ETV Bharat / state

करवा चौथः जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और क्या करें दिन भर

करवा चौथ को लेकर बाजारों में अभी से रौनक दिखने लगी है. ज्योतिषाचार्य सुभाष जोशी के अनुसार हिंदू धर्म में नारी को शक्ति का रूप माना गया है. इसीलिए नारी को यह वरदान है कि वह जिस मनोकामना के लिए तप या व्रत करेगी उसका फल उसे अवश्य मिलेगा.

author img

By

Published : Oct 14, 2019, 9:03 PM IST

Updated : Oct 14, 2019, 10:55 PM IST

करवा चौथ को लेकर बाजारों में अभी से रौनक दिखने लगी है.

देहरादून: देशभर में आगामी 17 अक्टूबर को सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का उपवास रखेंगी. करवा चौथ को लेकर बाजारों में अभी से रौनक दिखने लगी है. महिलाएं नए कपड़ों और सोलह श्रृंगार से जुड़े विभिन्न सामानों की जमकर खरीदारी कर रहीं हैं.

गौरतलब है कि भारतीय पर्व करवा चौथ की सबसे बड़ी खासियत यह है इस दिन सुहागिनें अपने पति की दीर्घायु के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं. ऐसे में करवा चौथ के इस खास पर्व को और बेहतर तरह से समझने के लिए ईटीवी भारत ने ज्योतिषाचार्य सुभाष जोशी से खास बातचीत की.

करवा चौथ को लेकर बाजारों में अभी से रौनक दिखने लगी है.

यह भी पढ़ें-अयोध्या में धारा 144 लागू, बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात

ज्योतिषाचार्य सुभाष जोशी ने बताया की करवा चौथ में 'करवा' शब्द पात्र के रूप में आया है. इस दिन महिलाएं मिट्टी, चांदी, पीतल या किसी भी अन्य धातु से बने करवे से चांद को अर्ध देती हैं.

यह भी पढ़ें-अगर PAK वाकई आतंकवाद से लड़ना चाहता है, तो हम सेना भेजने को तैयार : राजनाथ सिंह

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि हिंदू धर्म में नारी को शक्ति का रूप माना गया है. इसलिए नारी को यह वरदान है कि वह जिस भी मनोकामना के लिए तप या व्रत करेगी तो उसका फल उसे अवश्य मिलेगा.

यह भी पढ़ें-मसूरी पहुंचे पूर्व एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ, बोले- देश के लिए हो सच्चा प्यार

ऐसे में सभी महिलाएं जो करवा चौथ का व्रत रखने जा रही हैं, उन्हें सुबह उठकर स्नान कर भगवान शिव, माता गौरी, गणेश जी और चंद्रमा की विधिवत पूजा अर्चना करनी चाहिए. ऐसा करने से माता गौरी सुहागन महिलाओं के सुहाग की सदैव रक्षा करती हैं.

यह भी पढ़ें-देहरादून: पंखे से लटकर व्यक्ति ने की खुदकुशी, जांच में जुटी पुलिस

वहीं, इस साल करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:55 से शाम 7:12 तक है. शाम 7:30 से 8:20 तक महिलाएं चांद का दीदार कर घर के बड़ों का आशीर्वाद लेने के बाद अपना व्रत खोल सकती हैं.

देहरादून: देशभर में आगामी 17 अक्टूबर को सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का उपवास रखेंगी. करवा चौथ को लेकर बाजारों में अभी से रौनक दिखने लगी है. महिलाएं नए कपड़ों और सोलह श्रृंगार से जुड़े विभिन्न सामानों की जमकर खरीदारी कर रहीं हैं.

गौरतलब है कि भारतीय पर्व करवा चौथ की सबसे बड़ी खासियत यह है इस दिन सुहागिनें अपने पति की दीर्घायु के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं. ऐसे में करवा चौथ के इस खास पर्व को और बेहतर तरह से समझने के लिए ईटीवी भारत ने ज्योतिषाचार्य सुभाष जोशी से खास बातचीत की.

करवा चौथ को लेकर बाजारों में अभी से रौनक दिखने लगी है.

