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विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ने एवरेस्ट पर गाया राष्ट्रगान, उत्तरकाशी एवलॉन्च की घटना पर जताया शोक

भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ने इसी साल 21 मई को बिना ऑक्सीजन सपोर्ट के माउंट एवरेस्ट को फतह किया और राष्ट्रगान गाकर तिरंगा फहराया था. विक्रांत उनियाल उत्तराखंड के रहने वाले हैं. उन्होंने उत्तरकाशी एवलॉन्च में पर्वतारोहियों की मौत पर गहरा दुख जताया है.

Wing Commander Vikrant Uniyal
विंग कमांडर विक्रांत उनियाल
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Published : Oct 7, 2022, 5:31 PM IST

Updated : Oct 7, 2022, 5:37 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड के विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ऐसे शख्स हैं. जिन्होंने बिना ऑक्सीजन सपोर्ट के माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की और राष्ट्रगान गाया. यह कीर्तिमान उन्होंने 21 मई को बनाया था. उन्होंने उत्तरकाशी के द्रौपदी का डांडा 2 में आए एवलॉन्च में दिवंगत हुए प्रशिक्षक और प्रशिक्षणार्थियों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.

भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि किसी पर्वतारोही ने एवरेस्ट फतह करने के दौरान राष्ट्रगान गाया. बता दें कि विंग कमांडर विक्रांत एयर फोर्स के सेंट्रल कमांड हेडक्वार्टर प्रयागराज में पोस्टेड हैं. उनका सपना आजादी का अमृत महोत्सव यानी स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर विश्व के सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराना था. जिसके लिए उन्होंने अप्रैल महीने में एवरेस्ट अभियान में भाग लिया था.

विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ने एवरेस्ट पर गाया राष्ट्र.

विंग कमांडर विक्रांत उनियाल (Wing Commander Vikrant Uniyal) ने बताया कि चाहे कैसे भी विपरीत परिस्थितियां हों, व्यक्ति को दृढ़ रहना है और उनका सामना डट कर करना है. उन्होंने 21 मई को बिना ऑक्सीजन मास्क के माउंट एवरेस्ट का आरोहण किया और राष्ट्रगान गाया (Vikrant Uniyal sang national anthem Mount Everest). जो कि एक गौरवपूर्ण उपलब्धि और अनुभूति रहा है. उन्होंने बताया कि एवरेस्ट की चढ़ाई एक कठिन यात्रा थी और परिस्थितियां प्रतिकूल थी. पारा भी दिन के समय में 10 से 20 डिग्री गिर जाता था.
ये भी पढ़ेंः एवरेस्ट विजेता विंग कमांडर विक्रांत उनियाल को किया गया सम्मानित

उन्होंने बताया कि डेड जोन में खुम्बु फॉल्स में लगातार बदलते बर्फ संरचनाओं, दरारों और हिमस्खलन से चुनौतियां लगातार बढ़ती जाती थी. इन सब परिस्थितियों में मानवीय सहनशक्ति और कुशल दिशा निर्देशन ही उनका काम आया. बता दें कि एवरेस्ट अभियान का खर्च विक्रांत उनियाल ने खुद वहन किया. उन्होंने अपने अभियान को देश के नाम समर्पित किया था. उन्होंने उत्तरकाशी जिले के द्रौपदी का डांडा 2 में आए हिमस्खलन की घटना (Draupadi Ka Danda Avalanche) में मानवीय क्षति पर गहरा दुख जताया.

Wing Commander Vikrant Uniyal
विंग कमांडर विक्रांत उनियाल

विंग कमांडर विक्रांत उनियाल को जानिएः विक्रांत उनियाल उत्तराखंड के टिहरी के रहने वाले हैं. उनकी पढ़ाई देहरादून के सेंट जोसेफ कॉलेज राजपुर रोड से हुई है. विक्रांत ने इंटर पास करने के बाद ही पहली बार में ही एनडीए पास कर लिया था. साल 1997 में एनडीए और साल 2000 में कमीशन मिला था. साल 2018 में सियाचिन में आर्मी माउंटेनरिंग इंस्टीट्यूट से ट्रेनिंग ली. फिलहाल, विक्रांत एयर फोर्स के सेंट्रल कमांड हेडक्वार्टर प्रयागराज में तैनात हैं. विंग कमांडर विक्रांत उनियाल एक पर्वतारोही भी हैं. उन्होंने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी, सेना पर्वतारोहण संस्थान सियाचिन और राष्ट्रीय पर्वतारोहण और संबद्ध खेल संस्थान अरुणाचल प्रदेश से ट्रेनिंग ली है.

