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मानव और वन्यजीवों के बीच बढ़ा संघर्ष, घटनाओं पर अंकुश लगाना वन विभाग लिए बना चुनौती

उत्तराखंड में जगह-जगह जंगली जानवरों के हमले बढ़ते जा रहे हैं, लेकिन उत्तराखंड वन विभाग कुछ नहीं कर पा रहा है. मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकना उत्तराखंड वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती है.

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Published : Aug 30, 2019, 11:17 PM IST

वन विभाग की कार्यशाला

देहरादून: मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकना उत्तराखंड वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती है. इस चुनौती से पार पाने के लिए शुक्रवार को देहरादून में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में मनुष्य व वन्यजीवों के बीच लगातार बड़ रहे संघर्ष और दोनों की सुरक्षा के लिए मानव वन्यजीव संघर्ष विषय पर विचार विमर्श किया गया. कार्यशाला में वन विभाग के अलावा शासन स्तर के अधिकारी भी मौजूद थे.

इस दौरान मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक राजीव भरतरी ने बताया कि प्रमुख सचिव वन की अध्यक्षता में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया था. इस बैठक में 12 सरकारी और गैर सरकारी संगठनों ने भाग लिया था. कई एनजीओ ने भी इसमें प्रतिभाग किया.

पढ़ें- दून की सब्जी मंडियों का होगा कायाकल्प, आधुनिक शौचालय और रेस्ट रूम से होंगी सुसज्जित

भरतरी ने बताया कि मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्य योजना तैयार की जा रही है. कार्यशाला में अलग-अलग संस्थाएं जो काम कर रही हैं उन्होंने अपने अनुभव को साझा किया. इस कार्यशाला का अहम उद्देश्य मानव वन्यजीव संघर्ष के लिए एक दीर्घकालीन रणनीति तैयार करना है.

देहरादून: मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकना उत्तराखंड वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती है. इस चुनौती से पार पाने के लिए शुक्रवार को देहरादून में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में मनुष्य व वन्यजीवों के बीच लगातार बड़ रहे संघर्ष और दोनों की सुरक्षा के लिए मानव वन्यजीव संघर्ष विषय पर विचार विमर्श किया गया. कार्यशाला में वन विभाग के अलावा शासन स्तर के अधिकारी भी मौजूद थे.

इस दौरान मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक राजीव भरतरी ने बताया कि प्रमुख सचिव वन की अध्यक्षता में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया था. इस बैठक में 12 सरकारी और गैर सरकारी संगठनों ने भाग लिया था. कई एनजीओ ने भी इसमें प्रतिभाग किया.

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भरतरी ने बताया कि मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्य योजना तैयार की जा रही है. कार्यशाला में अलग-अलग संस्थाएं जो काम कर रही हैं उन्होंने अपने अनुभव को साझा किया. इस कार्यशाला का अहम उद्देश्य मानव वन्यजीव संघर्ष के लिए एक दीर्घकालीन रणनीति तैयार करना है.

Intro:एंकर- देहरादून में आज मानव वन्यजीव संघर्ष उत्तराखंड राज्य में वन्यजीव प्रबंधक की प्रमुख चुनौतियों को पूरा करने के लिए वन विभाग में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मनुष्य व वन्यजीवों के बीच लगातार बड़ रहे संघर्ष और दोनो की सुरक्षा के लिए मानव वन्यजीव संघर्ष विषय पर विचार विमर्श किया गया। कार्यशाला में शासन स्तर सहीत तमाम विभागीय वन अधिकारियों के अतिरिक्त मानव वन्यजीव संघर्ष के क्षेत्र में उत्तराखंड राज्य में कार्यरत प्रमुख संस्थाओं की उपस्थिति रही।Body:कार्यशाला के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक राजीव भरतरी ने बताया कि प्रमुख सचिव वन की अध्यक्षता में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया थी और इस बैठक में 12 सरकारी और गैर सरकारी संगठनो ने भाग लिया जिसमें से कई एनजीओ ने भी इसमें प्रतिभाग किया। कार्यशाला में अलग-अलग संस्थाएं जो काम कर रही हैं उन्होंने अपने अनुभव को साझा किया तो वहीं जर्मन टेक्नीशियन के प्रोजेक्ट जो कि 3 राज्यों में पूरे किए जाएंगे जिनका अहम उद्देश्य मानव वन्यजीव संघर्ष के लिए एक दीर्घकालीन रणनीति तैयार करना है वह भी साझा किया गया जो कि विभिन्न संस्थाओं व संगठनों के प्रयासों द्वारा सफल किया जाएगा।

बाइट- राजीव भरतरी (राज्य मुख्य वन्य जीव , प्रतिपालक)Conclusion:
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