने काठमांडू में इससे पहले कभी इतने बड़े स्तर पर बाढ़ को नहीं देखा.

बता दें कि काठमांडू की मुख्य नदी बागमती पूर्वी तथा मध्य नेपाल में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से पूरे एशिया में बारिश की मात्रा और समय में बदलाव आ रहा है. फिलहाल बाढ़ और भूस्खलन के कारण नेपाल के कई हिस्सों में जनजीवन ठप हो गया है. कई राजमार्ग और सड़कें अवरुद्ध हैं. इसके अलावा सैकड़ों मकान और पुल बह गए हैं तथा सैकड़ों परिवार विस्थापित हो गए हैं.

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