देहरादून: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में महिला न सिर्फ आर्थिकी बल्कि लोकतंत्र का मजबूत स्तम्भ हैं. पहाड़ की महिलाओं सभी कामों में अहम भूमिका निभा रही हैं. 2017 की तरह 2022 के विधानसभा चुनाव में भी पहाड़ की महिलाओं ने वोटिंग में अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज करवाई है. सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज (एसडीसी) ने इसका लेकर एक रिपोर्ट जारी की है.
एसडीसी की रिपोर्ट के अनुसार 2017 के विधानसभा चुनाव की तरह उत्तराखंड के 9 पहाड़ी जिलों की 33 विधानसभा सीटों पर एक बार फिर महिलाओं ने पुरुषों की अपेक्षा अधिक मतदान किया है. एकमात्र उत्तरकाशी जिले की पुरोला सीट है, जहां पर मतदान करने में पुरुष महिला मतदाताओं को पछाड़ रहे हैं. यहां पर महिलाओं से 1260 अधिक पुरुष मतदाता वोट करने पहुंचे हैं.
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एसडीसी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने बताया कि हाल ही में उत्तराखंड में सम्पन्न हुए पांचवें विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सिटीजन इंगेजमेंट, वोटर अवेयरनेस, पलायन, महिला सशक्तिकरण और डेमोग्राफिक चेंज के आधार पर वुमन पार्टिसिपेशन एंड उत्तराखंड 2022 इलेक्शन डाटा कर एक रिपोर्ट पेश की है. हालांकि इस बार महिला और पुरुष मतदाताओं में अंतर 2017 के मुकाबले कम था.
रिपोर्ट के अनुसार पर्वतीय जिलों की सीटों पर 2017 में महिला वोटर पुरुषों से औसतन 5,116 वोट आगे थी, लेकिन इस बार ये अंतर कम हुआ है. इस बार महिला और पुरुष वोटरों का अंतर 3,885 रहा. इस अंतर के कम होने का कारण नौटियाल कोरोना काल में हुए रिवर्स माइग्रेशन को मानते हैं.
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एसडीसी की रिपोर्ट के अनुसार 2022 चुनाव में 34 पर्वतीय सीटों पर 16,23,951 पुरुष मतदाताओं में से केवल 8,59,642 यानी 52.94 प्रतिशत ने मतदान किया. इसकी तुलना में 15,60,869 महिला मतदाताओं में से 9,91,748 यानी 63.54 प्रतिशत ने मतदान किया है.
रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं और पुरुषों की संख्या में सबसे बड़ा अंतर घनसाली विधानसभा सीट में रहा. यहां पुरुषों के मुकाबले 9,541 सबसे अधिक महिलाओं ने मतदान किया. इसके बाद रुद्रप्रयाग और बागेश्वर में 9,381 और 7,943 महिलाओं ने पुरुषों की अपेक्षा अधिक मतदान किया है.