देहरादून: उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने 8 जनवरी को राष्ट्रीय चाइल्ड लाइन, नई दिल्ली को पत्र लिखकर बिहार के भागलपुर की रहने वाली एक भिक्षु महिला के परिवारजनों का पता लगाने को कहा था. ये महिला पिछले दो से ढाई सालों से अपने दो बच्चों के साथ जोशीमठ की सड़कों पर भीख मांग कर अपना गुजर-बसर कर रही है.
परिवार से मिलेगी महिला
ऐसे में राहत की बात यह है कि राष्ट्रीय चाइल्ड लाइन, नई दिल्ली के सहयोग से भिक्षु महिला के परिवारजनों का पता लग चुका है. महिला का पति नरेश हरि भागलपुर से उन्हें लेने देहरादून आ रहा है. जिसे बाल आयोग की एक बड़ी सफलता कहा जा सकता है. एक परिवार जो ढाई साल पहले बिछड़ गया था, वह एक बार फिर एक होने जा रहा है. बता दें कि राजधानी देहरादून के सर्वे चौक स्थित वन स्टॉप सेंटर से आज शाम महिला और उसके दो बच्चों को काउंसलिंग और स्वास्थ्य प्रशिक्षण के बाद पति नरेश हरि के सुपुर्द कर दिया जाएगा.
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भागलपुर की है महिला
महिला खुद को बिहार के भागलपुर थाना क्षेत्र के हमीरपुर की रहने वाली बता रही है. ऐसे में महिला को उसके निवास स्थान तक पहुंचाने के लिए आयोग ने राष्ट्रीय चाइल्ड लाइन को सहयोग प्रदान करने को कहा है.
दो से ढाई साल पहले बदरीनाथ आई थी महिला
बीते 5 जनवरी को जोशीमठ के समाजसेवी ओमप्रकाश डोभाल ने आयोग को पत्र लिखा था. उन्होंने बताया था कि एक महिला ढाई साल पहले किसी अज्ञात व्यक्ति के साथ बदरीनाथ धाम आई थी. वह व्यक्ति महिला और उसके बच्चों को जोशीमठ छोड़कर चला गया. तब से यह महिला अपने दो बच्चों का गुजर-बसर करने के लिए भीख मांग रही है. ऐसे में समाजसेवी ओमप्रकाश डोभाल की शिकायत का संज्ञान लेते हुए राज्य महिला आयोग की ओर से बाल कल्याण समिति और चाइल्ड लाइन जोशीमठ को महिला और उसके बच्चों के लिए उचित व्यवस्था और सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश जारी किया गया था. वहीं, जिला परियोजना अधिकारी के साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से महिला और दोनों बच्चों के लिए गर्म कपड़े उपलब्ध कराए गए हैं.