यह भी पढ़ें-अयोध्या में धारा 144 लागू, बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात

ज्योतिषाचार्य सुभाष जोशी ने बताया की करवा चौथ में 'करवा' शब्द पात्र के रूप में आया है. इस दिन महिलाएं मिट्टी, चांदी, पीतल या किसी भी अन्य धातु से बने करवे से चांद को अर्ध देती हैं.

यह भी पढ़ें-अगर PAK वाकई आतंकवाद से लड़ना चाहता है, तो हम सेना भेजने को तैयार : राजनाथ सिंह

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि हिंदू धर्म में नारी को शक्ति का रूप माना गया है. इसलिए नारी को यह वरदान है कि वह जिस भी मनोकामना के लिए तप या व्रत करेगी तो उसका फल उसे अवश्य मिलेगा.

यह भी पढ़ें-मसूरी पहुंचे पूर्व एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ, बोले- देश के लिए हो सच्चा प्यार

ऐसे में सभी महिलाएं जो करवा चौथ का व्रत रखने जा रही हैं, उन्हें सुबह उठकर स्नान कर भगवान शिव, माता गौरी, गणेश जी और चंद्रमा की विधिवत पूजा अर्चना करनी चाहिए. ऐसा करने से माता गौरी सुहागन महिलाओं के सुहाग की सदैव रक्षा करती हैं.

यह भी पढ़ें-देहरादून: पंखे से लटकर व्यक्ति ने की खुदकुशी, जांच में जुटी पुलिस

वहीं, इस साल करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:55 से शाम 7:12 तक है. शाम 7:30 से 8:20 तक महिलाएं चांद का दीदार कर घर के बड़ों का आशीर्वाद लेने के बाद अपना व्रत खोल सकती हैं.

Intro:Karwa Chawth- Special story

File send from FTP

FTP Folder-
uk_deh_01_karwa_chawth_pkg_7201636

देहरादून- देशभर में आगामी 17 अकटुबर को सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का उपवास रखेंगी । ऐसे में करवा चौथ को लेकर बाजारों में अभी से रौनक दिखने लगी है । महिलाएं नए कपड़ों और सोलह सिंगार से जुड़े विभिन्न सामानों की जमकर खरीदारी कर रही है ।

गौरतलब है कि भारतीय पर्व करवाचौथ की सबसे बड़ी खासियत यह है इस दिन सुहागिने अपने पति की दीर्घायु के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं । ऐसे में करवा चौथ के इस खास पर्व को और बेहतर तरह से समझने के लिए ईटीवी भारत ने ज्योतिषाचार्य सुभाष जोशी से खास बात- चीत की।

ईटीवी भारत से खास बातचीत में ज्योतिषाचार्य सुभाष जोशी ने बताया की करवा चौथ में 'करवा' शब्द पात्र के रूप में आया है । इस दिन महिलाएं मिट्टी, चांदी ,पीतल, या किसी भी अन्य धातु से बने करवे से चांद को अर्ग दे सकती हैं ।




Body:ज्योतिषाचार्य सुभाष जोशी बताते हैं कि हिंदू धर्म में नारी को शक्ति का रूप माना गया है इसीलिए नारी को यह वरदान है कि वह जिस भी कार्य मनोकामना के लिए तब या व्रत करेगी तो उसका फल उसे अवश्य मिलेगा । ऐसे में सभी महिलाएं जो करवा चौथ का व्रत रखने जा रही हैं उन्हें सुबह उठकर स्नान कर भगवान शिव ,माता गौरी, गणेश जी और चंद्रमा की विधिवत पूजा अर्चना करनी चाहिए । ऐसा करने से माता गौरी सुहागन महिलाओं के सुहाग की सदैव रक्षा करती हैं।







गौरतलब है कि करवा चौथ पर इस साल पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:55 से शाम 7:12 तक है । वहीं शाम 7:30 से 8:20 तक महिलाएं चांद का दीदार कर महिलाएं घर के बढ़ो का आशीर्वाद लेने के बाद अपना व्रत खोल सकती हैं ।


Conclusion:
Last Updated : Oct 14, 2019, 10:55 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.