डोइवाला: प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर लाख दावे करती हो. लेकिन सीएम के विधानसभा क्षेत्र में ही मरीज स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ रहे हैं. ताजा मामला हंसुवाला क्षेत्र का है, जहां 35 वर्षीय महिला ज्योति जायसवाल की इलाज के दौरान डेंगू की बीमारी से मौत हो गई. परिजन महिला को सबसे पहले हिमालयन अस्पताल जॉलीग्रांट और कैलाश अस्पताल ले गए, लेकिन आईसीयू खाली न होने का हवाला देकर अस्पताल प्रशासन ने मना कर दिया. इसके बाद परिजन कई अस्पतालों में लेकर घूमें, लेकिन भर्ती न हो पाने के कारण महिला की इलाज के अभाव में मौत हो गई.
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की डोइवाला विधानसभा क्षेत्र के हंसुवाला की रहने वाली 35 वर्षीय ज्योति जायसवाल की 19 अक्टूबर को डेंगू की बीमारी से मौत हो गई. परिजनों ने बताया कि वो महिला को लेकर पहले नजदीकी हिमालय हॉस्पिटल लेकर गए, लेकिन डॉक्टरों ने इलाज करने के बाद आईसीयू में जगह न होने का हवाला देकर भर्ती करने से मना कर दिया. उसके बाद वो जोगीवाला स्थित कैलाश हॉस्पिटल गए, लेकिन वहां पर भी परिजनों को आईसीयू फुल होने की बात कहकर मना कर दिया गया. उसके बाद वे ज्योति को लेकर देहरादून के कई नामी हॉस्पिटल में लेकर गए. लेकिन, सभी जगह आईसीयू न होने का हवाला देकर मरीज को भर्ती करने से मना कर दिया गया. आखिर कार शाम को इलाज के अभाव में महिला ज्योति ने दम तोड़ दिया.
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सामाजिक कार्यकर्ता गौरव मल्होत्रा ने बताया कि इस घटना से सरकार के सिस्टम की पोल खुलती है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की डोइवाला विधानसभा की ये घटना है, जहां पर एक 35 साल की महिला सिस्टम की लाचारी की शिकार हो गई. इस घटना से पूरे क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के प्रति भारी नाराजगी है. उनका कहना है कि स्वास्थ्य विभाग खुद मुख्यमंत्री देख रहे हैं और उनकी विधानसभा में अगर ऐसी घटनाएं हो रही है तो दूसरे क्षेत्रों का हाल खुद बयां हो जाता है.