देहरादूनः उत्तराखंड के विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ऐसे शख्स हैं. जिन्होंने बिना ऑक्सीजन सपोर्ट के माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की और राष्ट्रगान गाया. यह कीर्तिमान उन्होंने 21 मई को बनाया था. उन्होंने उत्तरकाशी के द्रौपदी का डांडा 2 में आए एवलॉन्च में दिवंगत हुए प्रशिक्षक और प्रशिक्षणार्थियों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.

भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि किसी पर्वतारोही ने एवरेस्ट फतह करने के दौरान राष्ट्रगान गाया. बता दें कि विंग कमांडर विक्रांत एयर फोर्स के सेंट्रल कमांड हेडक्वार्टर प्रयागराज में पोस्टेड हैं. उनका सपना आजादी का अमृत महोत्सव यानी स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ पर विश्व के सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराना था. जिसके लिए उन्होंने अप्रैल महीने में एवरेस्ट अभियान में भाग लिया था.

विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ने एवरेस्ट पर गाया राष्ट्र.

विंग कमांडर विक्रांत उनियाल (Wing Commander Vikrant Uniyal) ने बताया कि चाहे कैसे भी विपरीत परिस्थितियां हों, व्यक्ति को दृढ़ रहना है और उनका सामना डट कर करना है. उन्होंने 21 मई को बिना ऑक्सीजन मास्क के माउंट एवरेस्ट का आरोहण किया और राष्ट्रगान गाया (Vikrant Uniyal sang national anthem Mount Everest). जो कि एक गौरवपूर्ण उपलब्धि और अनुभूति रहा है. उन्होंने बताया कि एवरेस्ट की चढ़ाई एक कठिन यात्रा थी और परिस्थितियां प्रतिकूल थी. पारा भी दिन के समय में 10 से 20 डिग्री गिर जाता था.
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उन्होंने बताया कि डेड जोन में खुम्बु फॉल्स में लगातार बदलते बर्फ संरचनाओं, दरारों और हिमस्खलन से चुनौतियां लगातार बढ़ती जाती थी. इन सब परिस्थितियों में मानवीय सहनशक्ति और कुशल दिशा निर्देशन ही उनका काम आया. बता दें कि एवरेस्ट अभियान का खर्च विक्रांत उनियाल ने खुद वहन किया. उन्होंने अपने अभियान को देश के नाम समर्पित किया था. उन्होंने उत्तरकाशी जिले के द्रौपदी का डांडा 2 में आए हिमस्खलन की घटना (Draupadi Ka Danda Avalanche) में मानवीय क्षति पर गहरा दुख जताया.

Wing Commander Vikrant Uniyal
विंग कमांडर विक्रांत उनियाल

विंग कमांडर विक्रांत उनियाल को जानिएः विक्रांत उनियाल उत्तराखंड के टिहरी के रहने वाले हैं. उनकी पढ़ाई देहरादून के सेंट जोसेफ कॉलेज राजपुर रोड से हुई है. विक्रांत ने इंटर पास करने के बाद ही पहली बार में ही एनडीए पास कर लिया था. साल 1997 में एनडीए और साल 2000 में कमीशन मिला था. साल 2018 में सियाचिन में आर्मी माउंटेनरिंग इंस्टीट्यूट से ट्रेनिंग ली. फिलहाल, विक्रांत एयर फोर्स के सेंट्रल कमांड हेडक्वार्टर प्रयागराज में तैनात हैं. विंग कमांडर विक्रांत उनियाल एक पर्वतारोही भी हैं. उन्होंने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी, सेना पर्वतारोहण संस्थान सियाचिन और राष्ट्रीय पर्वतारोहण और संबद्ध खेल संस्थान अरुणाचल प्रदेश से ट्रेनिंग ली है.

Last Updated : Oct 7, 2022, 5:37 PM IST
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