मसूरी: मजदूर संगठनों ने सोमवार को पिक्चर पैलेस चौक से लेकर नगर पालिका परिषद मसूरी तक विरोध रैली निकाली. इस दौरान उन्होंने शासन-प्रशासन, स्थानीय विधायक और पालिका अध्यक्ष के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं अधिशासी अधिकारी एमएल शाह का घेराव कर उनसे सीज किए गए कमरों की चाबी देने की मांग की. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई
मजदूर संगठनों की मांग है कि जब तक सरकार और स्थानीय प्रशासन बेघर हुए मजदूर को विस्थापित नहीं करती तब तक उनका विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा. इतना ही नहीं उन्होंने प्रदेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट पुरुकुल मसूरी रोप-वे का भी पुरजोर विरोध किया है.
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प्रदर्शनकारी केदार सिंह चौहान, परमवीर खरोला और देवी गोदियाल ने कहा कि प्रशासन ने आईडीएच में रह रहे लोगों को बेघर कर दिया. जबकि इन सब लोगों को आपदा के समय नगर पालिका ने ही बसाया था. प्रशासन शिफन कोर्ट में रह रहे लोगों को कही और बसाने के लिए दूसरों को बेघर कर रहा है, जिसे किसी भी सूरत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पालिका और स्थानीय प्रशासन को मिलकर बेघर हुए लोगों को विस्थापित करना चाहिए. सरकार विकास के नाम पर गरीबों को उजाड़ रही है, जो गलत है.
इस बारे में पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि वह पीड़ित लोगों के साथ खड़े हुए हैं. 10 सितंबर को पालिका बोर्ड की आपातकालीन बैठक बुलाई गई है. बैठक में विस्थापित लोगों के लिए जगह चिन्हित कर प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा.