देहरादून: देशभर में आगामी 17 अक्टूबर को सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का उपवास रखेंगी. करवा चौथ को लेकर बाजारों में अभी से रौनक दिखने लगी है. महिलाएं नए कपड़ों और सोलह श्रृंगार से जुड़े विभिन्न सामानों की जमकर खरीदारी कर रहीं हैं.
गौरतलब है कि भारतीय पर्व करवा चौथ की सबसे बड़ी खासियत यह है इस दिन सुहागिनें अपने पति की दीर्घायु के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं. ऐसे में करवा चौथ के इस खास पर्व को और बेहतर तरह से समझने के लिए ईटीवी भारत ने ज्योतिषाचार्य सुभाष जोशी से खास बातचीत की.
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ज्योतिषाचार्य सुभाष जोशी ने बताया की करवा चौथ में 'करवा' शब्द पात्र के रूप में आया है. इस दिन महिलाएं मिट्टी, चांदी, पीतल या किसी भी अन्य धातु से बने करवे से चांद को अर्ध देती हैं.
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ज्योतिषाचार्य ने बताया कि हिंदू धर्म में नारी को शक्ति का रूप माना गया है. इसलिए नारी को यह वरदान है कि वह जिस भी मनोकामना के लिए तप या व्रत करेगी तो उसका फल उसे अवश्य मिलेगा.
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ऐसे में सभी महिलाएं जो करवा चौथ का व्रत रखने जा रही हैं, उन्हें सुबह उठकर स्नान कर भगवान शिव, माता गौरी, गणेश जी और चंद्रमा की विधिवत पूजा अर्चना करनी चाहिए. ऐसा करने से माता गौरी सुहागन महिलाओं के सुहाग की सदैव रक्षा करती हैं.
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वहीं, इस साल करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:55 से शाम 7:12 तक है. शाम 7:30 से 8:20 तक महिलाएं चांद का दीदार कर घर के बड़ों का आशीर्वाद लेने के बाद अपना व्रत खोल सकती हैं.